- सीवियर डायबिटीज पेशेंट्स को हो रही परेशानी

- शरीर के अंगों में फंगल लगना हो जाता है शुरू

आगरा। 40 वर्षीय हिमांशु को पहले से ही डायबिटीज की समस्या थी। उन्हें कोरोनावायरस का इंफेक्शन भी हो गया। इसके बाद उन्हें कोविड हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। कुछ दिन तक इलाज चलने के बाद अचानक उनके शरीर के अंगों में फंगस की समस्या हुई। ये उनकी आंख तक पहुंच गई। उन्हें म्यूकोरमाइसिस नाम की समस्या हो गई थी। कोरोना के साथ-साथ कोविड के पेशेंट्स में अन्य रोग काफी ज्यादा परेशान कर रहे हैं। ये रोग इनके लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। इन्हीं में से एक म्यूकोरमाइसिस बड़ी समस्या है। जो सीवियर डायबिटिक पेशेंट्स के लिए ज्यादा परेशान कर रही है। आगरा में इस प्रकार की समस्या कुछ पेशेंट्स में देखने को मिली है।

एक तरह का फंगल इंफेक्शन है म्यूकोरमाइकोसिस

म्यूकोरमाइसिस फंगल इंफेक्शन है जिसके परिणाम काफी गंभीर होते हैं। इस बीमारी के पेशेंट्स की आंख की रोशनी चली जाती है, जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है और 15 दिन के भीतर पेशेंट्स का दिमाग भी इसकी चपेट में आ जाता है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि म्यूकोरमाइसिस का सीधा संबध कोरोना से नहीं है। ये जिन पेशेंट्स की डायबिटीज अनकंट्रोल रहती है, जो सीवियर डायबिटिक हैं। उन पेशेंट्स में म्यूकोरमाइसिस की समस्या आ रही है। इस बीमारी से ग्रसित तकरीबन 50 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है। ऐसे में अगर इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में ना पकड़ में आए तो पेशेंट को बचा पाना काफी मुश्किल होता है। उन्हें किसी भी अन्य फंगल इंफेक्शन की तरह म्यूकोरमाइकोसिस उन पेशेंट्स में ज्यादा देखने को मिलता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है, या फिर जो पेशेंट्स डायबिटीज, किडनी की बीमारी से ग्रसित होते हैं। यह बीमारी उन लोगों को भी अपनी चपेट में लेती है जिनका ट्रांसप्लांट हुआ हो।

ये हैं लक्षण

डॉक्टर्स बताते हैं कि यदि पेशेंट की नाक में अवरोध उत्पन्न हो, आंख या गाल में सूजन हो, नाक में काला सूखा क्रस्ट बनने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए। इसके साथ ही जल्द से जल्द एंटीफंगल थेरेपी करानी चाहिए। शुरुआती लक्षण गंभीर होने में कुछ दिन या हफ्ते ले सकते हैं। इंफेक्शन कितनी तेजी से फैलेगा यह आपकी इम्युनिटी पर निर्भर करता है। कभी-कभी यह दो हफ्ते तक का समय ले लेता है। कभी-कभी पेशेंट की आंख तक निकालनी पड़ सकती है। डॉक्टर प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि म्यूकोरमाइसिस की समस्या आगरा में तो कम ही पेशेंट्स देखने को मिले हैं। लेकिन दिल्ली, गुजरात और मुंबई में इसके पेशेंट्स ज्यादा मिले हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में जो मामले सामने आ रहे हैं वह बहुत ही गंभीर हैं और पेशेंट्स कुछ ही दिनों में गंभीर हालत में पहुंच जा ररहे हैं, यह 30-40 वर्ष के युवा मरीजों में भी हो रहा है।

म्यूकोरमाइसिस का सीधा संबध कोरोना से नहीं है। ये जिन पेशेंट्स की डायबिटीज अनकंट्रोल रहती है, जो सीवियर डायबिटिक हैं। उन पेशेंट्स में म्यूकोरमाइसिस की समस्या आ रही है।

-डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर मेडिसिन डिपार्टमेंट, एसएनएमसी

Posted By: Inextlive