डॉ। योगिता हत्याकांड

- विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट ने आरोपित का पुलिस कस्टडी रिमांड किया स्वीकृत

- साक्ष्य संकलन को आरोपित को उरई और कानपुर भी ले जाएगी पुलिस

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर योगिता का हत्यारोपित डॉ। विवेक तीन दिन पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर रहेगा। विशेष न्यायाधीश एसएसी-एसटी कोर्ट राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने उसका रिमांड स्वीकृत कर दिया। अब पुलिस उससे कई राज उगलवाएगी।

एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉ। योगिता गौतम की मंगलवार रात हत्या कर दी गई थी। बुधवार को सुबह उनका शव डौकी के बमरौली कटारा में मिला। इस मामले में पुलिस ने कानपुर के किदवई नगर निवासी व उरई जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ। विवेक तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस हिरासत में उसने जुर्म तो कबूल लिया, मगर बार-बार बयान बदल वह पुलिस को गुमराह करता रहा था। विवेक के खिलाफ एमएम गेट थाने में हत्या, साक्ष्य मिटाने और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।

विवेचक सीओ कोतवाली चमन सिंह चावड़ा ने कोर्ट में शुक्रवार को आरोपित की पांच दिन की पीसीआर के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट ने सोमवार को इस पर सुनवाई की। आरोपित ने खुद को बेगुनाह बताया। अभियोजन की ओर से उसको रिमांड पर देने के तर्क दिए गए। इसके बाद न्यायालय ने तीन दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत किया। मंगलवार शाम चार बजे से शुक्रवार शाम चार बजे तक वह पुलिस कस्टडी में रहेगा।

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ये होनी है बरामदगी

- हत्या में इस्तेमाल की गई विवेक के पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर

- डॉ। विवेक के खून से सने कपड़े।

- डॉ। योगिता का मोबाइल

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इनके चाहिए जवाब

- हत्या उसने अकेले की या कोई और भी था शामिल।

- योगिता की मां और मकान मालिकन को कॉल उसी ने किया था या किसी और ने।

- कार में ऐसा क्या विवाद हुआ जो उसने गोली चला दी।

- हत्या की साजिश कितने दिन पहले से रची थी?

- हत्या और उसके बाद का सिलसिलेवार घटनाक्रम। अभी तक वह गुमराह करता रहा है।

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आरोपित ने पुलिस को दिया बयान

18 अगस्त को वह टाटा नेक्सोन गाड़ी लेकर नूरी दरवाजा पहुंचा। योगिता को कॉल कर बुलाया। योगिता के कार में बैठते ही शादी को लेकर बहस होने लगी। विवाद बढ़ने पर उसने यानी विवेक ने डॉॅ योगिता को सीने में गोली मार दी। तेज रफ्तार में कार चलाकर वह बमरौली कटारा पहुंचा। शव खाली प्लाट में फेंका और पेड़ की टहनियों और लकडि़यों से उसे ढक दिया। लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहाबाद टोल प्लाजा से करीब चार किमी आगे उसने रोड साइड में ही पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर फेंक दी। इसके बाद अपने खून से सने कपड़े उरई से कानपुर के बीच रास्ते में बैग में रखकर फेंक दिए। इनको वह बरामद करा सकता है।

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कोर्ट में पीसीआर के समय बयान

वह जिला अस्पताल उरई में मेडिकल ऑफिसर है। पुलिस ने 19 अगस्त को उरई से उसे गिरफ्तार किया। 20 को गिरफ्तार दिखाया और 21 को जेल भेजा। डॉ। योगिता की हत्या में उसका हाथ नहीं है। उसे पुलिस अभिरक्षा में देने से परेशानी होगी।

डॉ। योगिता को शहीद स्मारक पर दी गई श्रद्धांजलि

डॉ। योगिता को सोमवार दोपहर शहीद स्मारक पर नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र संघ ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी लोगों ने 2 मिनट का मौन व्रत रख आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। डॉ। योगिता ने नवोदय विद्यालय मुजफ्फरनगर से शिक्षा ग्रहण की थी। सभी लोगों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

Posted By: Inextlive