आगरा। शहर में कोरोना का ग्राफ घटते ही लोग कंफर्ट जोन में आ गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो छोडि़ए लोग मास्क भी नहीं पहन रहे हैं। भले ही शहर में नए कोरोना संक्रमितों की संख्या न के बराबर सामने आ रही है, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के नियम में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।

क्यों बढ़ रही चिंता?

देश में कोरोनावायरस के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली। मीडिया रिपो‌र्ट्स के अनुसार हाल ही में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने नए स्ट्रेन को लेकर चेतावनी दी। डॉ। गुलेरिया ने आशंका जताई कि भारत में कोरोना का नया स्ट्रेन पहले से ज्यादा संक्रामक हो सकता है। डॉ। गुलेरिया ने महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखने के बाद हम कह सकते हैं कि ये पहले से ज्यादा खतरनाक वायरस है। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया स्ट्रेन संक्रमण से उबर चुके मरीजों पर भी दोबारा हमला कर सकता है। भले ही उनमें पहले से एंटीबॉडी क्यों न पैदा हो गई हो। महाराष्ट्र के अलावा केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन राज्यों में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले देखने को मिल रहे हैं।

आगरा को क्यों खतरा?

आगरा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। ऐसे में यहां देश के साथ विदेशों से भी सैलानी आते हैं। मौजूदा समय में कोरोना के चलते भले ही विदेशी टूरिस्ट नहीं आ रहे हों, लेकिन देसी सैलानी की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। अन्य प्रदेशों से आ रहे इन टूरिस्ट्स के लिए किसी भी तरह की कोरोना स्क्रीनिंग को अमल में नहीं लाया जाता है। ऐसे में ये कोविड कॅरियर का रूप ले सकते हैं। वहीं, इस दौरान शहरवासी भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में शहर में संक्रमण फिर फैल सकता है।

सतर्क रहने की क्यों जरूरत?

हाल ही में महाराष्ट्र से सटे एरियाज में मध्यप्रदेश सरकार ने अलर्ट किया है। वहीं, आगरा की सीमा तो मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान से भी जुड़ती है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली से भी ये अच्छे से कनेक्ट है। दिल्ली-मुंबई रेल रूट पर आगरा कैंट स्टेशन एक मुख्य स्टॉपेज है। यहां देश के हर कोने से सैलानियों का आवागमन होता है। इसलिए अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।

शहर में अवेयरनेस की मौजूदा स्थिति?

कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही आगराइट्स कोरोना को लेकर कंफर्ट जोन में आ गए हैं। वह न तो मास्क पहनकर ही घर से निकल रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाता है। ताजमहल हो या फिर बाजार, सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाते हुए लोगों का हुजूम नजर आता है। कोरोना संक्रमण को लेकर इस तरह की लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है।

क्यों नहीं हो रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन?

कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने को लेकर न तो प्रशासन और न ही पुलिस पहले की तरह संजीदगी दिखा रही है। बिना मास्क के लोग घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो रोका-टोका जाता और न ही उनका चालन किया जाता है। जबकि पूर्व में बिना मास्क के मिलने पर पुलिस चालान कर देती थी। इसके चलते लोग भी मास्क पहनने का विशेष ध्यान रखते थे। वहीं, इस पूरे मामले में आगरा प्रशासन की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कोविड प्रोटोकॉल का सभी को पालन करना चाहिए। हर किसी को मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए भी कहा जाएगा।

डॉ। राजीव कृष्ण, एडीजी जोन

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। बिना मास्क के बाहर निकलना खतरनाक है। इससे संक्रमण के केसेज बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

डॉ। संजय काला, प्रिंसिपल, एसएन मेडिकल कॉलेज

सभी को मास्क पहनना चाहिए। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना चाहिए। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। अन्य प्रदेशों में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में और सतर्क रहने की जरूरत है।

डॉ। आरसी पांडेय, सीएमओ

Posted By: Inextlive