Agra: डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में सैटरडे को भी कोई काम नहीं होने दिया गया. परीक्षा समिति की ओर से नए सेशन से प्राइवेट एडमिशन पर रोक लगाने के निर्णय का हर ओर से विरोध किया जा रहा है. ट्यूजडे से स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी कर्मचारी इसका भरसक विरोध कर रहे हैं. लगातार पांच दिन से यूनिवर्सिटी में तालाबंदी की जा रही है. सैटरडे को एमपी प्रो. रामशंकर कठेरिया मामले को सुलझाने के लिए वीसी से मिले. मगर वीसी ने उनकी भी नहीं सुनी.

दस मिनट लेट हुए सांसद
कई दिनों से यूनिवर्सिटी में प्राइवेट एडमिशन पर रोक के फैसले को लेकर स्टूडेंट यूनियंस और खुद यूनिवर्सिटी कर्मचारी विरोध में उतर आए हैं। इस फैसले को वापस लेने के लिए यूनियंस ने वीसी से मिलने की कोशिशें कीं, लेकिन वीसी ने स्टूडेंट्स की एक नहीं सुनी। अपने साथ अन्याय होता देख आखिरकार स्टूडेंट यूनियंस फ्राइडे को एमपी प्रो। रामशंकर कठेरिया से मिलीं। तय कार्यक्रम के अनुसार, सैटरडे को जब एमपी वीसी से मिलने पहुंचे तो दस मिनट की देर वीसी को सहन नहीं हुई और वह ऑफिस से चले गए. 

शाम को चार बजे हुए मुलाकात
सुबह जब प्रो। रामशंकर कठेरिया की मुलाकात वीसी से नहीं हुई तो वह यूनिवर्सिटी से वापस लौट गए। शाम को चार बजे वीसी ऑफिस से पहले कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद के पास फोन आया जिसमें वीसी से मिलने का टाइम शाम चार बजे फिक्स किया गया।
कमेटी करेगी निर्णय
वीसी के साथ मीटिंग में एमपी प्रो। रामशंकर कठेरिया ने प्राइवेट एडमिशन पर रोक लगाने के निर्णय को ईसी में पास कराने की बात कही। इस पर वीसी ने एक कमेटी गठित करके की बात कह दी। इसके साथ वीसी ने यह भी कहा कि इस निर्णय पर तब ही विचार कर ईजी में भेजा जाएगा जब इससे होने वाले नुकसान के बारे में उन्हें बताया जाएगा। इसमेंं औटा, कर्मचारी संघ और छात्र नेता भी अपनी बात रखा सकते हैं। इसके साथ ही वीसी ने एमपी को टीचर होने की बात कहते हुए कहा कि यू आर ए टीचर, टीचर के हिसाब से भी सोचें।
वीसी से हुई हॉट टॉक
अपने फ्यूचर के साथ खिलवाड़ होते देख स्टूडेंट यूनियंस आक्रोशित हो उठीं। जब वीसी प्रो। डीएन जौहर ने किसी की बात नहीं मानी तो स्टूडेंट लीडर्स, कर्मचारी और वीसी में हॉट टाक तक हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि स्टूडेंट लीड्र्स ने यूनिवर्सिटी बंद कराने का एलान कर दिया और वीसी ने इस एलान को खारिज करने की बात कह दी। इसी बीच वीसी ने थैंक्यू बोल कर कुर्सी छोड़ दी और चेंबर से चले गए।
बात न बनने पर हुई नारेबाजी 
सैटरडे को सभी को उम्मीद थी कि वीसी एमपी प्रो। कठेरिया की बात मान लेंगे पर ऐसा नहीं हुआ। इस बात पर आक्रोशित हो नाराज यूनिवर्सिटी कर्मचारियों और स्टूडेंट लीडर्स ने वीसी ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी की और धरना दिया।
इन लोगों ने किया प्रदर्शन
यूनिवर्सिटी में अरविंद्र गुप्ता, दीपक गुप्ता, संतोष यादव, पीके सिंह, अनिल श्रीवास्तव आदि ने प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स लीडर्स में पूर्व छात्र नेता अतुल दुबे, हरीओम रावत, मदन मोहन शर्मा, बजेश शर्मा, देवेंद्र परमार, धर्मेंद्र जादौन, निर्वेश शर्मा, शफीक अहमद और एडवोकेट सुरेश शर्मा आदि मौजूद रहे. 


वर्जन
वीसी छात्र विरोधी, कर्मचारी विरोधी हैं। वीसी का फैसला गलत है गरीब लोगों को शिक्षा से रोका जा रहा है। हम मंडे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
अखिलेश चौधरी, अध्यक्ष यूनिवर्सिटी कर्मचारी संघ
हम ईसी मेंबर्स को घेराव करेंगे। सभी के घर जाकर उनसे छात्र हित में फैसला करने करने की मांग करेंगे।
अतुल दुबे, पूर्व छात्र नेता
वीसी ले लोलीपॉप पकड़ा दी है, लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि आगरा का छात्र जाग चुका है। मंडे से आंदोलन को और भी तेजी से किया जाएगा।
ब्रजेश शर्मा, यूथ कांग्रेस
वीसी को स्टूडेंट्स के हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेना चाहिए। उनको ऐसा डिसीजन लेना चाहिए जिससे छात्रों को अहित न हो।
दीपक गुप्ता, यूनिवर्सिटी कर्मचारी


वीसी की तानाशाही अब नहीं चलने दी जाएगी। अगर प्राइवेट कोर्स पर रोक का फैसला वीसी ने वापस नहीं लिया तो इसकी कंप्लेन सीएम से की जाएगी। मंडे सेे आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
- मदन मोहन शर्मा, स्टूडेंंट लीडर
छात्रों को अहित नहीं होने दिया जाएगा। कमेटी बन जाने के बाद वहां पर आपत्ति जताई जाएगी। अगर उसके बाद भी वीसी नहीं मांगे तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा।
प्रो। राम शंकर कठेरिया सांसद

Posted By: Inextlive