आगरा: एक दो नहीं पूरे 17 साल। हां, आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा आगरा महायोजना-2021 को लागू हुए इतने साल हो चुके हैं। 150 बैठकें हो चुकी हैं। हर बैठक में तीन नए ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर चर्चा हुई, तेजी से कार्य पूरा कराने के लिए कहा गया। एक ट्रांसपोर्ट नगर पर काम शुरू हुआ लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते रुनकता में दस हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण होने के बाद पांच साल से कार्य ठप पड़ा हुआ है। तीन ट्रांसपोर्ट नगर बसने से शहर को जाम के झाम से निजात तो मिलती ही साथ ही संबंधित क्षेत्रों का विकास भी तेजी से होता।

10 हेक्टेअर का ही हुआ अधिग्रहण

आगरा महायोजना में जाम की समस्या पर अंकुश के लिए नेशनल हाईवे-19 रुनकता और कुबेरपुर, ग्वालियर हाईवे पर ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना होनी थी। इससे शहर में भारी वाहनों के प्रवेश में कमी हो जाती। इसी आधार पर एडीए ने रुनकता में 40 हेक्टेअर जमीन चिन्हित की जिसमें दस हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया गया। बाकी दो क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। एडीए उपाध्यक्ष डॉ। राजेंद्र पैंसिया का कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर क्यों नहीं बसाए गए, इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।

महायोजना का उद्देश्य

अनियोजित निर्माणों को भावी विकास के लिए सुनियोजित दिशा देना

विभिन्न आय वर्गों के लिए आवासीय व व्यावसायिक भवन उपलध कराना

यातायात को सुगम बनाने का प्रयास

विकासशील क्षेत्रों में बेहतर कार्य करना

एडीए भेजेगा महायोजना-2031 का डाटा

एडीए उपाध्यक्ष डॉ। राजेंद्र पैंसिया ने गुरुवार को आगरा महायोजना-2031 के प्रगति की समीक्षा की। यह महायोजना इस साल दिसंबर से लागू होगी। उन्होंने बताया कि एडीए महायोजना का डाटा शासन को भेजेगा। शासन के आदेश पर निजी कंपनी ने शहर का सर्वे किया है। यह महायोजना दस वर्ष के लिए होगी। वर्तमान में आगरा महायोजना-2021 लागू है।

नहीं हट सकीं ट्रांसपोर्ट इकाइयां

जीवनी मंडी रोड पर बीस साल से ट्रांसपोर्ट इकाइयों को हटाने की कार्रवाई चल रही हैं लेकिन, अभी तक 70 इकाइयां ही हट सकी हैं जबकि, मौके पर 100 से अधिक इकाइयां संचालित हैं।

होनी चाहिए कार्रवाई

पार्षद धर्मवीर सिंह का कहना है कि तीन ट्रांसपोर्ट नगर न बसने के लिए दोषी अफसरों को चिन्हित किया जाना चाहिए। अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। तीन ट्रांसपोर्ट नगर बसने से संबंधित क्षेत्रों में तेजी से विकास होता।

कागजों से बाहर नहीं निकला प्लान

पार्षद बंटी माहौर का कहना है कि तीन ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव कागजों से बाहर ही नहीं निकल सका है। एक-एक कर ट्रांसपोर्ट नगर बसाए जाते तो अब तक तीनों बस जाते।

जनता से धोखा

पार्षद शिरोमणि सिंह का कहना है कि जनता से धोखा किया जा रहा है। नए ट्रांसपोर्ट नगर बसने से रोजगार को बढ़ावा मिलता।

Posted By: Inextlive