यूपी में चुनावी समर चल रहा है. पांच साल बाद एक बार फिर से नेताजी जनता जनार्दन के दरवाजे पर वोट मांगने पहुंचेंगे. अपने काम का हिसाब देंगे. इसबार युवाओं के क्या मुद्दे होंगे? वे नेताजी से क्या सवाल पूछेंगे? ताजनगरी के युवाओं के मन की बात को जानने के लिए दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट राजनीति कैंपेन के जरिए उनके एरिया में पहुंच रहा है. बुधवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम केके नगर पहुंची. यहां पर युवाओं ने रोजगार एजुकेशन स्वास्थ्य ढांचे को लेकर अपनी बात रखी.

आगरा (ब्यूरो)। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट प्रजेंट्स राजनीति में स्टूडेंट भुवनेश अग्रवाल ने बताया कि युवा का चुनाव में मुद्दा रोजगार है। वो रोजगार को लेकर वोट करेगा। रितिक ने कहा कि युवा रोजगार के लिए परेशान है। वे रोजगार के लिए भटक रहे हैैं। शहर के युवाओं को रोजगार की तलाश में अपना घर छोड़कर बड़े शहरों की ओर जाना पड़ रहा है। प्रतियोगी छात्र तैयारी करने के बाद भी परेशान हैं। उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। उन्हें 750 से 1000 रुपए देकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। युवा बेरोजगार है, उसके पास पैसे नहीं है वो कैसे इतना महंगा रजिस्ट्रेशन कर पाएगा। जैसे-तैसे युवा नौकरी के आवेदन के लिए फॉर्म भरते हैैं तैयारी करते हैैं और एन वक्त पर उनका पर्चा लीक हो जाता है। इस वक्त ये युवाओं का सबसे बड़ा दर्द है। महीनों तैयारी करके वे एग्जाम देने जाते हैैं और उन्हें पता चलता है कि पर्चा तो लीक हो गया। इससे उनके महीनों की मेहनत पर पानी फिर जाता है।

महंगाई भी बड़ा मुद्दा
राजनीति कैंपेन में युवाओं ने इस चुनाव में महंगाई को भी बड़ा चुनावी मुद्दा बताया। युवा अभिनव यादव ने बताया कि बीते कुछ समय में महंगाई चरम सीमा तक पहुंच गई है। कोरोना काल के बाद आई मंदी के बाद लोगों को गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। ऊपर से महंगाई ने गरीब आदमी की कमर तोड़ दी है। महंगाई से उनका जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है। गरीब मजदूर अपने बच्चे की स्कूल की फीस नहीं भर पा रहा है। कई बच्चों के तो स्कूल भी छूट गए हैैं। भुवनेश अग्रवाल ने बताया कि रोजमर्रा की चीजें महंगी हो गई हैैं। दूध, ब्रेड, बटर, दाल, खाद्य तेल, हरी सब्जियां सब कुछ महंगा हो गया है। सरसों के तेल, रिफाइंड ऑयल के दाम तो दोगुने हो गए हैैं। पेट्रोल और डीजल के दाम पहले की अपेक्षा काफी महंगे हो गए। सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम तो किए लेकिन ये अपेक्षित नहीं है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे से छोटे व्यापारियों पर भी असर पड़ा है। व्यापार में मार्जिन कम हो गया है। काम-धंधों में भी कमी आई है। ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया है।

अब भी भरोसा
स्टूडेंट मोहित ने बताया कि वर्तमान सरकार ने युवाओं के हित में कार्य किया है। पर्चा लीक हुआ उसमें सरकार का नहीं, कर्मचारियों का हाथ है। इसके साथ ही सरकार द्वारा युवाओं के लिए इस बार फेयर भर्ती की हैैं। सरकार ने काफी हद तक भ्रष्टाचार को कंट्रोल किया है। शांतनु ने बताया कि धर्म को लेकर भी सरकार ने काफी अच्छा कार्य किया है। धार्मिक स्थलों को भी बेहतर किया गया। इससे आसपास के क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा।

बेरोजगारी
इस चुनाव में युवाओं का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। युवा रोजगार की तलाश में है। बेरोजगारी से युवा त्रस्त हैैं, वे बस चाहते हैैं कि उन्हें रोजगार मिले। अभिनव बताते हैैं कि सरकार द्वारा सरकारी नौकरियां खत्म की जा रही हैैं। बैैंकों से लेकर कई संस्थाओं का निजीकरण हो रहा है। प्राइवेट नौकरी में अवसर काफी कम मिल रहे हैैं। ऐसे में युवा को रोजगार कैसे मिलेगा?

स्वास्थ्य
कोरोना वायरस आने के बाद भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था के चेहरे का हकीकत रूप सभी ने देख लिया। अब सरकार इसे दुरुस्त करने में जुटी है। उमेश यादव बताते हैैं कि कोरोना काल में लोगों को उपचार के लिए बेड तक नहीं मिल सके। सांसों के लिए लोगों जूझना पड़ा। ऑक्सीजन भी लोगों को नहीं मिल पाई। इस कारण कई लोगों की जान चली गई। ऊपर से सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई।

शिक्षा
कोई भी सरकार हो। देश के निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण रोल है। राजनीति कैंपेन में युवाओं ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अभी और काम करने की जरूरत है। पवन ने बताया कि हायर एजुकेशन और स्कूलों की हालत पर कम काम हुआ है। यूनिवर्सिटी में पहले भी मार्कशीट और डिग्री को लेकर युवा परेशान थे और आज भी ये समस्या जस की तस बनी हुई है। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके साथ ही प्राइमरी स्कूलों की हालत में भी ज्यादा सुधार नहीं आया है।

पलायन
आगरा में रोजगार के अवसर तलाशना युवाओं के लिए काफी मुश्किल है। यहां पर इंडस्ट्री कम होती जा रही हैैं। टूरिज्म और शू इंडस्ट्री ही यहां पर रोजगार का बढ़ा सोर्स है। कोरोना काल में तो इन दोनों इंडस्ट्री पर भी मार पड़ी है। रितिक धाकरे बताते हैैं कि आगरा के युवाओं को रोजगार की तलाश में शहर से बाहर जाना पड़ता है। यहां पर अवसरों की कमी के कारण प्रतिभा का पलायन हो रहा है। सरकार को आगरा में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना चाहिए।

Posted By: Inextlive