जीओ टैगिंग में खोजे नहीं मिल रहे पौधे
- अभी तक केवल आठ विभागों ने भी भेजी है रिपोर्ट
- डीएफओ ने विभागों को लेटर भेज मांगी डिटेल आगरा। डिस्ट्रिक्ट में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए 28 लाख पौधे रोपे गए थे। उचित रखरखाव न होने के कारण ये पौधे दम तोड़ गए हैं। इसका खुलासा जीओ टैंगिंग की रिपोर्ट में हुआ है। भेजी रिपोर्ट, वो भी आधी-अधूरी रोपे गए पौधों की जीओ टैंगिंग कर रिपोर्ट 10 दिसम्बर को उपलब्ध करानी थी, लेकिन बुधवार तक केवल आठ विभागों ने ही रिपोर्ट भेजी है, वो भी अधूरी है। इस बारे में डीएफओ मनीष मित्तल ने सभी विभागों को पत्र लिखकर जीओ टैगिंग पर रिपोर्ट मांगी है। रखरखाव भी करना थाबता दें, यमुना के किनारे 28 हजार पौधे रोपे गए थे, जो यमुना के बहाव में बह गए। इसके अलावा कालिन्दी विहार 100 फुटा पर पौधे रोपे गए। उनका भी रखरखाव नहीं हो सका। जबकि इसके लिए टेंडरिंग की गई थी। पौधरोपण करने वाली संस्था की इनके रखरखाव की भी जिम्मेदारी थी। हर विभाग का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। पूरा विवरण डीएफओ की बेवसाइट पर अपलोड करना था।
1649 स्थानों पर रोपे गए पौधेडीएफओ को आठ विभागों ने जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई है, उसमें 1649 स्थानों के पौधरोपण के सापेक्ष केवल 431 स्थानों की जीओ टैंगिंग की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
इन्होंने उपलब्ध कराई रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा नगर विकास विभाग बेसिक शिक्षा उच्च शिक्षा रेलवे विभाग श्रम विभाग रक्षा विभाग सिंचाई विभाग क्या है जीओ टैगिंग जीओ टैंिगंग रिपोर्ट एक मोबाइल एप है। इससे पौधे का फोटो लेकर विवरण दर्ज किया जाता है। इसमें उसकी पूरी लोकेशन की डिटेल प्राप्त हो जाती है। इससे दो फोटो को अपलोड करना था। इस बारे में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी विभागों ने रिपोर्ट मुहैया नहीं कराई है। टीटीजेड में सघन पौधरोपण का दावा विभागीय अधिकारियों ने दावा किया कि टीटीजेड में सघन पौधरोपण किया गया। इसमें सबसे ज्यादा फीरोजाबाद में इसके बाद आगरा, तीसरे नंबर पर मैनपुरी और चौथे पायदान पर मथुरा में पौधरोपण का दावा किया गया था।