- रेखा राठौर के सिर से बचपन में उठ चुका था मां का साया

- ग्रांड पेरेंट्स के पास रही, चाचाओं की भी शुरू से रही लाड़ली

- छत्तीसगढ़ के जिले कोरिया में हैं पिता, करते हैं चूड़ी का कारोबार

आगरा। कूचा साधुराम में सामूहिक हत्याकांड ने शहर में सनसनी फैला दी है। यहां मृत मिली रेखा राठौर का जीवन संघर्ष भरा रहा। रेखा ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था। दादा-दादी ने उनकी परवरिश की। पिता और चाचाओं ने मिलकर उनकी शादी की। जैसे ही परिवार को उनके साथ हुई घटना की जानकारी हुई उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह मौके पर पहुंच गए। सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में रह रहे रेखा के पिता विनोद राठौर से खास बातचीत की।

चार वर्ष की उम्र में मां का देहांत

रेखा राठौर जब चार वर्ष की थीं, तभी उनकी मां का देहांत हो गया था। पिता विनोद राठौर ने बताया कि उनकी पहली शादी टूंडला से आगे अवागढ़ रोड पर गांव रामगढ़ निवासी भगवान देवी से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद रेखा का जन्म हुआ। रेखा जब करीब चार वर्ष की थी, तभी मां भगवान देवी की मौत हो गई।

दादा-दादी के पास रही

चार वर्ष की उम्र में ही रेखा के ऊपर से मां का साया उठ चुका था। ऐसे में दादा स्व। मोहन प्रकाश राठौर और गंगा देवी राठौर ने रेखा की परवरिश की जिम्मेदारी संभाली। रेखा जब छह वर्ष की हुई तो पिता विनोद राठौर काम-धंधे की तलाश में बिलासपुर चले गए।

सभी ने मिलकर की शादी

पिता विनोद राठौर ने बताया कि बेटी मेरे मां-बाप के साथ रही। पूरा परिवार साथ में रहता था। मेरे भाई (रेखा के चाचा) प्रमोद, मोहन और प्रेम सभी साथ में रहे। विनोद बताते हैं कि रेखा की शादी भी करीब 15 वर्ष पहले हम सबने मिलकर की थी। वह भी आगरा आए थे।

कार्ड में सुनील की जगह धर्मेद्र नाम लिखा

विनोद की उम्र अब करीब 56 वर्ष हो चुकी है। उन्होंने बताया कि रेखा की उम्र करीब 33 वर्ष थी। उसकी शादी बेगम देवड़ी निवासी सुनील के साथ की। शादी के समय कार्ड में सुनील का नाम धर्मेद्र लिखा था। सुनील नाम से विवाह का मुहूर्त नहीं निकल रहा था। इसलिए धर्मेद्र नाम कार्ड पर लिखवाया।

तीन बच्चों और पत्नी के साथ छत्तीसगढ़ में पिता

विनोद ने पहली पत्नी भगवान देवी की मौत के बाद दूसरी शादी सावित्री से की। दूसरी पत्नी से उन्हें एक बेटी पूजा और दो बेटे सचिन और अमन हैं। विनोद पत्नी सावित्री और तीनों बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में रहते हैं। वह यहां चूड़ी का कारोबार करते हैं। जैसे ही उन्हें बेटी के साथ हुई घटना की जानकारी हुई तो उनकी आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। वह जल्द से जल्द आगरा आना चाह रहे थे।

Posted By: Inextlive