-22 जुलाई से शुरु होगी योजना

-26 लाभाíथयों मिलेगा लाभ

-114 आई थी एप्लीकेशन

सेव द फ्यूचर कैंपेन

आगरा। कोविड महामारी के इस दौर में बहुत लोगों की जान चली गई, बहुत से बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया, ऐसे में इन बच्चों के भविष्य को संभालने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार ने ली है। सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इस योजना के जरिए बच्चों को तुरंत मदद पहुंचाना, उन्हें गलत लोगों के संगत में जाने से बचाना और अनाथ हुए बच्चों के भरण, पोषण, शिक्षा जैसी पूरी जिम्मेदारी निभाई जाएगी.आगरा में जनपद स्तर पर इसको लेकर क्या तैयारी है, इसे जानने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम ने जिलाधिकारी प्रभु एन। सिंह से बातचीत की

डीएम से बातचीत के मुख्य अंश

सवाल- मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को लेकर जिला प्रशासन की क्या तैयारी है?

जवाब- उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को ग्रासरूट पर लाने के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है। हमने शासन द्वारा जारी गवर्नमेंट ऑर्डर (जीओ) को जनप्रतिनिधि, जिला स्तरीय अधिकारी, ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, एसडीएम, जिला प्रोबेशन अधिकारी व मीडिया बंधुओं को योजना की जानकारी देने के लिए भेजा, ताकि वे इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। अब तक आए आवेदनों में से कुछ का चयन कर लिया गया है।

सवाल- अब तक कितने आवेदन चुके हैं?

जवाब- अभी तक हमारे पास अलग-अलग माध्यमों से 114 आवेदन आए हैं। इसमें से हमने जीओ के आधार पर 26 आवेदन को पात्र माना है। इनको 22 जुलाई से योजना का लाभ मिलना शुरु हो जाएगा। बुधवार को 12 और आवेदनों पर मीटिंग में विचार करके फैसला लिया जाएगा।

सवाल-क्या इसमें सामाजिक संस्थाओं की मदद ली जा रही है?

जवाब-योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके, इसके लिए सभी स्टेक होल्डर्स को आगे आना होगा। इस योजना के लिए सामाजिक संस्थाओं व अन्य सामाजिक लोगों से अपील है कि वे पात्र लोगों को इस योजना के बारे में बताए और आवेदन कराएं।

सवाल-कई लोगों की मौत कोविड लक्षणों से हुई है, लेकिन वे पात्र नहीं बन पा रहे, पात्रता किस आधार पर तय हो रही है?

जवाब- पात्रता को लेकर चयन जीओ में दिए गए नियमों के अनुसार ही किया जा रहा है। जीओ में सभी नियम व शर्ते स्पष्ट हैं। उन्हीं के हिसाब से फैसला लिया जा रहा है।

सवाल-जो लोग पात्रता में फिट नहीं हो पा रहे क्या उन पर आगे विचार किया जाएगा?

जवाब-जो लोग पात्रता में फिट नहीं बैठ रहे। उन्हें अन्य योजनाओं के माध्यम से मदद करने के प्रयास करेंगे। इस योजना में जीओ के माध्यम से ही पात्रता निर्धारित होगी।

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ये मिलेंगे लाभ

-बच्चों को सरकारी बाल देखरेख संस्थाओं में निशुल्क आवास

-0-18 वर्ष के बच्चों के अभिभावको या गाíजयन को चार हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे

या

-11-18 वर्ष के सभी बच्चों की कक्षा 12 तक की निशुल्क शिक्षा कस्तूरबा गांधी बालिका या अटल आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी और 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष आíथक मदद की जाएगी।

-बालिग बालिकाओं के विवाह के लिए 101000 रुपए आíथक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

-कक्षा 9 या इससे ऊपर व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप दिया जाएगा।

-बालिग होने तक बच्चों की चल-अचल संपत्ति की कानूनी एवं विधिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

इन बच्चों को मिलेगा लाभ

-उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा

-जिनके दोनों माता-पिता या वैध अभिभावकों की कोविड या पोस्ट कोविड जटिलताओं से एक मार्च 2020 के बाद मृत्यु हुई हो।

-माता-पिता या वैध अभिभावक में से एक की एक मार्च 2020 पूर्व मृत्यु तथा दूसरे अभिभावक की आय अíजत करने वाले अभिभावक की एक मार्च 2020 के बाद कोविड-19 से मृत्यु हुई हो।

-आय अíजत करने वाले अभिभावक की मृत्यु की स्थिति में परिवार की आय दो लाख रुपए प्रतिवर्ष से अधिक न हो।

ऐसे करें आवेदन

-स्वंय सत्यापित ऑफलाइन आवेदन ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम पंचायत अधिकारी या विकास खंड अधिकारी या लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करें।

-माता-पिता दोनों या एक की मृत्यु के दो वर्ष के भीतर आवेदन करें

ये महत्वपूर्ण दस्तावेज जरूरी

आधार कार्ड

निवास प्रमाण पत्र

माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र

राशन कार्ड

पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

मोबाइल नंबर

बैंक खाता विवरण

वर्जन

योजना 22 जुलाई से लॉन्च हो रही है। जनपद में अब तक 114 आवेदन आए हैं, इनमें से जीओ में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार 26 लाभाíथयों का चयन किया गया है। अन्य 12 आवेदनों पर समिति बुधवार को चर्चा करेगी।

-प्रभु एन। सिंह, जिलाधिकारी

Posted By: Inextlive