वकीलों ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
- पुलिस की दबिश में घरों से फरार मिले आरोपी
- पुलिस ने सीसीटीवी में चेक की आरोपियों की फुटेज आगरा। शाहगंज में अधिवक्ता पर जानलेवा हमला करने वाले बाइक सवार तहसील से ही पीछे लगे थे। सीसीटीवी फुटेज में दो हमलावर पीछा करते दिख गए हैं। अधिवक्ता ने थाना शाहगंज में हिस्ट्रीशीटर समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने दबिश दी, लेकिन आरोपी घरों से फरार हैं। घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी को पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। पवन हत्याकांड में जेल जा चुका है शाहिदजगदीशपुरा के चाणक्यपुरी निवासी अधिवक्ता राम सारस्वत पर शुक्रवार शाम को तहसील से लौटते समय शाहगंज क्षेत्र में जानलेवा हमला हुआ था। हमलावरों ने उनके ऊपर चार फायर किए थे। ठेल के पीछे छिपकर उन्होंने जान बचाई। इस मामले में राम सारस्वत ने शाहगंज थाने में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें शाहिद, आसिफ और हिस्ट्रीशीटर बीपी नामजद व दो अज्ञात शामिल हैं। शाहिद पुराना रंगबाज है। उसके खिलाफ कई मुकदमे हैं। पूर्व में वह पवन चौहान हत्याकांड में जेल जा चुका है। जमानत पर छूटने के बाद उसने बाजार में रंगबाजी शुरू कर दी थी।
अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करने की मांगअधिवक्ता पर हमले को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच की सिविल कोर्ट परिसर में शनिवार को बैठक हुई। इसमें अधिवक्ता चौधरी अजय सिंह, चौधरी हरदयाल सिंह और वीरेंद्र फौजदार ने अधिवक्ता के हमलावरों की 48 घंटे में गिरफ्तारी की मांग की। ग्रेटर आगरा बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिला जज और मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम को सौंपा। इसमें हमलावरों की गिरफ्तारी और अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू किए जाने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष महेश बघेल, सचिव भारत सिंह, आरवी त्रिगुणायत, दीवान सिंह बाबा, दुर्ग विजय सिंह मौजूद रहे।
घटना से अधिवक्ताओ में आक्रोश आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन ने बैठक कर रोष व्यक्त किया। इसमें सत्येंद्र कुमार यादव, पवन गुप्ता, रामबृज यादव, सत्येंद्र सिकरवार, गौरव शुक्ला, मोहनलाल, चंद्रभान शर्मा मौजूद रहे। अधिकारियों ने नहीं की सुनवाईअधिवक्ता राम सारस्वत के भाई महेश ने बताया कि तीन वर्ष पहले शाहगंज बाजार में शाहिद, आसिफ व अन्य ने राम पर हमला बोला था। इसमें आरोपित जेल गए थे। जमानत पर रिहा होने के बाद से ही वे समझौते को दबाव बना रहे हैं। कई बार उन्होंने धमकियां दीं। अधिकारियों ने शिकायत के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया। हर बार थाना पुलिस ने आपसी विवाद बताकर रिपोर्ट लगा दी।
नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिशें दी गई हैं। इसके साथ ही उनके रिशतेदारों से भी पूछताछ की जा रही है। रितेश कुमार सिंह, सीओ लोहामंडी