आरटीओ में शुरू हुआ लर्निग लाइसेंस बनाने का काम
आगरा। अनलॉक 3 के स्टार्ट होने से पहले आरटीओ ऑफिस में लìनग लाइसेंस बनने का काम शुरू हो गया है। पहले केवल परमानेंट लाइसेंस बनाने का काम किया जा रहा था, लेकिन मौजूदा समय में लìनग लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए 10 कम्प्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं। संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 60 से ज्यादा आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा के इंतजामात किए गए है। ऑटोमेटिक सेनेटाइजर बॉक्स लगाया गया है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जा रहा है।
पहले देना होगा टेस्टलìनग लाइसेंस बनाने से पहले पुलिस लाइन में टेस्ट देना होगा। टेस्ट होने के बाद ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है। इस बार डीएल पर मोबाइल नंबर भी अंकित किया जा रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जांच प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर ही होती है, लेकिन प्रिंट होकर लखनऊ से आते हैं। अभी तक लोकल लेवल पर ही डीएल बनाए जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होता है।
एक नजर पहले लìनग लाइसेंस के लिए 30 रुपये देने होते थे, - अब लìनग लाइसेंस के लिए 200 रुपये फीस कर दी गई है। - वहीं परमानेंट लाससेंस के लिए 250 रुपये की जगह 700 रुपये फीस है-लìनग लाइसेंस के लिए 200 रुपये में से 150 रुपये लìनग लाइसेंस की फीस है जबकि 50 रुपये ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट की फीस है।
- ऐसे में यदि आप टेस्ट में फेल हो गए तो 300 रुपये अतिरिक्त फीस देनी होगी। पहले ये फीस 50 रुपये थे। - परमानेंट लाइसेंस के लिए 700 रुपये में 300 रुपये डीएल फीस, 200 रुपये डीएल जारी करने के 200 रुपये स्मार्ट कार्ड के हैं। औसत दिनों में हर दिन आते थे 500 आवेदन लìनग के लिए 300 और परमानेंट के लिए 180 से 200 की संख्या होती थी। अब 60 आवेदन ही स्वीकार किए जा रहे हैं। पहले हर दिन 99 प्रतिशत लíनग और 70 प्रतिशत परमानेंट लाइसेंस जारी किए जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ये व्यवस्था भी की गई है लागू - वाहन सारथी 4.0 एवं सारथी सॉफ्टवेयर एप के माध्यम से रिसीव होने वाली सभी सेवाओं की पेमेंट ऑनलाइन रिसीव हो रही है। -वन टाइम टैक्स, ग्रीन टैक्स, लाइसेंस फीस, व्हीकल्स टैक्स सहित रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन पोर्टल पर जमा कर सकते हैं। - कोविड-19 को देखते हुए आम पब्लिक को ऑफिस के बार-बार चक्कर नहीं लगाने जरूरत नहीं।- वेबसाइट व एप व्हीकल्स एवं स्टेट अवकाश वाले दिन भी ये सुविधा उपलब्ध है।
लìनग लाइसेंस बनना शुरू हो चुके हैं। इसके लिए 10 कप्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं। हर रोज 60 आवेदन ही स्वीकार किए जा रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा के इंतजामात किए गए है। ऑटोमेटिक सेनेटाइजर बॉक्स लगाया गया है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जा रहा है। अनिल कुमार एआरटीओ आगरा