- छात्रों के लिए बोर्ड ने रखा है पांच से 10 किमी अधिकतम दूरी का नियम

- छात्राओं को स्वकेंद्र का मिलेगा लाभ, न होने की स्थिति में दूरी का नियम होगा लागू

आगरा: उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने केंद्र निर्धारण नीति की घोषणा के साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को रफ्तार दे दी है। बोर्ड के स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यार्थी चाहे संस्थागत हो या व्यक्तिगत, उनका परीक्षा केंद्र अधिकतम पांच से 10 किसी की परिधि में होना चाहिए। वहीं छात्राओं को स्वकेंद्र सुविधा दी जाएगी, न होने पर केंद्र किमी से दूर नहीं बनाया जाएगा।

जिला विद्यालय निरीक्षण रवींद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड के निर्देश हैं कि बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को केंद्र आवंटन में दूरी पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्हें केंद्र दूर होने पर परेशान न होना पड़े। विषम भौगोलिक परिस्थिति व विद्यालय अनुपलब्धता की स्थिति में हाईस्कूल के विद्यार्थी को कम दूरी वाले परीक्षा केंद्र पर व इंटरमीडिएट विद्यार्थी को दूर के परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाए।

छात्राओं के लिए दूरी पांच किमी से कम

वहीं वर्ष 2021 की हाईस्कूल और इंटर परीक्षा में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सभी संस्थागत व व्यक्तिगत छात्राओं को उनका विद्यालय या अग्रसारण केंद्र ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, यानि उन्हें स्वकेंद्र की सुविधा दी जाएगी। स्वकेंद्र सुविधा न होने की स्थिति में अधिकतम पांच किमी दूरी वाला नियम लागू होगा।

वहीं दिव्यांग विद्यार्थियों को जिला विद्यालय निरीक्षण सीएमओ द्वारा जारी प्रमाण-पत्र देखकर स्वकेंद्र सुविधा प्रदान करेंगे, जो पांच किमी से दूर नहीं होगी।

ऐसे होगा निर्धारण

विद्यालय से परीक्षा केंद्र के बीच की दूरी का निर्धारण जिओ टै¨गग के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने सभी विद्यालयों को सुविधाओं और मानव संपदा का डाटा आनलाइन कराने के निर्देश दिए हैं। इसमें उनकी जिओ टैं¨गग भी शामिल होगी। जिओ टैंगिग विद्यालयों के बीच दूरी का आंकलन कर केंद्रों का आवंटन करेगा, इससे विभागीय हस्तक्षेप भी खत्म होगा।

Posted By: Inextlive