भाई साहब! मेरी उम्र 50 वर्ष है. मेरा यहां जन्म हुआ है. अब घर पर लाल निशान लगा दिया है. कह रहे हैं कि यहां रहना खतरनाक हो सकता है. घर छोड़ दो. शेल्टर होम में चले जाओ. आप बताओ सब कुछ छोड़कर आखिर बहन बेटी मां और पत्नी को लेकर कैसे शेल्टर होम चला जाऊं. इन सवालों के साथ माथे पर शिकन सिर्फ राकेश के चेहरे पर ही नहीं दिखाईं दी बल्कि टीला माईथान में निवासी कई परिवारों के माथे पर दिखीं. सब कल को लेकर फिक्रमंद हैं.

आगरा(ब्यूरो)। टीला माईथान हादसे के बाद क्षेत्र में शुक्रवार को प्रशासन की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया। क्षेत्रीय निवासी जितेंद्र गौतम के मकान पर भी प्रशासन की टीम ने लाल निशान लगा दिया है। घर छोडऩा पड़ेगा की टेंशन सिर्फ जितेंद्र को नहीं, बल्कि पूरे परिवार को है। परिवारीजन गेट पर खड़े रहकर नजरें जमाए रहते हैं कि कब प्रशासन की टीम नए फरमान लेकर आ जाए। जितेंद्र बताते हैं कि हम अपने पूर्वजों के समय से यहां रह रहे हैं। मकान में दरार के बारे में पूछने पर जितेंद्र ने बताया कि ये तो पुरानी दरार है। मकान को रेनोवेट नहीं करा पाए हैं। इसके कारण मकान की दीवार में दरार आ गई हैं। अभी दोपहर में टीम सर्वे करने आई। उनके हाथ में डिवाइस थी। इसके बाद एक व्यक्ति आकर मकान की दीवार पर क्रॉस का लाल निशान लगा गया। यहां अगल-बगल कई मकानों में लाल निशान लगा दिए गए हैं। लोगों में डर है। लोग घर के बाहर आकर खड़े हो गए हैं।

ऐसे कैसे घर छोड़ दें
क्षेत्र में रहने वाली सविता चतुर्वेदी बताती हैं कि परिवार में महिलाएं हैं, बच्चियां हैं। ऐसे में अचानक से आई टीम ने मकानों पर लाल निशान लगा दिए। कह रहे हैं कि यहां से शिफ्ट करना होगा, कैसे चले जाएं। महिलाओं को लेकर शेल्टर होम में कैसे रहा जा सकता है। दया गौतम ने बताया कि वह भी शुरू से यहां रह रहीं हैं। इस तरह कैसे अचानक से घर छोड़ सकते हैं। घर पर लगाए लाल निशान लोगों के दिल की धड़कनें बढ़ा रही है।

मेरा तो 10 वर्ष पुराना ही मकान
मेरे मकान के निर्माण को तो अभी 10-12 साल का समय ही हुआ है। मेरे घर पर भी टीम की ओर से लाल निशान लगा दिए हैं। ये बताते हुए क्षेत्रीय निवासी सोमवती की आंखों में सिस्टम को लेकर आक्रोश और घर को लेकर चेहरे पर डर साफ झलक रहा था।

घर छोड़कर जा रहे लोग
भरभराकर गिरने वाले मकानों के अगल-बगल के निर्माण अधिक रिस्क पर हैं। इनमें से कई लोगों ने घर छोड़कर जाना शुरू कर दिया है तो कई घर छोड़कर जा चुके हैं। जिन लोगों के पास कोई और आसरा नहीं है, वह अब भी यहां रह रहे हैं। शुक्रवार को सर्वे कर रही टीम इन लोगों को समझाती रही कि वह इस मकान को छोड़कर चले जाएं। यहां रहना अब खतरे से खाली नहीं है। जब लोगों ने पूछा कि वह कहां जाएं तो उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट के लिए कहा गया।


हम अपने पूर्वजों के समय से यहां रह रहे हैं। अचानक से आई टीम ने घर पर लाल निशान लगा दिया है। टीम कह रही थी अब बिजली काट दी जाएगी, जिससे हम घर छोड़कर चले जाएं।
जितेंद्र गौतम

घर पर लाल निशान लगा दिया है। कह रहे हैं कि हम घर में रहना सुरक्षित नहीं है। जबकि हम वर्षों से यहां रह रहे हैं।
दया गौतम


बहन-बेटी को लेकर कैसे शेल्टर होम में चले जाएं। जहां हम वर्षों से रह रहे हैं उस जगह को कैसे छोड़ा जा सकता है।
सविता चतुर्वेदी

जिन घरों को निर्माण हुए अभी 10 साल भी नहीं हुए हैं, उन पर भी लाल निशान लगा दिया है। इससे क्षेत्रीय लोगों में डर की स्थिति बन गई है।
सोमवती

Posted By: Inextlive