- प्रदेश में सातवें नंबर पर है कोवैक्सीन बर्बाद करने के मामले में आगरा

- शासन से दस परसेंट वैक्सीन वेस्टेज के लिए आई

- कोवैक्सीन में एक वायल में 20 और कोविशील्ड में एक वायल में 10 डोज के कारण हो रही बर्बादी

आगरा। प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन की वेस्टेज को रोकने के लिए कहा था। इसको लेकर वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए शासन ने सख्ती शुरू की है। इसके लिए हर जिले से वैक्सीन की वेस्टेज के डाटा को कलेक्ट करके रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें आगरा का स्थान सातवां है।

कोवैक्सीन वेस्ट हो रही आगरा में

कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए कोविड वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। जनपद में लगभग 50 लाख की आबादी है और स्वास्थ्य विभाग ने जनपद में फिलहाल 10 लाख लोगों के वैक्सीन लगाने का टारगेट बनाया है। ऐसे में आने वाले वक्त में कोरोना की वैक्सीन की अभी और जरूरत पड़ेगी। आगरा में कोविशील्ड और कोवैक्सीन कंपनी की वैक्सीन लगाई जा रही है। फिलहाल जनपद में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण चल रहा है। इसमें 45 वर्ष से अधिक उम्र के बीमार लोगों को और 60 वर्ष से अधिक बुजुर्गो का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। बीते दिनों संक्रमण के मामले बढ़े तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन की बर्बादी पर चिंता जाहिर की। कहा कि इसे रोका जाए। इसके बाद शासन स्तर से वैक्सीन की बर्बादी की जानकारी मांगी गई। इसमें सबसे अधिक फोकस 10 फीसद से अधिक वैक्सीन बर्बाद करने वाले जिलों पर रहा। आगरा में 18 फीसद से अधिक कोवैक्सीन की वेस्टेज हुई है।

43 जिले बर्बाद कर रहे वैक्सीन

प्रधानमंत्री के वैक्सीन की वेस्टेज को रोकने के आह्वान के बाद 19 मार्च को शासन की ओर से वैक्सीन बर्बाद करने वाले जिलों की सूची बनाकर जारी की गई। इसमें 35 फीसद से दो फीसद तक वैक्सीन बर्बाद करने वाले 43 जिले शामिल किए गए हैं। इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन का अलग अलग डेटा शामिल था। वैक्सीन बर्बाद करने में लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, फर्रुखाबाद, आगरा समेत 43 जिले शामिल हैं।

ऐसे खराब होती है वैक्सीन

कोवैक्सीन की एक वायल में 10 एमएल और कोविशील्ड की एक वायल में 5 एमएल वैक्सीन होती है, प्रति मरीज 0.5 एमएल लगानी होती है। कोविशील्ड की एक वायल में नौ मरीजों को लग पाती है, बाकी इंजेक्शन की एयर निकालने में बेकार हो जाती है। ऐसी ही परेशानी कोवैक्सीन में भी होती है। दूसरी समस्या है कि खुली वायल चार घंटे के अंदर उपयोग करनी होती है। जिन केंद्रों पर पात्र लोगों की संख्या कम होती है, वहां इस वजह से भी बर्बाद हो जाती है।

कोवैक्सीन वेस्टेज की स्थिति

जिले वेस्टेज फीसद

लखनऊ 35.88

अयोध्या 31.63

चित्रकूट 23.58

वाराणसी 22.62

फिरोजाबाद 20.21

आंबेडकर नगर 20.18

आगरा 18.50

गाजीपुर 16.33

हरदोई 15.16

गाजियाबाद 15.10

ये जिले भी शामिल

कानपुर नगर, हापुर, संभल, फतेहपुर, मथुरा, औरैया, बरेली, कानपुर देहात, अमेठी, जौनपुर, शामली, जालौन, कासगंज, बस्ती, संतकबीर नगर, झांसी, बांदा, कौशांबी, कन्नौज, सिद्धार्थ नगर, कुशीनगर, ललितपुर, उन्नाव, बलिया, आजमगढ़, मुरादाबाद, भदोही, मैनपुरी, अमरोहा, बुलंदशहर, सोनभद्र, बिजनौर, देवरिया।

नोट: वैक्सीन वेस्ट करने में 15 परसेंट से कम।

कोविशील्ड बर्बादी की स्थिति

जिला बर्बादी फीसद

अयोध्या 24.17

फर्रुखाबाद 20.71

प्रयागराज 18.59

फिरोजाबाद 17.54

चित्रकूट 17.01

लखनऊ 14.47

बलिया 14.42

गोरखपुर 13.77

जालौन 13.30

प्रतापगढ़ 12.50

ये जिले भी शामिल

लखीमपुर खीरी, कानपुर नगर, संभल, गाजीपुर, हाथरस, रायबरेली, हरदोई, बांदा, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, औरैया, सुल्तानपुर, सीतापुर, कन्नौज, देवरिया, हमीरपुर, उन्नाव, महाराजगंज, वाराणसी, कानपुर देहात, मऊ, सहारनपुर, बिजनौर, अलीगढ़, बरेली, सोनभद्र, बस्ती, कासगंज, कुशीनगर, एटा, सिद्धार्थनगर।

------------------

आगरा में वैक्सीन की वेस्टेज को रोकने के लिए पहले से ही सावधानी बरती जा रही है। कोवैक्सीन की एक वायल में 20 डोज होती हैं। ऐसे में इसकी वेस्टेज को कम करने के लिए सभी कोल्ड चेन सेंटर को निर्देश दिए गए हैं।

-डॉ। आरसी पांडेय, सीएमओ

Posted By: Inextlive