आगरा ब्यूरो 70 साल की सूजी के दांत नहीं है. उसे फलों के छोटे टुकड़े खिलाए जाते हैं या फलों को मसल कर दिया जाता है. यह जानकारी मिलते ही सूजी के लिए फलों के छोटे टुकड़े बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी ने किए. दो दिन के निजी दौरे पर चुरमुरा स्थित हाथी अस्पताल और देखभाल केंद्र पहुंची दिशा ने दो दिन में बीमार हाथियों से संबंधित पूरी जानकारी ली और हाथी संरक्षण का संदेश भी दिया.


पहले दिन ली हाथियों के इलाज की जानकारी
दिशा पाटनी ने दो दिन के अपने प्रवास के दौरान हाथी अस्पताल और देखभाल केंद्र में हर हाथी से जुड़ी जानकारी जुटाई। पहले दिन उन्होंने अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल में हाथियों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। किस हाथी को कौन सा इलाज दिया जाता है, इसकी जानकारी पशु चिकित्सकों से ली। हाथियों को कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं इसके बारे में पशु चिकित्सकों से बात की। अंधे हाथी व पैरों में घाव के साथ आए हाथियों के इलाज की जानकारी ली। उन्होंने दो साल पहले केंद्र में हाथरस से पहुंची ङ्क्षजजर नाम की हथिनी की पूरी कहानी सुनी। कैसे उसे प्रताडि़त किया जाता था, उससे उसके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ा आदि सवाल पूछे। ङ्क्षजजर को दी जाने वाली लेजर थेरेपी को देते हुए देखा। दूसरे दिन देखभाल केंद्र में जाकर महावतों से बात की। महावतों से जाना है कि वो कैसे हाथियों से बात करते हैं, हाथियों के इशारे कैसे समझते हैं। सूजी के लिए फल काटे और जूस बनाया। सूजी को नौ साल पहले सर्कस से मुक्त कराया गया था। हाथियों की डाइट के बारे में जाना और संदेश दिया है हाथियों को सर्कस और अन्य कामों के लिए इस्तेमाल न करें। शाम को हाथियों से के साथ सैर पर भी गईं। देखा कि हाथी कैसे धूल से खेलते हैं। उन्होंने गर्मियों से बचाव के लिए हाथियों के लिए की गई सुविधाओं को भी देखा। इनमें हाइड्रोलिक प्रेशर वाला तालाब, फव्वारे, उनके लिए खास तौर से बनाए गए स्वीङ्क्षमग पूल आदि भी देखे।

Posted By: Inextlive