आगरा। घर-घर कूड़ा कलेक्शन के लिए खरीदे गए डस्टबिन स्टोर में पड़े-पड़े बेकार होते जा रहे हैं। अभी तक डस्टबिन का वितरण नहीं हो सका है, जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के सर्वे को मात्र चार महीने ही शेष है। बता दें कि नगर निगम ने कोरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से पहले चरण में कुल 90 हजार डस्टबिन खरीदे थे। इनका वितरण नहीं हो सका। गत वर्ष नगर निगम ने 14वें वित्त से 12.50 करोड़ रुपये से तीन लाख से अधिक डस्टबिन की खरीद की। इसमें तीन प्रकार के डस्टबिन थे, जिसमें नीला, हरा और लाल डस्टबिन हर घर को मुहैया कराया जाना था, लेकिन अभी तक इनका वितरण नहीं हो सका है।

3.20 लाख घरों को बांटे जाने हैं डस्टबिन

शहर के 3.20 लाख भवन स्वामियों को डस्टबिन बांटे जाने हैं। पहले नगर निगम ने तीनों डस्टबिन को मुफ्त में बांटने की योजना तैयार की। बाद में अफसरों ने तय किया कि डस्टबिन की खरीद 14वें वित्त से की गई है। ऐसे में कुछ पैसा लेना जरूरी था। नई दिल्ली की कंपनी से खरीदे एक डस्टबिन की कीमत 140 रुपये थी। इस पर नगर निगम के अफसरों ने 480 रुपये में तीन डस्टबिन मुहैया कराने के आदेश कर दिए। बाद में नगर निगम ने अपने ये आदेश वापस लेते हुए निर्णय किया कि हाउस टैक्स की रसीद दिखाकर डस्टबिन मुहैया कराए जाएं। ऐसे में तकरीबन अभी तक 42 हजार हाउस होल्ड से 17 करोड़ हाउस टैक्स ही वसूला जा सका है। ऐसे में डस्टबिन भी 42 हजार लोगों को बंट पाएंगे। ऐसे में शेष को डस्टबिन बांटना है तो नगर निगम को अपने नियमों को तोड़ना होगा। तभी 3.20 लाख भवन स्वामियों को डस्टबिन मुहैया हो पाएंगे। अगर नगर निगम हाउस टैक्स की रसीद के आधार पर डस्टबिन देगा तो केवल 42 हजार डस्टबिन का ही वितरण हो पाएगा। शेष डस्टबिन स्टोर में पड़े-पड़े ही बेकार हो जाएंगे।

40 हजार डस्टबिन बांटे जाने का दावा

इस बारे में नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे कहते हैं कि अभी तक तकरीबन 40 हजार डस्टबिन बांटे जा चुके हैं। डस्टबिन बांटे जाने का काम चल रहा है। इसमें वार्ड स्तर पर कैम्प लगाकर हाउस टैक्स कलेक्शन करने के साथ डस्टबिन का वितरण भी किया जा रहा है। तीनों प्रकार के डस्टबिन लेने के लिए व्यक्ति को हाउस टैक्स जमा कराने की रसीद दिखानी होगी।

Posted By: Inextlive