बुधवार को पेश हुए यूनियन बजट 2023 पर नेशनल चैैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एनसीआईसी ने परिचर्चा की. इसमें चैैंबर प्रेसिडेंट शलभ शर्मा और आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा की अध्यक्षता में विशेषज्ञों ने बजट का विश्लेषण किया.

आगरा(ब्यूरो)। प्रेसिडेंट शलभ शर्मा ने बताया कि यह बजट कुल मिलाकर विकासोन्मुखी और लोक लुभावना है। इस बजट में एमएसएमई सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है।

महिलाओं का रखा ध्यान
चैैंबर प्रेसिडेंट ने बताया कि बजट में घरेलू महिलाओं की निजी बचत को बढ़ावा देने के लिए भी उनकी बचत पर टैक्स में छूट प्रदान की गई है। महिला सम्मान बचत पत्र दो लाख दो साल तक जमा करने पर 7.50 परसेंट ब्याज मिलेगा। स्टार्टअप की टैक्स रिबेट में एक साल को बढ़ाया गया है। यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। इससे नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। आयकर में टैक्स स्लैब की नई व्यवस्था को अधिक लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया गया है।

कोविड के समय जब्त हुई रकम रिफंड होगी
आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बजट के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोविड-19 के समय में जो गवर्नमेंट कांट्रेक्ट रकम जब्त हो गई थी। उसका 75 परसेंट रिफंड किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों की जमा सीमा बढ़ाई
शिक्षा स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में विस्तार करने की योजनाएं बनाई गई हैं। टैक्सटाइल के क्षेत्र में आयात शुल्क को 21 से कम करके 13 परसेंट किया गया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम जमा 15 लाख की सीमा को बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। धारा 10(22 बी) के अंतर्गत न्यूज एजेंसी को दी जाने वाली छूट वापस ले ली गई है। यह समाचार पत्रों के लिए एक नकारात्मक कदम है।
रिटेल व्यापारियों का रखा ध्यान
फुटकर व्यापारियों की सीमा 44 एडी के तहत दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी गई है। इसी प्रकार प्रोफेशनल्स के लिए 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख सीमा की गई है, जिससे उन्हें इस सीमा तक ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं होगी। कोऑपरेटिव सोसाइटीज के मामलों में कर की दर को 15 परसेंट कर दिया गया है और उसमें नकद वापसी की सीमा बिना टीडीएस कटे एक करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी गई है। अत: तीन करोड़ तक कर में छूट होगी। गैर सरकारी कर्मचारी को लीव एनकैशमेंट की छूट तीन लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है। लॉन्गटर्म पूंजीगत लाभ के लिए धारा 54 और 54 एफ के तहत मकान खरीदने या मकान बनाने के लिए छूट की सीमा 10 करोड़ तक सीमित कर दी गई है।

स्टार्टअप को सिक्योरिटी
अनिल वर्मा ने बताया कि न्यू स्टार्टअप के लिए क्षतिपूर्ति हेतु नुकसान को सात साल तक से बढ़ाकर दस वर्ष कर तक दिया गया है। अग्रिम टैक्स पर सरचार्ज लिया जाएगा। यह भी इस बजट में एक नकारात्मक कदम है। कर मुक्त नई व्यवस्था 15 लाख तक आय वालों के लिए ठीक रहेगी। लंबित अपील के शीघ्र निस्तारण हेतु 100 संयुक्त आयकर आयुक्तों की नियुक्ति की जाएगी। कुल मिलाकर यह बजट लोकलुभावना है किन्तु विकासोन्मुखी है। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार व्यापार को बढ़ावा देने वाला है।

बजट दूरगामी
जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन पूर्व चैैंबर प्रेसिडेंट अमर मित्तल ने इस बजट को दूरगामी बताया और कहा कि इससे सिगरेट, सोना, चांदी, हीरा आदि सभी महंगे होंगे। उपाध्यक्ष मयंक मित्तल ने भी इस बजट को दूरगामी बताया। कोषाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि साइकिल एवं अन्य व्यायाम की वस्तुओं पर आयात शुल्क कम की गई है। इससे लागत में कमी आएगी और उत्पादन बढ़ेगा।


बजट में की गई घोषणाएं बहुत अच्छी हैं। लेकिन यह धरातल पर आनी चाहिए।
- शलभ शर्मा, चैैंबर प्रेसिडेंट

यह रहे मौजूद
मीटिंग में प्रेसिडेंट शलभ शर्मा, उपाध्यक्ष मयंक मित्तल, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा एवं जीएसटी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अमर मित्तल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए.

Posted By: Inextlive