- शमशान घाट कर्मचारियों के पूछने पर हत्यारे ने बताया अपने चाचा का बेटा

- शाम को पूछ गए थे, रात में शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे

आगरा। चार-पांच युवक आए थे। उनमें से एक तो बहुत ही फूट-फूट कर रो रहा था। शव अपने चाचा के बेटे का बताया। कहीं से भी शक ही नहीं हुआ कि ये हत्यारे हैं। सचिन हत्याकांड का खुलासा होने के बाद बल्केश्वर शमशान घाट के कर्मचारी भी स्तब्ध थे।

पहले पूछने आए

बल्केश्वर शमशान घाट के एक कर्मचारी ने बताया कि 21 जून को शाम करीब पांच से छह बजे के बीच का समय था। दो युवक आए। पूछा कि कोरोना संक्रमित शव का यहां अंतिम संस्कार हो जाएगा। कर्मचारियों ने हां कर दिया। युवकों ने कहा कि शव लाने में देर हो जाएगी। रात तक ला पाएंगे। कर्मचारियों ने रात 11 बजे से पहले शव लेकर आने की कहा।

रात 10 बजे शव लेकर पहुंचे

युवक शमशान घाट से चले गए। रात करीब 10 बजे के आसपास शव लेकर दोबारा शमशान घाट पहुंचे। चार से पांच युवक थे। शव पीपीई किट में पैक था। युवक वैन से शव लेकर पहुंचे थे। शमशान घाट के कर्मचारियों ने शव को वैन से उतारा। शमशान घाट के प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया। एक युवक अंतिम संस्कार का सामान लेकर आया।

चाचा का बेटा बताया

शमशान घाट में चिताओं की देखरेख का काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि एक युवक ने मृतक को अपने चाचा का बेटा बताया। युवक ने बताया कि उसके चाचा-चाची की मौत हो चुकी है। अब इस दुनिया में उसके सिवा कोई नहीं है। इसलिए वह ही शव का अंतिम संस्कार करने आया है। वह इस कदर फूट-फूटकर रो रहा था कि कहीं से भी उस पर शक नहीं हो रहा था। अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने और चिता की देखरेख के लिए युवकों ने शमशान कर्मचारियों को 1600 रुपए दिए। इसके बाद युवक चले गए।

अस्थियां भी ले गए हत्यारे

इसके बाद दूसरे दिन 22 जून को हैप्पी और रिंकू पहुंचे। चिता में से फूल चुनकर ले गए। चितास्थल पर फूल चुने जाने के बाद भी सभी क्रियाएं कीं। अगरबत्ती लगाई। अब वारदात की जानकारी होने के बाद शमशान कर्मचारी स्तब्ध हैं।

रवि वर्मा नाम लिखवाया

हत्यारोपियों ने अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट के सामने स्थित अग्रवाल महासभा से अंतिम संस्कार का सामान खरीदा। यहां मृतक का नाम रवि वर्मा पुत्र धीरज वर्मा और पता 12 ए सरयू धाम, कमला नगर लिखा दिया। पर्ची पर फर्जी मोबाइल नंबर लिखवा दिया।

आधार कार्ड मांगा, पर नहीं दिया

संस्था अग्रवाल महासभा की दुकान पर कार्यरत अरविंद कुमार ने बताया कि युवक जब सामान ले आए थे, तो उनसे आधार कार्ड मांगा। लेकिन, युवकों ने आधार कार्ड होने से इंकार कर दिया। कोरोना संक्रमित शव होने का हवाला दिया। अरविंद बताते हैं कि हम तो आधार कार्ड इसलिए मांगते हैं जिससे डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के दौरान कोई दिक्कत न हो।

बॉक्स

गुटखा की पीक से पहचान उजागर

शमशान घाट के कर्मचारी ने बताया कि पांचों युवक चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे। लेकिन उनमें से एक आरोपी गुटखा खाता है। इसके चलते वह बार-बार मास्क उतार रहा था। इसलिए उसका चेहरा दिख गया। सोमवार को कुछ लोग शमशान घाट आए। उन्होंने एक फोटो दिखाया। जिसमें पांच युवक थे। इनमें से उन्होंने एक युवक को पहचान लिया, जो शव के अंतिम संस्कार में शामिल था। ये वही युवक था, जिसने गुटखा की पीक थूकने के चलते मास्क उतारा था।

Posted By: Inextlive