-चारदीवारी तोड़ते ही तीन जवान खींच लिए थे सत्याग्रहियों ने

-एसएसपी की गुहार को समझा पैंतरा और शुरू कर दी फाय¨रग

 

मथुरा: Þहम वापस जा रहे हैं, आप हमारे जवानों को वापस दे दो.Þ तीन पुलिस कर्मियों को भीड़ द्वारा खींच लिए जाने के बाद एसएसपी ने जैसे ही माइक से यह गुहार लगाई, कथित सत्याग्रहियों ने इसे एसएसपी का एक पैंतरा समझा और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी को गोली मार दी। फरह एसओ संतोष की आंख में भी गोली लगी। अधिकारी कुछ समझ पाते, हमलावर लोगों ने रॉड नुमा डंडों से एसपी सिटी पर हमला बोल दिया। तब तक पुलिस बल फाय¨रग को मचल जरूर रहा था, लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट और एसएसपी आदेश देने को तैयार ही नहीं थे। फलस्वरूप उन तीन पुलिस कर्मियों का तो अब तक पता ही नहीं चला है। जबकि दो पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए।

 

जवाहर बाग कालोनी के अंतिम छोर पर जहां चारदीवारी तोड़ने पर गुरुवार की सायं कथित सत्याग्रहियों ने पुलिस फोर्स पर हमला बोला। शुक्रवार को वहां मुठभेड़ के निशान कदाचित मौजूद हैं। तोड़ी गयी चारदीवारी के पास पुलिस के कुछ जवान शुक्रवार को भी दिन भर डटे हुए थे। जूता-चप्पल, कपड़े आदि पड़े हैं, हालांकि पुलिस ने रात भर में काफी सफाई यहां करा दी है, लेकिन यही वह प्वाइंट है, जहां अधिकारियों की ना-समझी और गलत रणनीति से पुलिस का काफी नुकसान हो चुका है।

 

मुठभेड़ में शामिल रहा एक रिजर्व सिपाही बताता है कि हमारे तीन साथियों का पता नहीं है। भीड़ ने उन्हें खींच लिया था। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, फरह एसओ संतोष यादव और एसएसपी राकेश सिंह मौके पर मौजूद थे। पुलिस के तीन जवानों के खींचकर ले जाने और उनकी पिटाई शुरू कर देने के साथ ही एसएसपी ने माइक से गुहार लगाई कि हम वापस चले जाएंगे, आप उन्हें छोड़ दें। इसका भीड़ पर कोई असर नहीं हुआ। विभिन्न थानों का फोर्स होने के कारण अभी जवानों की गिनती नहीं की गयी है। असलियत गिनती के बाद ही सामने आएगी।

 

तैनात सिपाही कह रहे हैं कि आईपीएस अफसर हमें कुछ समझते ही नहीं हैं, जबकि फील्ड की जानकारी हमें ज्यादा होती है। चारदीवारी चारों ओर से हमला करने के दौरान ही तोड़ी जाती तो दो अफसर खेत नहीं रहते। बाग खाली कराने के लिए गृह सचिव ने शुक्रवार सुबह चार बजे का समय निर्धारित किया था, लेकिन जिला व पुलिस के आला अधिकारियों ने अपनी चलाई।

Posted By: Inextlive