साल के 365 दिन में से 200 दिन पानी गंदा आता है. पता नहीं टंकी की सफाई भी होती है या नहीं. इस तरह की समस्या सरस्वती नगर के रहने वाले सिर्फ दीपक की ही नहीं है बल्कि कई एरियाज में गंदे पानी की सप्लाई के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.


आगरा(ब्यूरो)। नगर निगम के 100 वार्ड हैं। इनमें जलकल के 1.80 लाख कनेक्शन हैं। साथ ही शहर में 1100 किमी से अधिक विभाग की ओर से पानी की लाइन बिछाई गई है। जलकल के 30 ओवर हेडटैंक हैं। 29 अंडरग्राउंड रिजर्व वायर हैं। 7 जोनल पंपिंग स्टेशन हैं। मौजूदा समय में बुलंदशहर के पालड़ा से 350 एमएलडी गंगाजल की शहर को सप्लाई होती है। सिकंदरा और जीवनी मंडी वाटरवक्र्स से इसे शहर में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। शहर में वॉटर सप्लाई में ओवर हेड टैंक और अंडरग्राउंड रिजर्व वायर की अहम भूमिका है। वॉटरवक्र्स से पानी इन्हें टंकी और रिजर्व वायर में स्टोर किया जाता है। यहां से ही विभिन्न क्षेत्रों में पानी की सप्लाई की जाती है।

दावे से उलट हकीकत
जलकल के शहर में 30 ओवर हेड टैंक और 29 अंडरग्राउंड रिजर्व वायर हैं। यहां पानी स्टोर कर ही सप्लाई किया जाता है। इन टंकियों की समय-समय पर सफाई का दावा भी किया जाता है। जलकल अधिकारियों की मानें तो हर टंकी की साल में एकबार सफाई की जाती है। जरूरत होने पर इसे जल्दी भी करा दिया जाता है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के दावे के उलट धरातल पर हालत कुछ और ही बयां कर रहे हैं। आवास विकास कॉलोनी में सूर वाटिका के पास जलकल की टंकी बनी हुई हैं। इसमें टंकी की सफाई की डेट एक जुलाई 2021 लिखी हुई है। यानी तीन वर्ष पहले टंकी की सफाई हुई थी। जबकि अधिकारी हर वर्ष टंकी की सफाई का दावा करते हैं। इसी परिसर में बने अंडरग्राउंड रिजर्व वायर की सफाई की डेट 23 मई 2023 लिखी हुई है।

नया इंफ्रास्ट्रक्चर भी खस्ताहाल
अमृत प्रोजेक्ट के थर्ड और फोर्थ फेज में आजम पाड़ा बोदला सहित 25 कॉलोनियों को चिह्नित किया गया था। अमृत योजना के तहत जल संकट दूर करने की शुरूआत शाहगंज और बोदला क्षेत्र से हुई। इन दोनों क्षेत्रों में अमृत प्रोजेक्ट के तहत दो फेज में 194 करोड़ से कार्य कराए गए। यहां ओवरहेड रिजर्व वायर बनाने के साथ पानी स्टोरेज के लिए अंडरग्राउंड रिजर्व वायर का निर्माण कराया गया। क्षेत्रों में पाइपलाइन डालने के साथ कनेक्शन भी कर दिए गए हैं। लेकिन जो इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया, वह मेंटीनेंस के अभाव में धूल फांक रहा है। मानस नगर में अमृत प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई ओवर हेड टंकी लीकेज है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि टंकी से पानी फैलता रहता है। टंकी में इसके निशान भी साफ देखे जा सकते हैं।

शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर
30 ओवर हेड टैंक
29 अंडरग्राउंड रिजर्व वायर

आज भी क्षेत्र में गंदे पानी की समस्या रहती है। गंगाजल की नई लाइन डालने के बाद भले ही गंदे पानी से कुछ राहत मिली है। लेकिन पुरानी लाइन में अब भी गंदा पानी ही आता है।
ब्रजेश शर्मा

गंदे पानी की बहुत बड़ी समस्या है। समझ नहीं आता कि टंकी से ही गंदा पानी आ रहा है या फिर कहीं लाइन में लीकेज है। इस ओर संबंधित विभाग को ध्यान देना चाहिए।
मुकेश सिंह

मेरे घर के पास ही टंकी बनी हुई है। मैंने तो इस टंकी की सफाई होते हुए पिछले काफी समय से नहीं देखा। टंकी पर डेट भी देख लीजिए तीन वर्ष से अधिक का समय हो गया है।
राजेश

टंकी की सफाई नहीं होने से दिक्कत
टंकी की सफाई नहीं होने से गंदे पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पानी में बदबू आती है। ये वॉटर सप्लाई सेहत के लिए भी घातक साबित होती है। बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।


अमृत प्रोजेक्ट के तहत कार्य
194 करोड़ से पूरे कराए गए कार्य
7 ओवर हेड वाटर रिजर्व वायर का निर्माण
8 अंडरग्राउंड रिजर्व वायर का कराया गया निर्माण


इन एरिया में नहीं है कोई इंफ्र ास्ट्रक्चर
शहर की एक चौथाई आबादी 350 एमएलडी गंगाजल उपलब्ध होने के बाद भी पेयजल आपूर्ति से वंचित है। नरीपुरा, अजीत नगर, बारह खंबा, मुस्तफा क्वार्टर, सोहल्ला आदि क्षेत्र में पेयजल वितरण के लिए कोई इंफ्र ास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। लोहामंडी के राजनगर, अशोक नगर, कंस गेट, अहीर पाड़ा घास की मंडी में भी प्रॉपर सप्लाई नहीं हो पाती। उखर्रा, बड़ा उखर्रा, बीच का उखर्रा, हिमाचल कॉलोनी, तख्त पहलवान, सराय मलूक चंद समेत दर्जन भर क्षेत्रों में पाइप्ड पेयजल आपूर्ति हेतु कोई इंफ्र ास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है।
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350 एमएलडी शहर में वाटर की होती है सप्लाई

340 एमएलडी शहर में वाटर सप्लाई की डिमांड

- 2018 में दिसंबर में सिकंदरा वाटरवक्र्स पहुंचा था गंगाजल
- 1.80 लाख हैं शहर में जलकल के कनेक्शन
- 1100 किमी से अधिक है शहर में पाइपलाइन
- 4 जोन में जलकल विभाग ने बांटा है शहर
- 100 वार्डों में 20 लाख से अधिक की आबादी
- 20 वार्डों में वॉटर सप्लाई के लिए प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर
- 55 वार्ड में आंशिक रूप से वॉटर सप्लाई के लिए पाइपलाइन
- 25 वार्ड ऐसे हैं, जिनमें अब भी सप्लाई के प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं
- 194 करोड़ से अमृत प्रोजेक्ट के तहत शाहगंज, बोदला क्षेत्र में कराए कार्य
- 7 ओवरहेड वाटर रिजर्व वायर का निर्माण
- 8 अंडरग्राउंड रिजर्व वायर का कराया गया निर्माण
- 5 हजार से अधिक मोहल्ले शहर में
- 3.75 लाख मकान शहर में

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- जीवनी मंडी वाटरवक्र्स 225 एमएलडी

- सिकंदरा वाटरवक्र्स
144 एमएलडी गंगाजल प्लांट
144 एमएलडी एमबीबीआर प्लांट


ओवरहेड टैंक और ग्राउंड वाटर रिजर्व वायर की साल में एक बार सफाई की जाती है। जरूरत होने पर इससे पहले भी सफाई कर दी जाती है। इस साल सभी टैंक की सफाई हो चुकी है।
बब्बन प्रसाद, सचिव, जलकल

Posted By: Inextlive