रोडवेज को हर रोज लग रही लाखों रुपये की चपत

सोमवार से चलेगा संयुक्त अभियान, टीम गठित

आगरा। लॉकडाउन के बाद से रोडवेज लगातार घाटे में चल रहा है। इसके अलावा रोड पर दौड़ रही डग्गामार बसें भी रोडवेज को रोजाना लाखों के रेवेन्यू की चपत लगा रही हैं। हर रोज आईएसबीटी के सामने से प्राइवेट डग्गामार बसें सवारियां भरकर फर्राटे भरती नजर आती है। रामबाग, भगवान टॉकीज से लेकर आईएसबीटी तक तमाम डग्गामार बसें दौड़ लगा रही हैं। बताया जाता है कि इसके कारण रोडवेज को हर दिन लगभग 27-28 लाख के रेवेन्यू की चपत लग रही है। डग्गामार बसों पर कार्यवाही के लिए रोडवेज के अधिकारियों ने लॉकडाउन से पहले ही आरटीओ को बसों की सूची सौंपी है। रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि इन बसों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि आरटीओ का कहना है कि डग्गामार बसों पर कार्यवाही के लिए संयुक्त टीम का गठन किया गया है। सोमवार से इनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

45 डग्गामार बसों की सूची सौंपी

रोडवेज के आरएम मनोज कुमार ने कहा कि आरटीओ को लॉकडाउन से पहले 45 बसों की सूची सौंपी थी, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। इधर आरटीओ प्रवर्तन अनिल कुमार ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जो सूची सौंपी गई थी, उसमें कार्यवाही की गई। इसके बाद लॉकडाउन शुरू हो गया। इस वजह से बसों का संचालन बंद हो गया था। अब दोबारा इन पर कार्यवाही की जाएगी। रोडवेज के एआरएम जयकरन सिंह ने बताया कि अब आरएम साहब की ओर से आरटीओ को पत्र लिखा गया है। बता दें आईएसबीटी से 20 डग्गामार बसें संचालित हो रही है। वे बाहर से कम किराए का लालच देकर सवारियां भरकर ले जाती हैं। एआरएम ने बताया कि आरएम ने इसमें सर्वे करवाया था। सर्वे में ये निकल कर आया था कि तकरीबन 40-45 डग्गामार बसें संचालित की जा रही हैं।

सोमवार से होगी कार्यवाही

आरटीओ ने बताया कि अगर डग्गामार बसें संचालित हो रही हैं, तो रोडवेज के अधिकारी साथ चलें। बताएं कहां डग्गामार बसें संचालित हो रही हैं। इसके लिए हमने संयुक्त टीम का गठन कर दिया है। सोमवार से कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि जुलाई में 132 बसों का चालान किया गया। अगस्त में 125 बसों का बंद किया गया है।

लोकल में कोई परमिट नहीं दिया गया

आरटीओ का कहना था कि मौजूदा समय में किसी बस को लोकल के लिए कोई परमिट जारी नहीं किया गया है। केवल लॉन्ग रूट की बसों को ही परमिट दिया गया है। आगरा में 323 परमिट जारी किए गए थे। बता दें कि जिले में इससे ज्यादा डग्गामार वाहन संचालित हो रहे हैं। इसमें बसों के अलावा छोटे वाहन भी शामिल हैं।

Posted By: Inextlive