नवजात में कुपोषण रोकने के लिए सरकार ने नई पहल की है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जिम्मेदारी तय की गई हैं


आगरा (ब्यूरो)। गर्भवती महिलाओं की हर महीने अब सरकार गोद भराई करेगी। यह कार्य घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री करेंगी, ताकि गर्भवती महिला स्वस्थ रहें। जब गर्भवती महिला स्वस्थ रहेगी तो पैदा होने वाला बच्चा भी स्वस्थ होगा। यह जानकारी अशोक नगर स्थित माथुर वैश्य सेवा सदन में पोषण माह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में सीडीओ जे रीभा ने दी। इस मौके पर उन्होंने सात गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म निभाई।ताकि कुपोषित बच्चे न हों पैदाइस प्रयास के पीछे उद्देश्य यह है कि जागरूकता की कमी और अभाव में गर्भवती महिलाओं में खून की कमी आ जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान न देने पर महिला कमजोर हो जाती हैं। जिसके कारण पैदा होने वाला बच्चा कमजोर होता है, जो कि कुपोषण और अतिकुपोषण का शिकार हो जाता है।  ऐसी स्थिति न पैदा हो इसके लिए गर्भवती महिला को तत्काल क्षेत्रीय आंगनबाड़ी चिह्नित करेंगी।
गोद भराई में ये मिलेगा
- नारियल- हरी और पत्तेदार सब्जी- गुल्लक- मल्टी विटामिन- गुड़ और चना- लौकी- सेब- केलाहर महीने की इन तारीख को होगी रस्म30 को गोदभराई20 को अन्न प्राशन आंगनबाड़ी की होगी जिम्मेदारी


इसके लिए सरकार ने आंगनबाड़ी की जिम्मेदारी तय की है। संबंधित आंगनबाड़ी को प्रेग्नेंट महिला की गोद भराई करनी होगी। इसके साथ ही गर्भधारण के दौरान क्या सावधानी और खानपान का ध्यान रखना चाहिए, यह भी प्रेग्नेंट महिला को बताना होगा। ताकि जो बच्चा पैदा हो, वह स्वस्थ्य हो। कुपोषण का शिकार न हो। यशोदा के रूप में नजर आईं सीडीओ छह महीने के बच्चों को अन्न प्राशन कराए जाने का कार्यक्रम भी रखा गया। सीडीओ जे रीभा ने छह बच्चों को अन्न प्राशन कराया। इस दौरान वे यशोदा के रूप में नजर आईं। यशोदा के रूप में सीडीओ ने छह महीने के बच्चों को प्यार दुलार करते हुए खीर खिलाई। बच्चों को अपनी गोद में लेकर दुलार किया। ये हैं जरूरी

बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेंद्र कुमार ने गर्भवती महिलाओं को जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान अपने भोजन में गुड़ चना और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव ने बताया कि हर मां को छह महीने के बाद बच्चों को अर्ध ठोस आहार जरूर देना चाहिए। क्योंकि छह महीने के बाद बच्चे को मां का दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उसका पेट नहीं भर पाता है। जो कि उसके विकास में बाधा बनता है। बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए मां के दूध के साथ अर्ध ठोस और पोषक आहार बहुत जरूरी है। 180 गोलियां जरूर लेनी चाहिएसीडीपीओ राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिन महिलाओं में खून की कमी हो, उन प्रेग्नेंट महिलाओं को बच्चे को जन्म देने से पहले 180 आयरन की गोलियां लेनी चाहिए और 180 ही जन्म देने के बाद।agra@inext.co.in

Posted By: Inextlive