पार्षद बने छह महीने से अधिक का समय हो गया है. क्षेत्र में एक नई ईंट तक नहीं लगी है. जबकि नाले खुले पड़े हैं. अव्यवस्थाओं का अंबार है. कई बार कहने के बाद भी अफसर सुनते नहीं है. जनता पूछती है हम क्या जवाब दें. बजट पर चर्चा के लिए मंगलवार को बुलाए गए नगर निगम के सदन में जब वार्ड 36 से पार्षद राकेश कन्नौजिया ने ये बात कहीं तो सदन में पार्षदों का शोर बता रहा था कि निगम की ओर से कराए जा रहे विकास कार्यों के दावे किस कदर खोखले हैं.

आगरा(ब्यूरो)। विकास कार्यों में अनदेखी को लेकर पार्षद अतुल अवस्थी ने भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जनता का कोई भी कार्य लेकर नगर निगम पहुंचते हैं तो अफसर अपने चैंबरों में नहीं मिलते। जो अफसर मिलते हैं, उनका व्यवहार उचित नहीं होता। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि नगर निगम में क्या सिर्फ पांच-छह लोगों के ही कार्य होंगे। इस पर सदन में उठा शोर बता रहा था कि अन्य पार्षद भी इस बात का समर्थन कर रहे हैं। भाजपा पार्षदों का रुख देख अफसर सकते में आ गए। आक्रोशित पार्षदों को मेयर हेमलता दिवाकर ने शांत किया।

दुकानों की नहीं दे सके जानकारी
मंगलवार को नगर निगम सभागार में बजट पर चर्चा हुई। 1370 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पास हुआ। नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान द्वारा विभिन्न विषयों पर वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से जानकारी दी गई। इसके बाद प्रस्तावों की शुरुआत हुई। इसमें नगर निगम द्वारा सड़कों पर अनियमित खड़े वाहनों पर जुर्माना का प्रस्ताव रखा गया, जिसको लेकर पार्षद रवि विहारी माथुर आक्रोशित हो गए। उन्होंने इस पर पूर्व में चर्चा नहीं होने और सीधे प्रस्ताव आने की बात कही, जिसके बाद सभी प्रस्तावों को आगामी सदन के लिए रोक दिया गया। इसके बाद पार्षदों ने कहा कि रिकार्ड में दर्ज 480 दुकानें हैं। इनसे कितना किराया आता है। ये कब कितना बढ़ाया गया, इसको लेकर सवाल खड़े किए। वहीं अधिकारियों ने कर्मचारी उपलब्धता नहीं होने की बात कही। सदन में तय हुआ कि सर्वे कर एक महीने में पूरा डाटा उपलब्ध कराया जाएगा। हाउस टैक्स के बढ़े हुए नोटिस भेजने पर भी पार्षदों ने सवाल खड़े किए।

कंपनी नहीं सही करती स्ट्रीट लाइट
सदन में ईईएसएल कंपनी के कार्य पर सवाल खड़ा किया और कहा कि उसको कोई भुगतान नहीं किया जाए। पार्षदों ने कहा कि स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी रहती हैं, लेकिन कंपनी के लोग सही नहीं करते हैं। इसलिए निगम स्वयं मरम्मत, रिप्लेस कराए, कंपनी का भुगतान नहीं हो। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर पार्षद अनुराग चतुर्वेदी ने सवाल खड़े किए। कहा कि कलेक्शन हो नहीं रहा है। यूजर चार्ज पांच करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था, जिसे घटाकर 50 लाख कर दिया गया। इसमें से कलेक्शन पांच लाख का हुआ है। पार्षद प्रकाश केसवानी ने स्लॉटर हाउस अनाधिकृत रूप से संचालित होने और संचालन बंद होने के बाद भी ठेकेदारों पर चाबी होने पर सवाल खड़े किए। इस पर पशु कल्याण अधिकारी डॉ। अजय ङ्क्षसह ने मेंटीनेंस कार्य कारण बताया। विज्ञापन से आय के बजट को भी 10 करोड़ से घटाकर सात करोड़ कर दिया गया है। इस दौरान नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल, अपर नगरायुक्त एसपी यादव एवं विनोद गुप्ता आदि मौजूद थे।
----

नशे में सदन में पहुंचे वृद्ध
निगम के सदन की शुरुआत में ही फौजी जैसी वर्दी में एक वृद्ध पहुंच गए। बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों, टास्क फोर्स के सदस्यों ने इन्हें नहीं रोका। नशे की हालत में सदन में पहुंच अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। उनके हाथ में कुछ कागज थे, लेकिन वे अपनी बात कहने की स्थिति में नहीं थे।
----

बजट पर एक नजर
- 916 करोड़ वर्ष 2023-24 में किए जाएंगे खर्च
- 1046 करोड़ वर्ष 2023-24 में आय से मिलेंगे
- 1370 करोड़ का पुनरीक्षित बजट हुआ पास

-------------

मैं रोज मॉनीटरिंग करती हूं
निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर जब भाजपा पार्षदों की ओर से सवाल खड़े किए गए तो बचाव में मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने मोर्चा संभाला। डायस से मेयर ने कहा कि मैं जानती हूं, रोजाना मॉनीटरिंग करती हूं। नगर आयुक्त कहां-किस अधिकारी के साथ हैं। नगर आयुक्त जहां होते हैं वहां शहर की मॉनीटरिंग करते हैं। मुझे पता है कि कौन-कौन पार्षद क्षेत्र में होते हैं। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि पक्ष- विपक्ष के सभी पार्षद सदन की गरिमा का ध्यान रखें.

Posted By: Inextlive