कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया में अलर्ट है. आगरा में भी इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है और विदेश से आने वालों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. लेकिन कोरोनावायरस से किसी भी नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की आवश्यकता पड़ती है. आगरा पर्यटन हब होने के कारण यहां विदेशी खूब आते हैैं. लेकिन जीनोम सीक्वेंसिंग सुविधा आगरा में नहीं है. यहां पर सैैंपल की जांच आने में भी काफी समय लगता है. ऐसे में तो नए वेरिएंट का वायरस फैलने का ज्यादा खतरा है.

आगरा( ब्यूरो) I पोलैंड के नागरिक में कोरोना की पुष्टि होने के आठ दिन बाद भी जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग की रिपोर्ट नहीं आई है। सोमवार को उसके सपंर्क में आए लोगों के दोबारा सैंपल लिए जाएंगे। खंदारी में रह रहे पोलैंड के नागरिक 50 वर्षीय जूता कंपनी प्रतिनिधि की 18 नवंबर को कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। पोलैंड से लौटने के बाद उन्होंने जांच कराई थी। कोरोना के किस वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं यह पता करने को 20 नवंबर को जीनोम सीक्वेंङ्क्षसग के लिए लखनऊ सैंपल भेजे गए थे। लेकिन, अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।

रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट को आने में थोड़ा समय लगता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति को क्वारंटीन में रखते हैैं, जिससे कि संक्रमण का फैलाव न हो। पोलैैंड से लौटे संक्रमित का उपचार भी होम आइसोलेशन में चल रहा है। उनका सोमवार को दोबारा सैंपल लिए जाएगा। व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए जाएंगे।

रमाडा में दो फ्रेंच की होगी जांच
विभाग द्वारा होटल में ठहरे विदेशी नागरिकों का डाटा भी जुटाया जा रहा है। रविवार को रमाडा होटल में दो फ्रेंच लोगों का डाटा स्वास्थ्य विभाग को मिला है। इसके साथ ही शाहगंज में भी एक विदेशी की सूचना मिली है। उनकी विभाग द्वारा जांच की जाएगी। सीएमओ ने कहा कि यदि कोई बाहर से आया है या कोरोना के लक्षण होने पर सूचना देने के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है।

लखनऊ भेजे जा रहे सैैंपल

कोरोनावायरस की जांच रियल टाइम पीसीआर मेथड से की जाती है। इसमें कोरोनावायरस के स्ट्रेन का पता नहीं चल सकता है। इसके लिए सैंपल का जीनोम सीक्वेंस निकालना होता है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की डॉ। आरती अग्रवाल बताती हैं कि इस वक्त जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए हम लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में सैैंपल भेज रहे हैैं। इसमें थोड़ा वक्त लगता है।

Posted By: Inextlive