- प्री-कास्ट तकनीक से तैयार किया गया है गर्डर

आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने ताज ईस्ट गेट मेट्रो स्टेशन के प्रथम तल (कॉन्कोर्स लेवल) के निर्माण के लिए डबल टी गर्डर को सफतापूर्वक रखा। डबल टी गर्डर कई मायनों में खास है। इसकी शटरिंग में समय भी अधिक लगता है, जिसके परिणाम स्वरूप लागत भी अधिक आती है। वहीं डबल टी गर्डर समय एवं लागत के लिहाज से कहीं बेहतर है। 'प्री-कास्ट' तकनीक से बना यह गर्डर मात्र कुछ घंटों में ही बीम पर रखा जा सकता है।

डबल टी गर्डर की खासियत

लंबाई

11.4 मीटर

चौड़ाई

3.07 मीटर

ऊ ंचाई

एक मीटर

वजन

44 टन

प्री कास्ट तकनीक का किया इस्तेमाल

सामान्य रूप से 'शटरिंग' प्रणाली द्वारा स्टेशन कांकॉर्स का निर्माण किया जाता है, जिससे सड़क पर एवं ट्रैफि क में अवरोध उत्पन्न होता है। शटरिंग में समय भी अधिक लगता है, जिसके परिणाम स्वरूप लागत भी अधिक आती है। वहीं, डबल टी गर्डर समय एवं लागत के लिहाज से कहीं बेहतर है। 'प्री-कास्ट' तकनीक से बना यह गर्डर मात्र कुछ घंटों में ही बीम पर रखा जा सकता है।

इस तरह होता है निर्माण

ऐलिवेटिड स्टेशन के निर्माण के दौरान सबसे पहले निर्माण स्थल पर पाइलिंग कार्य किया जाता है। इसके बाद कई पाइल मिलकर पीयर (पिलर) को आधार देने वाली पाइलकैप का निर्माण करती है। पाइलकैप बनने के बाद उसपर पीयर (पिलर) का निर्माण किया जाता है। जब स्टेशन परिसर के सभी पीयर बनकर तैयार हो जाते हैं, तो उनको आपस में जोड़ने एवं डबल टी गर्डर को आधार देने के लिए हॉरिजोंटल बीम का निर्माण किया जाता है। हॉरिजोंटल बीम बन जाने के बाद उनपर डबल टी गर्डर रखकर स्टेशन के कॉन्कोर्स लेवल का निर्माण किया जाता है।

अब तक इतना काम पूरा

ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद के बीच बन रहे प्रायोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड सेक्शन में अबतक 582 पाइल, 105 पाइलकैप एंव 89 पीयर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ऐलिवेटिड सेक्शन में कुल 686 पाइल, 171 पाइलकैप एवं 171 पीयर का निर्माण किया जाना है। वहीं, बमरौली कटारा स्थित कास्टिंग यार्ड में अबतक 36 डबल टी-गर्डर, 22 पीयरकैप एवं 12 यू गर्डर की कास्टिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही वायाडक्ट में अबतक 12 पीयरकैप सफलतापूर्वक रखे जा चुके हैं।

आगरा मेट्रो एक नजर में

गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटेड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी। लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।

वर्जन

कानपुर मेट्रो के बाद अब आगरा मेट्रो में भी ऐलिवेटिड स्टेशनों के कॉन्कोर्स निर्माण के लिए डबल टी गर्डर का प्रयोग किया जा रहा है.डबल टी गर्डर को सफलतापूर्ण रखकर आगरा मेट्रो (यूपी मेट्रो) की टीम ने सराहनीय कार्य किया है।

कुमार केशव, एमडी, यूपीएमआरसी

Posted By: Inextlive