-जिला जेल पहुंचे प्रभारी डीआईजी कारागार वीके सिंह ने की बंदियों और स्टाफ से पूछताछ

-वीडियो कांफ्रे¨सग के माध्यम से सोमवार को सामूहिक दुष्कर्म में आरोपियों पर तय हुआ था चार्ज

आगरा। जिला जेल में निरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित योगेश कुमार की खुदकुशी के मामले की जेल-प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को जिला जेल पहुंचे प्रभारी डीआईजी वीके। सिंह ने बंदियों और स्टाफ से पूछताछ की। जेल प्रशासन ने डीआइजी को जानकारी दी कि कोर्ट ने सोमवार को ही वीडियो कांफ्रे¨सग के माध्यम से सामूहिक दुष्कर्म के तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्ज तय किए गए थे। इसके बाद तीनों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल शुरू होना था। जिला जेल में बंदी रक्षकों की गिनती करके उन्हें बैरक में भेजने की प्रक्रिया शाम छह बजे शुरू होती है। सोमवार की शाम को करीब सात बजे बैरकों से बंदी अपने सर्किल में लगे वाटर कूलर से पानी लेने के लिए गए थे। इनमें सामूहिक दुष्कर्म का आरोपित योगेश कुमार भी शामिल था। बैरक नंबर दो के पास लगे वाटर कूलर पर बंदियों की भीड़ अधिक थी। इसके चलते वह बैरक नंबर आठ के पास लगे वाटर कूलर पर चला गया। वहां पर बंदी रक्षक और अन्य बंदियों की नजरें बचाकर वह डबल स्टोरी बैरक की छत पर जाने वाली सीढि़यों तक चला गया था। दरवाजे के कुंदे से साफी का फंदा गले पर कसकर वह लटक गया था। इससे उसकी मौत हो गइ.प्रभारी डीआईजी वीके सिंह ने योगेश कुमार के बैरक में निरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित उसके दोनों साथियों गौरी शंकर राजपूत और मोनू समेत आधा दर्जन बंदियों से पूछताछ की। प्रथम ²ष्टया ड्यूटी पर तैनात बंदी रक्षक की लापरवाही सामने आई है। प्रभारी डीआईजी वीके सिंह ने बताया बंदियों व स्टाफ से पूछताछ की है। जांच के बाद लापरवाही बरतने के दोषी बंदी रक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

साथी बंदियों ने कहा- सामान्य था योगेश का व्यवहार

सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित योगेश के साथियों गौरी शंकर और मोनू ने जेल अधिकारियों को बताया कि उसका व्यवहार सामान्य था। एक ही बैरक में साथ रहने के दौरान उन्हें कभी यह महसूस नहीं हुआ कि योगेश किसी तनाव मे है। वह इस तरह का कदम उठा सकता है।

Posted By: Inextlive