आगरा। सेना में भर्ती होने का सपना देखने वाले युवाओं को शातिर बेवकूफ बना रहे हैं। उन्हें सेना में भर्ती कराने का झांसा देते हैं। इसके एवज में उनसे रुपया ले लेते हैं। अगर युवा अपनी काबिलियत के दम पर भर्ती हो जाता है, तो पूरा रुपया शातिर की जेब में जाता है। अगर युवा भर्ती नहीं हो पाता तो रुपये लौटाने में टालमटोल करते हैं। ज्यादा सख्ती करने पर किस्तों में रुपया लौटाते हैं।

गांव में रहते हैं सक्रिय

आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज में सेना भर्ती आयोजित की जा रही है। यहां रोज विभिन्न तहसील एरिया के युवा देश सेवा केलिए अपना दमखम दिखा रहे हैं। लेकिन सेना में भर्ती होने की युवा की मेहनत शातिर दलालों की किस्मत चमका रही है। ये शातिर गांव में ही सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के आसपास सक्रिय हो जाते हैं। उन्हें सेना में भर्ती कराने का झांसा देते हैं। इसके एवज में उनसे 2 से 5 लाख रुपये तक ले लेते हैं।

ले लेते हैं पूरा पेमेंट

दलाल इधर कैंडिडेट्स से भी तैयारी को और धार देने की कहते हैं। युवा सेना में भर्ती होने के लिए अपना पूरा दमखम दिखाता है। अगर वह सेना में भर्ती हो जाता है, तो दलाल उसे अपनी पहुंच का हवाला देता है। उसे पूरा पेमेंट ले लेता है।

इस तरह लौटाते हैं रुपया

अगर कैंडिडेट्स सेना भर्ती के दौरान फेल हो जाता है, तो वह दलाल से रुपये वापस मांगता है। यहां से टालमटोल और चक्कर लगवाने का खेल शुरू होता है। शुरू में दलाल कई दिनों तक कैंडिडेट को टहलाता है। अगर कैंडिडेट के परिवारीजन सख्ती दिखाते हैं तो दलाल कुछ रुपये लौटा देता है। इसके बाद फिर परिजन सख्ती दिखाते हैं, तो कुछ और रुपये दलाल दे देता है। रकम लौटाने में इस दौरान एक से दो साल तक का समय बीत जाता है। कई बार परिजन थक हारकर बैठ जाते हैं। जो लगातार दलाल पर तकादा करते रहते हैं, उन्हें कई चक्कर लगाने के बाद काफी हदतक रुपया वापस मिल जाता है।

एक सेना भर्ती में 10-20 लाख तक का खेल

दलाल अगर 10 कैंडिडेट को भी अपने जाल में फंसा लेते हैं, तो 10-20 लाख रुपये का खेल कर देते हैं। कैंडिडेट से जैसा सौदा तय हो जाए, उससे उसी हिसाब से रुपये लेते हैं। अगर कोई युवा उन्हें सेना भर्ती का अच्छा दोवदार नजर आता है, तो उसके लिए रुपये कम भी कर देते हैं। हर कैंडिडेट से वह 2 से 5 लाख रुपये तक लेते हैं। एडवांस के तौर पर 2 लाख रुपये तक की रकम की डिमांड करते हैं। इसके बाद जहां भी मोलभाव रुक जाए, रुपया ले लेते हैं।

कॅरियर बर्बाद करने से भी नहीं कतराते

कई दलाल तो रुपये के लालच में कैंडिडेट्स का कॅरियर तक बर्बाद कर देते हैं। उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करवा देते हैं। सेना भर्ती के दौरान वह पकड़ में आ जाते हैं। उन्हें पुलिस को सौंप दिया जाता है। देश सेवा का जज्बा रखने वाले युवा मुकदमा दर्ज कर जेल चले जाते हैं। लेकिन, तब तक दलाल का काम पूरा हो जाता है। वह अड्डा बदल चुका होता है।

कई सेना भर्ती का ठेका

अगर कैंडिडेट एक सेना भर्ती में सफल नहीं हो पाता है, तो दूसरी सेना भर्ती में चयन करवाने का झांसा दिया जाता है। ये सिलसिला जारी रहता है। इस दौरान अगर उम्मीदवार अपनी काबिलियत के दम पर सेलेक्ट हो जाता है, तो दलाल की मौज आ जाती है। अगर नहीं होता है, तो फिर वही रुपये को लौटाने का प्रोसेस स्टार्ट होता है। पहले चक्कर, फिर सख्ती और आखिर में किस्त रुपया लौटाना।

सेना भर्ती स्थल

आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज

कब से कब तक

15

--------------

बॉक्स

हाल ही में हुए थे 6 गिरफ्तार

आगरा। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना में भर्ती होने पहुंचे पांच अभ्यर्थी और एक दलाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया था कि मंगलवार को गिरफ्तार अभ्यर्थी अलीगढ़ जनपद के टोछीगढ़ में नगला शिव सिंह निवासी प्रवीण, राजेंद्र सिंह, विजय कुमार और बुलंदशहर के जहांगीरपुर में गांव उदयपुर निवासी योगेश अत्री, जहांगाीरपुर के माचढ़ निवासी विशाल कुमार शामिल हैं। बाह के इंद्रायणी निवासी प्रवीण उर्फ पिस्सू सेना में भर्ती कराने का ठेका लेता था। एसएसपी ने बताया कि विजय, प्रवीण और राजेंद्र 18 फरवरी को हाथरस जनपद की भर्ती में शामिल हुए थे। फिजिकल में पास होने के बाद इंटरव्यू में फेल हो गए थे। दोबारा ये 21 फरवरी को इगलास तहसील से भर्ती होने पहुंच गए। कागजात और बायोमीट्रिक की जांच के दौरान पकड़े गए। योगेश और विशाल को भर्ती कराने का ठेका पिस्सू ने पांच लाख रुपये में लिया था। योगेश अलीगढ़ के सरकोरिया गांव निवासी आकाश के कागजात पर और विशाल इसी गांव के निवासी टेकचंद के कागजात पर भर्ती होने पहुंचा था। दौड़ में पास होने के बाद कागजात की जांच में दोनों पकड़े गए। योगेश और विशाल ने बताया कि पिस्सू ने धौलपुर के राजाखेड़ा निवासी सुरेंद्र से मुलाकात कराई थी। वह भी सेना में भर्ती कराने का ठेका लेता है।

Posted By: Inextlive