-एसएन मेडिकल कॉलेज में 100 एनआईसीयू बेड और जिला अस्पताल में 20 एनआईसीयू बेड हाेंगे तैयार

-जिला अस्पताल में 500 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट का सिविल और इलेक्ट्रिकल वर्क कम्प्लीट

-नॉन कोविड हॉस्पिटल्स में भर्ती हो सकेंगे संदिग्ध कोविड मरीज, मिलेगी बड़ी राहत

आगरा : कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान अब आगरा के हालात बेहतर हैं। यहां लगातार दो दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 100 से कम है। वहीं, अब ताजनगरी आने वाले खतरे को लेकर भी सचेत है। एक्सप‌र्ट्स के दावों और शासन के निर्देश के बाद बच्चों के लिए करीब 120 न्यूनटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) बेड तैयार किए जा रहे हैं। करीब 100 एनआईसीयू बेड का एक विंग एसएन मेडिकल कॉलेज में बनाया जा रहा है जबकि जिला अस्पताल में बच्चों के लिए 20 एनआईसीयू बेड की एक यूनिट तैयार हो रही है।

बेहतर सुविधा देने का प्रयास

डीएम प्रभु एन सिंह ने मंगलवार को कोरोना महामारी से निपटने के संबंध में जिला प्रशासन की तैयारी की जानकारी देते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि संभावित थर्ड वेव का सर्वाधिक असर बच्चों पर होगा। ऐसी जानकारी के बाद शासन के निर्देश पर आगरा में नए सिरे से एनआईसीयू यूनिट्स पर काम हो रहा है। इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज में 100 एनआईसीयू बेड्स की एक विंग का निर्माण शुरू हो रहा है। इसके अलावा जिला अस्पताल में करीब 20 बेड की एक यूनिट बच्चों के इलाज के लिए तैयार हो रही है। डीएम ने बताया कि एनआईसीयू यूनिट्स को संचालित करना फिलहाल शीर्ष प्राथमिकता पर है। सेकेंड वेव का असर आगरा में अब कम है, सभी पेशेंट्स को ऑक्सीजन, बेड्स और दवाएं मिल रही हैं।

ऑक्सीजन प्लांट का प्लेटफार्म तैयार

पेशेंट्स को आसानी से ऑक्सीजन मिले इसके लिए जिला अस्पताल समेत सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर ऑक्सीजन प्लांट्स को स्थापित किया जा रहा है। फिलहाल जिला अस्पताल में 500 एलपीएम के ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंगलवार को डीएम ने निरीक्षण के बाद बताया कि यहां परिसर में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा प्लांट का सिविल और इलेक्ट्रिकल वर्क का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। डीएम ने बताया कि अब डीआरडीओ बेंगलुरु को प्लांट की मशीनरी आगरा भेजने के लिए इनफार्म कर दिया गया है। जल्द ही जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की शुरूआत हो जाएगी।

नॉन कोविड हॉस्पिटल्स में कराएं इलाज

डीएम ने बताया कि ऐसे मरीज जो कोरोना संदिग्ध हैं किंतु उनका आरटीपीसीआर निगेटिव है, नॉन कोविड हॉस्पिटल में अपना ट्रीटमेंट करा सकते हैं। ऐसे मरीजों से हॉस्पिटल्स शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट के अनुसार ही चार्जेस ले सकेंगे। अधिक बिल वसूलने वाले अस्पताल संचालकों से कार्रवाई होगी। डीएम ने बताया कि इससे कोविड हॉस्पिटल्स में मरीजों की भीड़ कम होगी। वहीं, ऐसे मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा, जो अन्य बीमारियों से जूझ रहे है। लंग्स इन्फेक्शन और निमोनिया के कई केसेस में पेशेंट्स की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। किंतु उन्हें हॉस्पिटल्स ने कोरोना मरीजों के साथ ही भर्ती किया। बता दें कि शहर में 31 कोविड अस्पतालों में 2250 बेड हैं। वहीं, नॉन कोविड अस्पतालों की संख्या दो सौ से अधिक है।

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नॉन कोविड अस्पतालों में वे मरीज भर्ती किए जा सकते हैं जो संदिग्ध कोविड हैं किंतु उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है। बशर्ते कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। ऐसे अस्पतालों पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग निगाह रखेगा।

-प्रभु एन सिंह, डीएम

यह है रेट लिस्ट

-नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) से संबद्ध अस्पताल : आइसोलेशन बेड- 10 हजार रुपए

आईसीयू विदआउट वेंटिलेटर- 15 हजार रुपए

आईसीयू विद वेंटिलेटर-18 हजार रुपए

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एनएबीएच से पंजीकरण न होने पर :

आइसोलेशन बेड-8000 रुपए

आईसीयू विदआउट वेंटिलेटर- 13 हजार रुपए

आईसीयू विद वेंटिलेटर- 15 हजार रुपए, प्रतिदिन।

Posted By: Inextlive