आगरा। एक ओर शहर में पेयजल आपूर्ति को लेकर आए दिन हंगामा होता रहता है। कारण, कभी पाइपलाइन की लीकेज तो कभी बिजली फॉल्ट और तकनीकी खामी पेयजल आपूर्ति में आड़े आ रही है। मंगलवार को चौथी बार मदिया कटरा चौराहे से वॉल्व लीक होने से गंगाजल सड़क और नालियों में बहता नजर आया। बावजूद इसके जलकल के अफसर बेपरवाह नजर आए। ये स्थिति तब है, जब जीएम जलकल द्वारा सभी की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी गई है।

चार बार लीक हो चुका है वाल्व

मदिया कटरा चौराहे पर मेन राइजिंग का वॉल्व चार बार लीक हो चुका है। इसके बावजूद भी जलकल के अफसरों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। वॉल्व लीक होने के कारण चौराहे से सड़क गंगाजल से तरबतर हो गई। लोगों को घर में पानी नसीब नहीं हो रहा है, लेकिन नालियों और सड़कों पर गंगाजल बेकदरी से बह रहा है। इस ओर कोई देखने वाला नहीं हैं।

पहले बताया था ये कारण

इस बारे में जलकल के जीएम आरएस यादव ने बताया कि संजय प्लेस स्थित टंकी को भरने के लिए मेन राइजिंग के पानी को डायवर्ट किया गया था। इस दौरान उसका वॉल्व लीक हो गया। गया। बता दें कि शहर में एक दर्जन स्थानों पर मेन राइजिंग और छोटी-मोटी लाइनों में लीकेज बना हुआ है। इसके चलते आगराइट्स को पूरे पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हाल ही में जल निगम ने 1465 करोड़ का प्रपोजल तैयार किया है। इसमें 550 किमी। नई पाइपलाइन बिछाने का काम और 350 किमी। पाइपलाइन को दुरुस्त करने का काम शामिल किया गया है।

लीकेज होने से आता है गंदा पानी

मेन राइजिंग पाइप लाइनों में लीकेज होने से घरों में गंदा पानी पहुंचता है। इस बारे में कई पार्षद कंप्लेन भी कर चुके हैं। दरअसल लीकेज होने से जब पाइपलाइन में पानी बंद होता है, तो वैक्यूम के चलते वह हवा के साथ गंदगी खींच लेंती हैं। फिर पेयजलापूर्ति होने पर गंदे पानी की आपूर्ति होती है।

Posted By: Inextlive