AGRA 19 Dec. : हर सवाल का जवाब मुहैया कराने वाली गूगल सर्च साइट अब डॉक्टर का भी काम कर रही है. बॉडी में थोड़ा भी पेन होने लोग तुरंत गूगल सर्च इंजन पर टाइप करना शुरू कर देते हैं. चंद ही मिनटों में गूगल ढेर सारी वेबसाइट्स शो करके उनके एक्साइटमेंट को शांत कर देता है. पर यही जानकारियां अब डॉक्टर्स के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं. पेशेंट्स डॉ. गूगल की मदद लेकर अपना इलाज करने वाले डॉक्टर्स से अब अपनी बीमारी को लेकर बहस कर रहे हैं.


कौन है Dr। Google?डॉ। गूगल हम और आप के घर में ही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं इंटरनेट की गूगल सर्च इंजन की जो चौबिसों घंटों अवलेबल रहता है। यही वजह है कि नेट सेवी लोग और पेशेंट्स इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं।Ladies लेती हैं tipsडॉ। गूगल से अपने सेहत के लिए टिप्स ज्यादातर सिटी की लेडीज ले रही हैं। वो प्रेग्नेंसी के अर्ली सिम्पट्म्स से लेकर अपने सिर दर्द तक का इलाज गूगल पर सर्च कर रही हैं। पूरा दिन इंटरनेट पर बैठकर वे अपनी बीमारियों को ठीक करने के उपाय ढूंढती रहती हैं। सिर दर्द में कौन सी टेबलेट लें, प्रेग्नेंसी चैक करने के क्या उपाय हैं, अगर घुटनों में दर्द है तो अर्थराइटिस तो नहीं, चेस्ट में पेन हुआ तो हार्ट अटैक तो नहीं। इन सब सवालों का जवाब गूगल पर ढूंढ़ा जा रहा है।


प्रेग्नेंसी की इंफोरमेशन देने वाली साइट्सवैसे तो गूगल पर 'प्रेग्नेंसीÓ श?द टाइप करते ही सैंकड़ो वेबसाइट्स खुल जाती हैं। लेकिन कुछ वेबसाइट्स हैं, जिसपर लेडीज सबसे ज्यादा हिट्स दे रही हैं। इनमें प्रेग्नेंसी डॉट कॉम, द बंप डॉट कॉम, फिट प्रेग्नेंसी डॉट कॉम, प्रेग्नेंसी गाइड ऑनलाइन डॉट कॉम आदि वेबसाइट्स प्रमुख हैं।ज्यादा देखी जाती हैं प्रेग्नेंसी की साइट्स

वैसे तो इन दिनों हर बीमारी को सर्च करने के लिए गूगल की हेल्प ली जा रही है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रेग्नेंसी की वेबसाइट्स की मदद ली जाती है। लेडीज 'हाउ टू गेट प्रेग्नेंटÓ की सर्च से लेकर 'अर्ली सिंपट्म्स ऑफ प्रेग्नेंसीÓ तक को सर्च करती हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंसी डायट चार्ट, प्रेग्नेंसी डूज एंड डोंट्स, प्रेग्नेंसी मंथली चार्ट, व्हॉट टू डू ऑफ्टर प्रेग्नेंसी तक को सर्च किया जाता है।Mobile apps for pregnancyमेडस्केप- इस एप में 6000 से ज्यादा दवाओं की जानकारी उपल?ध है। इसके अलावा इसमें बीमारियों की जानकारी के साथ ही उनके इलाज को भी शामिल किया गया है। एपोक्रेट्स- इस एप में ड्रग इंटेरेक्शन, पिल आईडेंटीफायर, ड्रग इंफोरमेशन और मेडिक ल कैलकुलेटर भी है।आईरेडियोलॉजी- यह एप मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद हैैं। इसे लोग फन के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैैं। इस एप में 500 से ज्यादा रेडियोलॉजी केसेज हैैं, जिससे पेशेंट्स या मेडिकल स्टूडेंट्स प्लेन फिल्म, सीटी या एमआरआई को पढऩा सीख सकते हैैं।pps for other diseasesCoronary Heart Diseaseकिसी इंसान को कोरोनरी हार्ट डिजीज होने का कितना खतरा हो सकता है, इस ऐप की मदद से यह जाना जा सकता है। ऐप फ्री है।Instant Heart Rate

हार्ट रेट का आकलन करने और उस पर नजर रखने के लिए यह बहुत अच्छा ऐप हैप्रेग्नेंसी के अलावा भी मदद कर रहा गूगल ऐसा नहीं है कि गूगल पर लेडीज सिर्फ प्रेग्नेंसी के बारे में ही सर्च करती हों। बल्कि गूगल इन दिनों हर बीमारी का झोलाछाप डॉक्टर बना हुआ है। सिर में दर्द से लेकर हार्ट प्रॉ?लम्स तक गूगल के साथ बांटी जा रही हैैं। इसके लिए लोग घंटो गूगल पर सर्च करते हैैं, फिर उसे नोट भी करते हैैं।'मैंने गूगल पर देखा थाÓगूगल की वजह से हर बीमारी की इतनी वेबसाइट्स अवलेबल हैं कि  पेशेंट्स अब डॉक्टर्स से बहस करने लगे हैं। वे अपनी बीमारी का इलाज कराने डॉक्टर के पास जाते तो हैं लेकिन बीमारी के बारे में पहले गूगल पर पढ़ लेते हैं। उसकी सिम्पट्म्स से लेकर उसका ट्रीटमेंट तक दिमाग में भर लेते हैं। उसके बाद वो डॉक्टर से उसके बारे में चर्चा करते हैं। अगर डॉक्टर गूगल पर बताई बात से अलग कोई जवाब देता है तो वे उनसे बहस करने लगते हैं कि ऐसा नहीं है, गूगल पर तो ऐसा नहीं लिखा है। आप गलत बोल रहे हैं। यह सिचुएशन डॉक्टर्स के लिए इरीटेटिंग साबित हो रही है। डॉ। शिवानी चतुर्वेदी। गायनाकोलोजिस्ट
 ओवर इनफोरमेशन इज बैड फॉर माइंड। लेकिन इस बात को सिटी की लेडीज नहीं समझ रही हैं। वे हर जानकारी को सही मान लेती हैं। हर बीमारी के लक्षण खुद में निकाल लेती हैं। कोई भी डॉक्टर 10 साल की पढ़ाई करने के बाद ही मरीज देखना शुरू करता है। कई बार तो इतनी ज्यादा बहस करते हैं कि हम परेशान हो जाते हैं। डॉ। गूगल एमडी एक परेशानी के रूप में खड़े हो रहे हैं। मैं तो उनका प्रिसक्रिप्शन चलाने की भी कह देती हूं।डॉ। सुनील बंसल, फिजीशियनमेरे पास डायबिटीज के पेशेंट्स ज्यादा आते हैं। उनमें से फेसबुक जेनरेशन तो मेरे पास आने से पहले ही डॉक्टर बन चुकी होती हैं। यंगस्टर्स इनकी मदद ज्यादा लेते हैं। पर्चे की फोटो रख लेते हैं। पैथोलॉजी लैब से टेस्ट रिपोर्ट व्हॉट्स एप पर ले लेते हैं। सारी जानकारी फोन पर ही भेज देते हैं, फिर फोन पर पूछ लेते हैं। हम अपने पेशेंट्स को समझाते हैं कि अगर इंटरनेट पर साइट्स देखनी है तो कौन सी देखें.

Posted By: Inextlive