-पूर्व कैबिनेट मंत्री नारायन सिंह सुमन के खिलाफ इश्यू थे वारंट

-घंटों कठघरे में खड़ा रहना पड़ा पूर्व मंत्री और बीएसपी के कद्दावर नेता को

आगरा। बीएसपी सरकार के पूर्व कैंबिनेट मंत्री नारायन सिंह सुमन को आखिरकार न्यायालय में सरेंडर करना ही पड़ा। जहां घंटों कठघरे में खड़े होने के बाद ही उन्हें जमानत मिल सकी। दस हजार रुपये निजी मुचलका और इतनी ही धनराशि के दो जमानतें दाखिल करने के बाद शाम को ही पूर्व मंत्री दीवानी से बाहर निकल सके।

खड़े रहे दूसरे आरोपियों के साथ

सोमवार को दोपहर के समय कई लग्जरी गाडि़यां गेट नम्बर चार से दीवानी के अंदर दाखिल हुई। इन्हीं में से एक गाड़ी में से मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नारायन सिंह सुमन उतरे और सीधे सीजेएम कोर्ट में हाजिर हो गए। दरअसल पूर्व मंत्री सुमन के खिलाफ वारंट चले आ रहे थे। इसी के चलते उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था। रास्ता अवरुद्ध करने का है आरोप

मामला 2014 का है। आगरा लोकसभा के उम्मीदवार सुमन अपने नामांकन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में दो पहिया और चार पहिया वाहन काफिले में थे। इसके चलते एमजी रोड अवरुद्ध हुआ था। कलेक्ट्रेट के गेट के बाहर भीड़ एकत्रित हो गई। इसकी रिपोर्ट तत्कालीन नायाब तहसीलदार (सदर) भावना अग्रवाल ने दर्ज कराई थी। जिसमें सुमन के साथ बीएसपी के तत्कालीन जिला अध्यक्ष आजाद सिंह को भी आरोपी बनाया गया था। आजाद सिंह ने पहले ही एक अप्रैल को कोर्ट में सरेंडर कर जमानत करा ली। आखिरकार नारायन सिंह ने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर अपनी जमानत कराई। पूर्व मंत्री की जमानत पैरवी के दौरान उनके वकील राजेश कुमार परिहार, सीनियर एडवोकेट दुर्गविजय सिंह भैया आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive