- आठ साल की मासूम को बनाया था हवस का शिकार, 21 महीने बाद आया फैसला

- 32 साल का आरोपी मासूम का रिश्ते का था भाई, जिले में पाक्सो एक्ट में पहली फांसी

फिरोजाबाद: आठ साल की बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपित को फांसी की सजा सुनाई है। पाक्सो एक्ट कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या दोनों धाराओं में मृत्युदंड सुनाया। जिले में इस एक्ट में सबसे बड़ी सजा का यह पहला मामला है। घटना 17 मार्च, 2019 को सिरसागंज क्षेत्र के गांव चंदपुरा की है। पड़ोस में छठी का कार्यक्रम चल रहा था। आठ साल की बालिका भी नाच रही थी। इसके बाद वह गायब हो गई। रात भर उसका पता नहीं चला। लोगों ने बताया कि बालिका को आखिरी बार रिश्ते के भाई बंटू उर्फ शिवशंकर (32 वर्ष) के साथ देखा था। अगली सुबह खेत में बालिका का शव मिला। मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था और शरीर पर कई घाव थे। बालिका की मां ने बंटू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। चार दिन बाद पुलिस ने बंटू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना में आरोपों से संबंधित साक्ष्य जुटाते हुए पुलिस ने पांच मई, 2020 को चार्जशीट दाखिल कर दी। विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट मृदुल दुबे ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक पाक्सो कोर्ट अजमोद सिंह चौहान, नरेंद्र कुमार राठौर व अजय कुमार ने शर्मा की।

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मृत्युदंड से ही न्याय संभव

विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मृदुल दुबे ने घटना को रेयरेस्ट आफ द रेयर बताते हुए फैसले में लिखा कि अभियुक्त को मृत्युदंड देने पर ही न्याय संभव है, ताकि समाज स्वयं को और अपने बच्चों को ऐसे नरपिशाचों से बचा सके।

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पिता को फैसले से सुकून

बालिका के पिता का कहना है कि उसे फैसले से सुकून मिला है। मेरी बेटी को द¨रदे ने मारा। कोर्ट ने उसे उसके कर्म की सजा दी है, अब जल्दी से फांसी पर लटका दिया जाए।

Posted By: Inextlive