देश में ओमिक्रोन के केस लगातार बढ़ रहे हैैं. विदेशों में ओमिक्रोन कहर ढा रहा है. हो सकता है आगरा में भी ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी हो. क्योंकि आगरा में बीते दिनों विदेश से आए लोगों में कोरोना का संक्रमण मिलने के बाद कराई गई जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. हालांकि इनमें से कई मरीज अब स्वस्थ भी हो चुके हैैं.

आगरा (ब्यूरो)। नवंबर महीने में पोलैंड से आए शू कारोबारी की 18 नवंबर को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। उस वक्त पोलैंड में ओमिक्रोन के मरीज मिल चुके थे। ऐसे में एहतियातन पोलैंड से लौटे व्यक्ति की जीनोम सिक्वेसिंग भी कराई गई। लेकिन रिपोर्ट नहीं आई। पहली बार सैैंपल खराब होने की बात कही गई। दूसरी बार सैैंपल लेकर भेजा गया, लेकिन उसकी रिपोर्ट भी नहीं आई। इसी प्रकार से स्पेन से आए अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) सहित दो विदेशियों सहित पांच लोगों की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैैंपल लेकर लखनऊ भेजे गए थे। इनकी रिपोर्ट नहीं आ सकी।

ऐसे कैसे रुकेगा ओमिक्रोन!
आगरा में अभी तक जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं है। सैैंपल की जांच के लिए उसे लखनऊ भेजा जाता है। जो सैैंपल अब तक भेजे गए हैैं, उनकी अब तक रिपोर्ट नहीं आई है। जबकि मरीज अब स्वस्थ हो चुके हैैं। इस प्रकार से तो ओमिक्रोन का संक्रमण आ भी जाए तो कैसे पता चलेगा। ऐसी लापरवाही से तो डेल्टा वेरिएंट की तरह ओमिक्रोन भी अपना कहर ढा सकता है।

संक्रमण रोकने को रखा जाता है आइसोलेट
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना मरीज के मिलने पर सबसे पहले उसे आइसोलेट किया जाता है। उसके संपर्क में आए लोगों की सैैंपलिंग की जाती है। इस तरह से संक्रमण फैलने के चांस काफी कम होते हैैं। इसलिए नए वेरिएंट के फैलने के चांस भी काफी कम होते हैैं। सीएमओ ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए लखनऊ सैैंपल भेजे जाते हैैं। जिन सैैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है उनके लिए रिमाइंडर भी भेजा गया है।

ये है तैयारी
कोरोना के नए केस आने और ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए एसएन मेडिकल कॉलेज के एमसीएच बिङ्क्षल्डग स्थित आइसोलेशन वार्ड में आठ डॉक्टर और 20 जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। यहां 150 बेड उपलब्ध हैैं।

लिए जा रहे सैैंपल
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को रोकने के लिए विदेशी नागरिकों के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की भी जांच कराई जा रही है। इसके लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम सैैंपलिंग कर रही है।

"ओमिक्रोन को रोकने के लिए मरीज के मिलने पर कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग कर जांच की जा रही है। जीनोम सिक्वेंसिंग के सैैंपल की रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर मैसेज भेजा गया है। "
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ


Posted By: Inextlive