गंदा मास्क भी बन सकता है ब्लैक फंगस का कारण
- डेली नए मास्क का करें यूज
- नमी के कारण गंदे मास्क में भी पनप सकता है फंगस आगरा। कोरोना की दूसरी लहर में कई कोरोना संक्रमितों ने ऑक्सीजन की कमी के चलते जान गवां दी। वहीं जिन्हें समय पर ऑक्सीजन सपोर्ट मिल गया उनकी जान बच गई। लेकिन अब संक्रमण से रिकवर हो चुके मरीजों के लिए ब्लैक फंगस काल साबित हो रहा है। ब्लैक फंगस से बचाव के लिए शासन ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है। कोरोना से बचाव के लिए लोग लगातार मास्क का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन इसमें मास्क को सही तरीके से यूज न करना नई मुसीबत ला सकता है.मास्क लगाने के साथ ही इसको समय पर बदलना भी जरूरी है। पुराना या फिर गंदा मास्क ब्लैक फंगस का कारण बन सकता है। नाक के जरिए आंखों तक पहुंच सकता है फंगससरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। हिमांशु यादव ने बताया कि इन दिनों कई मरीजों में ब्लैक फंगस के केस सामने आ रहे है। इसके लिए जरूरी है कि साफ-सफाई का ध्यान रखें। मास्क को डेली साफ करके पहनें या नया मास्क पहनें। कई दिनों तक एक मास्क पहने रहने से मास्क पर नमी आ जाती है। गर्मी में लगातार एक ही मास्क पहने रहने से नमी फंगस में परिवíतत होकर नाक के माध्यम से बॉडी प्रवेश कर जाएगी और इससे आंखों में भी फंगस आसानी से आ जाती है। इसलिए लगातार कई दिनों तक एक ही मास्क का प्रयोग न करें।
धोकर व ठीक से सुखाकर ही लगाएं मास्क सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। अखिल प्रताप सिंह बताते हैं कि मरीज साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। शुगर को नियंत्रित रखें। सíजकल मास्क लगा रहे हैं तो इसका प्रयोग एक बार ही करें। दोबारा इसका प्रयोग न करें। वहीं, कपड़े वाले मास्क का प्रयोग सिर्फ एक दिन करें। इसके बाद इसे ठीक से धोकर और सुखाकर ही लगाएं। लगातार एक ही मास्क लगाने से मास्क पर मॉइश्चर बनेगा, जिससे बैक्टीरिया आसानी से ग्रो कर सकता है। सांस के माध्यम से बॉडी में प्रवेश कर जाएगा, जिससे आप ब्लैक फंगस का शिकार हो सकते हैं। ब्लैक फंगस के लक्षण - नाक में दर्द - बुखार - खांसी - सांस लेने में परेशानी - उल्टी में खून आना - दिमाग में कन्फ्यूजन इनको अधिक खतरा - जिनको अनकंट्रोल्ड डायबटीज हो - स्टेरॉयड ले रहे हों - लंबे समय तक आईसीयू में रहे हों - एंटी फंगल ट्रीटमेंटकैसे कर सकते हैं बचाव
- धूल-मिट्टी भरी कंस्ट्रक्शन साइट पर जाएं तो मास्क जरूर लगाएं
- मिट्टी का कोई काम जैसे बागवानी करते समय हाथों पर दस्ताने और फुल आस्तीन के कपड़े पहनें - तीन घंटे के बाद नया सíजकल मास्क लगाएं, कपड़े का मास्क का प्रयोग सिर्फ आठ घंटे के लिए करें फिर धोएं और ठीक से सूखाने के बाद लगाएं। ऐसे करें मास्क का यूज - मास्क को एंटी सेप्टिक विलयन से धोएं। - मास्क को धूप में रखने पर रेडिएशन से वायरस और फंगस नष्ट हो जाते हैं। - कपड़े का मास्क पहनने से बचें। इसमें नमी व धूल देर तक रुकती है। - मास्क पर हाथ न लगाएं। पानी पीएं तो मास्क पर न गिरे। - खांसने वाले मरीजों को मास्क छह घंटे में जरूर हटा देना चाहिए। मास्क को नीचे की तरफ से खोलें। कोरोना से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें। लेकिन एक ही मास्क को डेली न लगाएं। नमी पाकर मास्क पर भी फंगस हो सकता है। डेली नया मास्क का उपयोग करें। -डॉ। हिमांशु यादव, एचओडी, आई डिपार्टमेंट, एसएनएमसीजिन मरीजों की शुगर का स्तर बढ़ा है, वे इसे नियंत्रित रखें। मास्क को डेली धोकर और अच्छे से सुखाकर पहनें। मरीज के आसपास के कपड़ों चादर व तकिये को भी धूप लगाएं।
-डॉ। अखिल प्रताप सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, ईएनटी विभाग, एसएनएमसी