मकानों में दरार दीवारों पर लाल निशान और चेहरे पर खौफ...उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह आगरा के टीला माईथान में भी ऐसे ही हालात सामने आए हैं. क्षेत्र में डोर-टू-डोर इंजीनियर्स की टीम डिवाइस से सर्वे कर रही है. जो निर्माण खतरे में हैं उनको मार्क किया जा रहा है.

आगरा(ब्यूरो)। टीला माईथान हादसे से क्षेत्र के कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। मकानों में दरारें आ गईं हैं। टीम माईथान में हुए हादसे की गूंज लखनऊ तक पहुंची तो स्थानीयस्तर पर सरकारी अमला हरकत में आया। प्रशासन के अधिकारियों और इंजीनियर्स की टीम ने क्षेत्र में डेरा डाल दिया। हादसे से क्षेत्र के अन्य मकानों को कितना नुकसान पहुंचा है और निर्माण कितने सुरक्षित हैं, इसको लेकर एक्सपट्र्स की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया।

लाल निशान लगाए जा रहे
टीला माईथान में टीम डोर-टू-डोर सर्वे कर रही है। जो भी निर्माण असुरक्षित मिल रहे हैं, उन पर लाल निशान लगाकर मार्क किया जा रहा है। इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों ने सवाल जवाब किए तो सर्वे करने वाली टीम ने लोगों से कहा कि कुछ दिन के लिए आप दूसरी जगह शिफ्ट हो जाएं। अभी इन मकानों में रहना खतरनाक साबित हो सकता है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि टीम ने बताया कि हादसास्थल के 30 मीटर तक दायरे में सर्वे कराया जा रहा है। इसमें प्रभावित मकानों की संख्या 100 तक हो सकती है।

गुरुवार को हुआ भीषण हादसा
आगरा में जब रिपब्लिक-डे मनाने की तैयारी पूरी हो चुकी थीं। तभी शहर के पुराने हिस्से सिटी स्टेशन रोड स्थित टीला माईथान में बड़ा हादसा हुआ। गुरुवार को धर्मशाला की बेसमेंट की खोदाई के कारण छह मकान भरभराकर गिर गए। मलबे में एक पिता और उनकी दो बेटियां दब गईं। इसमें से 4 साल की बच्ची रूशाली की मौत हो गई। पिता और बेटी का दिल्ली गेट स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

जोशीमठ पार्ट-2 क्यों?
उत्तराखंड के जोशीमठ में अचानक से जमीनों में दरारें आना शुरू हो गया था। इसके बाद दीवारों में दरारें आईं। दरारों में से पानी का रिसाव होने लगा। पानी का बहाव तेज हुआ तो मामला देश की सुर्खियां बना। प्रदेश से लेकर देश तक एक्सपट्र्स ने क्षेत्र में डेरा डाल दिया। जो निर्माण असुरक्षित थे, उन पर निशान लगाकर धराशायी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। जोशीमठ मामले को अब तक प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा जा रहा है। एक्सपट्र्स की टीम वजह जानने में जुटी है। वहीं टीला माईथान में हुआ संकट इंसान के द्वारा खड़ा किया गया है। सिटी स्टेशन रोड पर राय बहादुर विशंभरनाथ धर्मशाला थी। इसी धर्मशाला के पीछे टीला माईथान बस्ती है, जिसकी सिटी स्टेशन रोड से ऊंचाई 30 फुट से भी अधिक है। पुराने दौर की बनी धर्मशाला टीला माईथान की आड़ थी। धर्मशाला को तोड़कर बेसमेंट की खोदाई की जा रही थी। इससे टीले की आड़ हट गई। मिट्टी धंसने से टीले पर बने मकान धराशायी होकर भरभराकर गिर पड़े। इसके साथ ही क्षेत्र के अन्य मकान भी हिल गए। कई मकानों में दरारें आ गईं। धर्मशाला के बराबर से ही नाला बह रहा है। इसमें टीले के मकानों का गंदा पानी आता है। मौके पर एक्सपट्र्स की टीम इन सभी बिन्दुओं को ध्यान में रख सर्वे कर रही है। जो भी निर्माण असुरक्षित मिल रहा है, उस पर लाल रंग से क्रॉस का निशान लगाया जा रहा है। टीम लोगों को घर छोडऩे के लिए कह रही है। हालात उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह बन रहे हैं।


सीएम ने ट्वीट कर दिए दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया। साथ ही उच्च अधिकारियों को मौके पर पहुंच तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए।

Posted By: Inextlive