आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग की सीढि़यों पर पड़ा हुआ था। इस विभाग में जाने वाले डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी और हर आने जाने वाले की इस व्यक्ति की नजर पड़ती थी। नजर पड़ने के बावजूद भी किसी ने भी इस बात को जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर यह मजबूर इतने दिनों से यहां क्यों पड़ा है? आने वाले हर एक व्यक्ति से उसने हड्डी विभाग तक पहुंचाने की गुहार लगाई पर किसी ने भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।

फिरोजाबाद निवासी राजकुमार का एक एक्सीडेंट के दौरान पैर टूट गया था। उसके परिवारवाले ने उसे एसएन मेडिकल कॉलेज में छोड़ गए। उसके बाद वह लोग उसे देखने कभी भी नहीं आए। राजकुमार का कहना था कि उसने बिल्डिंग में आने वाले हर एक से मिन्नतें की किसी तरह से उसे ऊपर हड्डी वाले डॉक्टर के पास ले जाए, पर किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। हालांकि एसएन में आने वाले अटेंडेंट उसपर तरस खाकर उसे कभी खाना तो कभी कोई पानी दे जाता रहा। एसएन के सर्जरी बिल्डिंग में पहुंचते ही जैसे ही तेजी से बदबू आई तो पता चला कि उसका पैर बुरी तरह से गल चुका है। जिससे वह हिलने तक की स्थिति में भी नहीं है। ऐसे में वह वहीं गंदगी फैलाता रहा है।

आईनेक्स्ट ने दिखाई संवेदना

जिस मरीज पर पिछले पांच दिनों से स्वास्थ्य प्रशासन की नजर नहीं पड़ी थी वहीं आईनेक्सट के द्वारा मरीज के बारे में जब एसएन प्रिंसिपल से बात की गई तो उन्होंने पांच मिनट में एक्शन लेते हुए वार्ड नम्बर दो में एडमिट करवा दिया।

वर्जन

हम उसे कई बार एडमिट करवा चुके हैं। वह खुद ही पैसों के लालच में किसी न किसी के सहारे अपने आप नीचे आकर पड़ जाता है।

डॉ। अजय अग्रवाल, प्रिंसिपल एसएन मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive