- प्रसव होने के आधे घंटे के भीतर ही करवाएं स्तनपान

- विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर हुई मीटिंग

आगरा। जिले में 1 से 7 अगस्त के मध्य विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया। इस बार इसकी ग्लोबल थीम स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प थी। सीएमओ ऑफिस में इसकी समीक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। नीरज यादव व यूनिसेफ की ममता पाल ने प्रिजेंटेशन देकर स्तनपान के महत्व को समझाया। डॉ। नीरज यादव ने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण मां द्वारा बच्चे को स्तनपान कराने से नहीं फैलता है। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। आरसी पांडेय ने इस मौके पर बताया कि अब सभी प्रसव केंद्रों पर आधे घंटे के अंदर ही मां द्वारा बच्चे को स्तनपान कराया जाएगा। इसके लिये वार्ड में शिफ्ट होने का इंतेजार नहीं किया जाएगा। कार्यशाला में यूनिसेफ, डब्लूएचओ की टीम व डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, जिला स्वास्थ्य चिकित्सा सूचना अधिकारी अमित कुमार, डॉ। संजीव वर्मन, डॉ। यूके त्रिपाठी, डॉ। डीएस चंदेल, डॉ। आरके अग्निहोत्री, संजीता भारती, अमृतांशु, डॉ। विनय कुमार, डीसीपीएम विजय सिंह, मयूर पाल उपस्थित रहे।

पूरे सप्ताह स्तनपान की जागरुकता के लिये हुए कार्यक्रम

इसके तहत जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी पर स्तनपान का संदेश आमजन तक पहुंचाने के लिये आशा और एएनएम की बैठक की गई। समस्थ ग्रामीण एवं शहरा आशाओं द्वारा अपने क्षेत्रों में गृह भ्रमण कर समस्थ धात्री मां एवं परिवार के लोगों से संपर्क नवजात शिशु को छह माह तक केवल स्तनपान कराने के महत्व पर चर्चा की गई एवं कोविड-19 में स्तनपान कराने के लिये प्रोटोकॉल से भी अवगत कराया। प्रतिदिन एक घंटे प्रसवोत्तर वार्ड में स्तनपान और कुपोषण से बचाव के लिये जानकारी दी गई। स्तनपान के लिये प्रतिदिन विशिष्ट एक घंटे का आयोजन कराया। सभी सीएचसी व पीएचसी व जिला अस्पताल में जहां पर टीकाकरण होता है,वहां शिशु की देखभाल के लिये पोस्टर व सीडी का प्रदर्शन किया गया। स्तनपान विषय पर सीएमओ कार्यालय में जनपद स्तरीय गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

स्तनपान से शिशु को फायदे

यूनिसेफ की ममता पाल ने बताया बौद्धिक स्तर में सुधार, शिशु और मां के बीच जुड़ाव, दस्त रोग निमोनिया कान व गले का संक्रमण आदि का खतरा कम होता है। मां? के दूध में बच्चों के लिए प्रोटीन वसा कैलोरी लैक्टोज विटामिन लोहा खनिज पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते हैं। मां? का दूध पचने में त्वरित और आसान होता है। बच्चे को संक्रमण से सुरक्षित करता है। बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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स्तनपान से नहीं फैलता कोविड-19

डॉ। नीरज यादव ने बताया कि स्तनपान का महत्व कोविड संक्रमण के दौरान और अधिक हो जाता है क्योकि स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । प्रत्येक मां को शिशु को अवश्य स्तनपान कराना चाहिए। कोविड-19 से संक्रमित मां भी बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। अभी तक किसी भी शोध में यह नहीं साबित हुआ है कि वायरस मां के दूध से शिशु में पहुंच सकता है। बस मां को सावधानी बरतने की आवश्यकता है, जैसे शिशु को दूध पिलाने से पहले स्तनों को और स्वयं के हाथ साबुन से कम से कम सेकंड तक धोना तथा चेहरे, नाक व मुंह पर मास्क लगाना चाहिए। यदि मां बीमार है और दूध पिलाने में सक्षम नहीं है तो परिवार के किसी सदस्य के सहयोग से मां? के दूध को एक साथ कटोरी में निकालने के बाद उसे चम्मच से पिलाना चाहिए

स्तनपान के फायदे

-सर्वोत्तम पोषक तत्व

-सर्वोच्च मानसिक विकास में सहायक

-संक्रमण से सुरक्षा

-शिशु के ठंडा होने से बचाव

-प्रौढ़ और वृध्द होने पर उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से सुरक्षा

मां के लिये भी फायेदमंद है स्तनपान

-बच्चे के जन्म के पश्चात रक्तस्त्राव एवं एनीमिया से बचाव

-कारगर गर्भनिरोधक

-मोटापा कम करने एवं शरीर को सुडौल बनाने में सहायक

-स्तन एवं अंडाशय के कैंसर से बचाव

-सुविधाजनक

कृत्रिम आहार एवं बोतल से दूध पिलाने के खतरे

-पोषक तत्वों का अभाव

-सुपाच्य नहीं

कुपोषण एवं संक्रमण के खतरे

-दस्त, श्वांस के एवं अन्य संक्रमण होने का खतरा

-बौध्दिक विकास में कमी की संभावना

-बचपन में मृत्यु की संभावना

Posted By: Inextlive