MATHURA (21 Dec.): हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से यमुना में गंगा से पानी लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए ऊपरी गंगा और मांट फीडर में पानी की क्षमता में इजाफ किया जा रहा है। मथुरा-वृंदावन के घाटों पर निर्मल जलस्तर बनाए रखने के लिए वृंदावन में रबर डेम के निर्माण की परियोजना को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है।

500 क्यूसिक पानी को हरी झंडी

यमुना में जलस्तर कम है और पानी भी प्रदूषित है। जल को प्रदूषण मुक्त करने के लिए यमुना में गंगा से पानी लाया जा रहा है। 16 मई 15 को ¨सचाई मंत्री शिवापाल सिंह यादव ने औखला बैराज से नीचे 500 क्यूसिक पानी दिया जाने की योजना को हरी झंडी दे दी थी। ¨सचाई विभाग गंगा ने 300 क्यूसिक पानी औखला बैराज से 31 किमी नीचे गंगा का पानी यमुना में छोड़ दिया था। 150 क्यूसिक पानी निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर के हैड से निकले बलदेव राजवाह में होकर सिकंदरा जल स्थान के समीप यमुना में छोड़ा जाएगा। गंगा से मिल रह पानी को बढ़ाने के लिए ¨सचाई विभाग ने परियोजना बनाई है।

रजवाह पर कार्य जारी

हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज के दायें किनारे से निकली से ऊपरी गंगा से लेकर मांट फीडर में जल की क्षमता को बढ़ाया जाना है। इसी के साथ-साथ मांट फीडर में जल क्षमता वृद्धि करके कोट स्केप और हवालिया ड्रेन की पुर्नस्थापना कराई जाएगी। इनमें पानी की क्षमता बढ़ जाने से यमुना में गंगा का पानी बढ़ा दिया जाएगा। इधर, मथुरा-वृंदावन के यमुना के घाटों पर जल स्तर बनाए रखने के लिए वृंदावन में रबर डैम का निर्माण कराया जाएगा। इसकी परियोजना बनाकर शासन की मंजूरी के लिए भेजी गई है। बलदेव राजवाह पर कार्य जारी है। धनराशि के अभाव में कार्य पूरा नहीं हो सका है, लेकिन जनवरी तक कार्य को पूरा करने का दावा उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन ने किया है।

गंगा से यमुना को पानी ¨सचाई विभाग गंगा दे रहा है, जबकि मथुरा-वृंदावन में पानी का स्टोर करने को वृंदावन में रबर डेम की प्रस्तावित योजना को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है।

-गुलेश चंद, मुख्य अभियंता, चीफ यमुना विभाग, ओखला

Posted By: Inextlive