ताजमहल के खुलने पर ही टिकीं रेस्टोरेंट्स की उम्मीदें टूरिस्ट आने से अच्छा चलते थे रेस्टोरेंट अब पांच माह से हैं बंद

आगरा। कोरोनावायरस ने इस वक्त पूरी दुनिया को अपने व्यापार के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। कुछ यही हाल आगरा के रेस्टोरेंट संचालकों का है। आगरा एक टूरिज्म सिटी है और यहां दुनियाभर के टूरिस्ट्स आते हैं। वे यहां के रेस्टोरेंट्स में आगरा के जायके का स्वाद भी लेते हैं, लेकिन कोविड-19 के कारण ताजमहल सहित आगरा का पूरा टूरिज्म पिछले पांच माह से लॉक है। इस कारण आगरा के ये रेस्टोरेंट्स बुरी तरह से प्रभावित हैं। रेस्टोरेंट संचालकों को इस वक्त सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि वे अपने इस बिजनेस को आगे कैरी करें या ड्रॉप कर दें। हालत ये है कि कुछ रेस्टोरेंट तो बंद भी हो गये हैं।

बंद हो गये रेस्टोरेंट

रमन ताजगंज में रेस्टोरेंट चलाते हैं। कोविड-19 से पहले उनके यहां पर बीस लोगों को रोजगार मिल रहा था। विदेशी टूरिस्ट्स से लेकर देशी टूरिस्ट्स तक, सब उनके रेस्टोरेंट में आते थे। सब कुछ बढि़या चल रहा था। अचानक से कोविड-19 आ गया, इसके बाद रेस्टोरेंट पर ताला लग गया। अब पांच महीने हो गये हैं, रेस्टोरेंट पर लगा ताला हालातों के कारण नहीं खुल पा रहा है। अब रमन अपना रेस्टोरेंट सेल कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब वे कोई और काम देखेंगे। वे इन दिनों बुरी तरह से परेशान हैं। इसी प्रकार से आगरा में छोटे-बड़े हजारों रेस्टोरेंट बंद पड़े हैं। इनका कोई पता नहीं है कि अब ये कब खुलेंगे।

खर्चा निकालना भी मुश्किल

रेस्टोरेंट संचालकों पर इस वक्त हर ओर से मुसीबत का पहाड़ टूटा हुआ है। एक ओर वे अपने स्टाफ को सैलरी नहीं दे पा रहे हैं तो दूसरी ओर रेस्टोरेंट्स का रेंट व बिजली का बिल सहित अन्य खर्चे भी नहीं निकल पा रहे हैं। नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन शीरोज हैंगआउट कैफे के आशीष बताते हैं कि इस वक्त हम अपने साथियों को सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं। इसके साथ ही खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है। फिलहाल के हालातों को देखते हुए हम कोई और प्लान बना रहे हैं, ताकि हम अपने साथियों को बेरोजगार न होने दें और उन्हें किसी और काम में लगा सकें।

हालात ठीक होने का इंतजार

रेस्टोरेंट संचालकों की उम्मीदें अब ताजमहल खुलने पर ही टिकी हुई हैं। उनका मानना है कि अब तक हमने जैसे-तैसे समय गुजार लिया, लेकिन आगे हमें बहुत मुश्किलें आने वाली हैं। भविष्य के लिए हमारे पास कोई प्लान भी नहीं है। हम पहले लॉकडाउन खत्म होने का इंतेजार कर रहे थे., लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी हमें कोई राहत नहीं मिली है। अब तो सरकार से मांग है कि ताजमहल को जल्द से जल्द खोल दिया जाए। ताकि इससे पूरी दुनिया में एक मैसेज जाएगा कि आगरा का टूरिज्स ओपन हो गया है। पहले की तरह तो नहीं कुछ तो टूरिस्ट्स का आना स्टार्ट होगा।

रेस्टोरेंट्स की हालत इन दिनों बुरी तरह खराब है। रेस्टोरेंट्स को अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी है। हम भी अपने साथियों को सैलरी नहीं दे पा रहे हैं। आने वाले हालात भी ठीक नहीं दिख रहे हैं। इसको देखते हुए हम कुछ नया रास्ता तलाश रहे हैं ताकि अपने साथियों को सैलरी दे सकें।

-आशीष, शीरोज हैंगआउट कैफे

मैं ताजमहल रेस्टोरेंट में शेफ था। वहां पर 11 साल तक काम किया, लेकिन कोरोनावायरस के आने के बाद सबकुछ बंद हो गया। रेस्टोरेंट अब तक बंद पड़ा हुआ है। अब स्थिति यह है कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इसके लिये घर के बाहर ही छोटी सी फूड स्टॉल लगा ली है। इससे खर्च तो निकल ही आता है।

-कमल तोमर, शेफ

इस वक्त रेस्टोरेंट्स की हालत काफी खस्ता है। ज्यादातर रेस्टोरेंट्स के अस्तित्व पर संकट है। कई लोगों को रेंट और बिजली का बिल निकालना तक मुश्किल हो रहा है। ताजमहल खुलने से कुछ आस जागेगी। कम से कम लोगों के मन में पॉजिटिविटी तो आयेगी।

- राजीव शर्मा, रेस्टोरेंट संचालक

नंबर्स

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Posted By: Inextlive