विदेशी सैलानी आकर खरीदते थे एंपोरियम से मार्बल पर नक्काशी के पीस

टूरिस्ट्स के न आने से बंद पड़े हैं एंपोरियम, कारीगरों के पास नहीं है रोजगार

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500 करोड़ का सालाना टर्नओवर है एंपोरियम बिजनेस का

100 से ज्यादा एंपोरियम हैं आगरा में

10 हजार कारीगरों बनाते हैं एंपोरियम का माल

आगरा। कोरोनावायरस की मार से आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री त्रस्त है। इस वक्त टूरिज्म पूरी तरह से लॉक है और इससे जुड़े लोगों का रोजगार भी पूरी तरह से लॉक है। टूरिज्म से जुड़ा सबकुछ ठप पड़ा हुआ है। इसी कड़ी में शामिल है आगरा का एंपोरियम बिजनेस। आगरा टूरिज्म सिटी है और यहां दुनियाभर के टूरिस्ट्स ताजमहल की सुंदरता और उसकी पच्चीकारी देखने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि मुगलकाल के कारीगरों की पच्चीकारी अब तक चली आ रही है। विदेशी पर्यटक इस पच्चीकारी को खूब पसंद करते हैं और एंपोरियम से इसके पीस खरीदकर ले जाते हैं। लेकिन पिछले पांच महीने से अब न तो विदेशी टूरिस्ट्स आ रहे हैं और न ही एंपोरियम बिजनेस चल पा रहा है। सभी लोग टूरिज्म के अनलॉक होने का इंतजार कर रहे हैं।

बंद पड़े हैं एंपोरियम

आगरा में एंपोरियम बिजनेस का सालाना टर्नओवर लगभग 500 करोड़ रुपये का है। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। शहर में लगभग 100 एंपोरियम हैं। लेकिन, इन दिनों सबकुछ बंद पड़ा है। बड़े-बड़े एंपोरियम के इस वक्त खर्चे नहीं निकल पा रहे हैं। उन्हें मेंटेन करना भी मुश्किल हो रहा है। यहां पर बड़ी संख्या में स्टाफ मौजूद रहता था। इस वक्त एंपोरियम बंद होने के कारण स्टाफ की सैलरी निकालना भी मुश्किल हो रहा है। एंपोरियम संचालक इन दिनों बस ताजमहल खुलने और हालात ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं।

कारीगर हैं परेशान

अजहर मार्बल में पच्चीकारी का काम करते हैं। आम दिनों में वे खूब माल बनाते थे और खूब पैसा कमाते थे। उनके यहां पर दस कारीगर भी लगे हुए थे। वे दस बड़े एंपोरियम में अपना माल सप्लाई करते थे। लेकिन, पिछले पांच महीनों से उनकी कोई आमदनी नहीं हुई है। उन्होंने शुरूआत में तो अपने कारीगरों से थोड़ा बहुत काम कराया और उन्हें सैलरी भी दी। लेकिन स्थितियां सामान्य नहीं हुई तो उन्होंने अब काम बंद कर दिया है। उनका कहना है कि इस वक्त स्थितियां बहुत ज्यादा खराब हैं। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। बच्चों के स्कूल की फीस तक नहीं निकल पा रही है। वे बताते हैं कि हम रोज खर्चा चलाने के लिए नया काम ट्राई करने जाते हैं, लेकिन डेली घर वापस लौट आते हैं। उनका कहना है कि इस वक्त हर काम में काफी मंदी चल रही है। इसी प्रकार से आगरा में हजारों कारीगर घर पर बेकार बैठे हुए हैं।

एक साल तक कोई आस नहीं

एंपोरियम बिजनेस से जुड़े एके पुरी बताते हैं कि जब तक ताज नहीं खुल जाता है, तब तक एंपोरियम बिजनेस पूरी तरह से ठप ही रहने वाला है। एंपोरियम के सबसे ज्यादा कस्टमर्स विदेशी टूरिस्ट्स ही होते हैं। उनका कहना है कि ताजमहल यदि खुल भी जाए तो एक दम से पहले की तरह तो टूरिस्ट्स का आना काफी मुश्किल है। टूरिज्म को पटरी पर आने में एक साल से ज्यादा का वक्त लग जाएगा। इसलिये एक साल तक इस बिजनेस को कोई आस नहीं है।

अभी घर पर ही बैठे हैं। जब तक ताजमहल नहीं खुलता, तब तक कुछ नहीं होगा। ताज खुलेगा तभी विदेशी टूरिस्ट आयेगा। हमारा कस्टमर विदेशी टूरिस्ट ही ज्यादातर होता है। विदेशी टूरिस्ट्स ही पच्चीकारी को पसंद करते हैं और खरीदते हैं।

-नितिन सिंह, एंपोरियम संचालक

इस वक्त आगरा का टूरिज्म भी लॉक है। सारे एंपोरियम बंद पड़े हैं। फिर भी हम आशा कर रहे हैं कि ताजमहल खुलेगा तो टूरिज्म पटरी पर आयेगा और एंपोरियम का बिजनेस भी पटरी पर आयेगा। शुरुआत तो काफी मंदी रहने की ही आशंका है।

-एके पुरी, एंपोरियम संचालक

इस वक्त तो हालात काफी ज्यादा खराब हैं। एक साल से पहले कुछ ठीक होने की उम्मीद नहीं लग रही है। एंपोरियम वालों पर स्टॉक होगा, हमारे पास भी स्टॉक है। ताज खुल भी जाता है तो पहले स्टॉक का माल ही निकालेंगे। डेली सोचते हैं कि कुछ नया काम ढूंढ़े, लेकिन सब जगह मंदी छाई हुई है।

-नौशाद, पच्चीकारी के कारीगर

Posted By: Inextlive