सेंट्रल जेल में राम नवमी पर बंदियों ने हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे का संदेश दिया. मुस्लिम बंदियों ने जहां नवरात्रि का व्रत रख पूजा अर्चना की वहीं हिंदू बंदियों ने रमजान के दौरान रोजे रखे हैं. दोनों ही धर्म के बंदी इसका पालन कर रहे हैं.

आगरा(ब्यूरो)। वहीं जिला जेल में भी कन्या पूजन के बाद माता की आरती का पाठ बंदियों ने किया। हिंदू, मुस्लिम एकता की नजीर बंदियों ने जेल से दी।

मुस्लिम बंदियों ने पूरे 9 दिन रखा व्रत
नवमी के अवसर पर जेल में हिंदू बंदियों ने रोजा और मुस्लिमों ने नवमी के व्रत रखा एक मिसाल कायम की है। हिंदुओं का 9 दिन का त्योहार चैत्र नवरात्रि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हुई है और 30 मार्च गुरुवार को राम नवमी का त्योहार मनाया गया। वहीं, रोजे शुक्रवार 24 मार्च से शुरू हुए हैं, जो अभी जारी हैं। वहीं गुरुवार को नवमी के अंतिम दिन हवन, पूजन किया गया।

बंदियों को मिल रहा बेहतर माहौल
सेंट्रल जेल के उपमहानिरीक्षक प्रभारी राधा कृष्ण मिश्रा ने को बताया कि मुसलमान बंदी नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं और मंदिर परिसर में आयोजित भजन कार्यक्रम में भी हिस्सा ले रहे हैं। वहीं, हिंदू बंदी नियम से रोजे रख रहे हैं। सेंट्रल जेल अधीक्षक आरके मिश्रा ने बताया कि यह अच्छा विचार है, जहां दोनों धर्मों के कैदी हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। जेल में आने वाले बंदियों को एक बेहतर माहौल मुहैया करना भी जेल प्रशासन की जिम्मेदारी है।

रमजान में इन नियमों का होता है पालन
रमजान पर रोजेदारों के लिए खास नियम होता है जिसको पालन करना पड़ता है। सेहरी से लेकर इफ्तारी के बीच रोजेदार कुछ भी नहीं खा सकता है। इस महीने में बुरी आदतों को भी छोडऩा पड़ता है। रोजे में बुरे विचार भी दिमाग में नहीं लाने चाहिए क्योंकि इसे आंख, कान और जीभ का भी रोजा कहते हैं।

जरुरतमंद की करते हैं मदद
इस महीने में मुस्लिम समाज के लोग इबादत करते हैं और तरावीह की नमाज के साथ कुरआन शरीफ भी पढ़ते और सुनते हैं। जकात हर मुसलमान का फर्ज है और जकात को इसी महीने में अदा करना होता है। जकात का मतलब है अपनी बचत का कुछ हिस्सा जरुरतमंद लोगों में बांटना। मान्यता है कि रोजा रखते हुए खुदा की इबादत करते है तो आम दिनों के मुकाबले सत्तर फीसदी अधिक शवाव मिलता है।

पूजा, अर्चना के बाद भजन कीर्तन
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की दुर्गा नवमी 30 मार्च को रही। इस दिन देवी दुर्गा के नौवें अवतार की पूजा की गई। हवन-पूजन और कन्या-पूजन भी किया गया।


जिला जेल में कन्या पूजन के बाद आरती
जिला जेल में राम नवमी के अवसर पर कन्या पूजन के बाद मंदिर में पूजा अर्चना की गई। एनजीओ की सहायता से नवमी पूजन के बाद हलवा, चना और पूरी का वितरण किया गया। इसके बाद सभी ने जेल परिसर में स्थित मंदिर में माता के दर्शन के बाद आरती की। वही देर-शाम तक भजन कीर्तन जारी रहा।


राम नवमी के अवसर पर पूजा, अर्चना की गई, वहीं मुस्लिम बंदियों ने व्रत के बाद मंदिर में पूजन किया। वहीं हिंदुओं बंदियों ने रोजा रखा है। इससे सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना बढ़ती है।
आरके मिश्रा, डीआईजी जेल


राम नवमी के अवसर पर एक सामाजिक संस्था के सहयोग से धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी बंदियों ने भजन कीर्तन के साथ माता की आरती की है।
पीडी सलोनियां, जिला जेल अधीक्षक

Posted By: Inextlive