- कोरोना की दूसरी लहर में नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन से लेकर स्टेरायड इंजेक्शन की खरीद बिक्री की आशंका,

- जांच में जुटी टीम, पुलिस करेगी आगे की कार्रवाई

आगरा: नकली डेका डुराबोलिन (एनबालिक स्टेरायड) इंजेक्शन मामले में एक दर्जन कारोबारी निशाने पर हैं। फव्वारा दवा बाजार से थोक दवा कारोबारियों को इंजेक्शन की सप्लाई की गई। उन्होंने कानपुर, वाराणसी सहित अन्य जिलों के थोक विक्रेताओं को इंजेक्शन की बिक्री कर दी। वहीं, कोरोना काल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री की भी आशंका है। इसकी भी जांच की जा रही है।

संचालक को पूछताछ के बाद छोड़ा

रिद्धि सिद्धि फार्मा, कर्नाटक द्वारा अप्रैल में राजू ड्रग हाउस फव्वारा को सप्लाई किए गए 2600 डेका डुराबोलिन इंजेक्शन नकली मिले थे। इस मामले में बुकी राहुल कुमार सिंह और राजू ड्रग हाउस पर काम करने वाले रंजीत शर्मा को जेल भेज दिया। हेमा ड्रग हाउस के संचालक हिमांशु अग्रवाल को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। औषधि विभाग की जांच में सामने आया है कि एक दर्जन कारोबारियों ने कोरोना काल में नकली इंजेक्शन की खरीद बिक्री की है। इसमें स्टेरायड इंजेक्शन के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन भी शामिल है। ये कारोबारी कफ सीरप, गर्भपात किट और नारकोटिक्स की दवाओं का अवैध कारोबार करते हैं। औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने बताया कि आगे की कार्रवाई पुलिस द्वारा की जाएगी।

चार इंजेक्शन जांच के लिए भेजे गए

डेका डुराबोलिन के चार इंजेक्शन जांच के लिए लखनऊ भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद औषधि विभाग की टीम ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी।

Posted By: Inextlive