आगरा: बारादरी प्रकरण के चलते विषम हुई परिस्थितियों ने 135 वर्ष पुराने रामलीला के आयोजन पर संकट खड़ा कर दिया है। मन:कामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा रामलीला कमेटी के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद सोमवार को कमेटी ने अपना पक्ष रखा। कहा कि परिस्थितियों में सुधार नहीं हुआ तो हमें रामलीला के आयोजन पर विचार करना होगा। कमेटी के पदाधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे।

तथ्यों को गलत पेश किया

अतिथि वन में हुई प्रेसवार्ता में रामलीला कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि मठ प्रशासक द्वारा पिछले 8-10 वर्षाें में रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें कर कुचक्र रचा गया है। रक्षा संपदा विभाग ने सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में अवगत कराया था कि बारादरी का मास्टर प्लान कार्यालय में ट्रेसेबल नहीं है, जिसका अर्थ है कि विभाग में नक्शा उपलध नहीं हो पा रहा है। मठ प्रशासक ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर कूटरचित जाली नक्शा तैयार करने का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। छावनी बोर्ड ने वर्ष 1945 में रामलीला कमेटी को जीर्णोद्धार व नए निर्माण की अनुमति प्रदान की थी।

सहयोग को आगे आएं

राजीव अग्रवाल ने कहा कि हम शहर की जनता से पूछते हैं कि इन विषम परिस्थितियों में क्या रामलीला का आयोजन संभव है। क्या राम काज करने वालों को इस तरह परेशान किया जाएगा। क्यों न कमेटी आयोजन को बंद करने का निर्णय ले ले। कमेटी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह करती है कि वे रामलीला को बचाने को अपना रुख तय करें और कमेटी के सहयोग को आगे आएं। मुयमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील है कि वे कुचक्र रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। रामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष टीएन अग्रवाल ने कहा कि रामलीला कमेटी के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है, जो बारादरी में सुरक्षित है। हम उसे आगरा किला के सामने स्थित श्रीराम हनुमान मंदिर में नहीं रख सकते हैं। प्रेसवार्ता में रामकिशन अग्रवाल, विजय अग्रवाल, राकेश जैन, विनोद जौहरी, अतुल बंसल, संजय तिवारी, अंजुल बंसल, राहुल गौतम आदि उपस्थित रहे।

वीडियो किया जारी

रामलीला कमेटी के महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल ने मुकदमा दर्ज होने के बाद अपना वीडियो जारी किया है। इसमें वह कह रहे हैं कि वह 89 वर्ष के हैं। चलने-फिरने में लाचारी के कारण दो वर्ष से घर से बाहर नहीं निकले हैं। उनके खिलाफ जनवरी में मठ प्रशासक ने मारपीट करने की झूठी शिकायत की है।

इन संस्थाओं ने दिया समर्थन

रामलीला कमेटी को मोतीगंज खाद्य व्यापार समिति के अध्यक्ष रमनलाल गोयल, समिति के महामंत्री विष्णु बाबू अग्रवाल, आगरा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अशोक मंगवानी व नरेंद्र बंसल, सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल, आगरा किराना कलर मर्चेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रमेश कत्यानी, पेठा एसोसिएशन के राजेश अग्रवाल, एडवोकेट अनिल अग्रवाल, लुहार गली व्यापार समिति के अमित जैन, सत्यमेव जयते के मुकेश जैन ने समर्थन दिया।

यह मुद्दे भी उठाए

वर्ष 2013 में मठ प्रशासक ने कमेटी के अध्यक्ष स्व। विधायक जगन प्रसाद गर्ग व अन्य के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था, जो कोर्ट में विचाराधीन है।

पिछले वर्ष मठ प्रशासक ने बारादरी की दीवार तोड़कर दरवाजा निकाल लिया। इसकी शिकायत पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से की जा चुकी है।

जनवरी में रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मारपीट, धमकाने व कजे की शिकायत की थी, जो पुलिस ने खारिज कर दी।

बारादरी की चाबियों के मामले में हाईकोर्ट में मठ प्रशासक की रिट खारिज हो चुकी है।

वर्ष 2018 में दीवानी न्यायालय ने भी कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ स्वामित्व का बोर्ड लगाने से संबंधित मामला खारिज कर दिया था।

Posted By: Inextlive