- कमलानगर डकैती में वांछित प्रभात ने किया पुलिस के सामने सरेंडर

- घटना को अंजाम देने के लिए ब्रांच पर पहुंच चुका था पूरा गैंग

- भीड़भाड़ होने के चलते आखिरी समय पर टाल दिया गया प्लान

- भगवान टॉकीज एरिया स्थित ब्रांच की भी बदमाशों ने की रेकी

आगरा। कमलानगर में डकैती डालने वाले बदमाशों ने नोएडा स्थित मणप्पुरम फाइनेंस कंपनी की ब्रांच में भी लूट को अंजाम देने का प्लान बनाया था। घटना को अंजाम देने की पूरी तैयारी थी, लेकिन तभी आखिरी समय पर इसे टाल दिया गया। इसके बाद गैंग ने भगवान टॉकीज स्थित इसी फाइनेंस कंपनी की ब्रांच की रेकी की। बाद में कमलानगर स्थित ब्रांच को बदमाशों ने वारदात के लिए मुफीद माना। पुलिस पूछताछ में ये खुलासा किया कमलानगर में डकैती कांड में वांछित चल रहे प्रभात ने। दो बदमाशों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद प्रभात ने बुधवार को आगरा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने थाना कमला नगर में सरेंडर किया।

निर्दोष का बचपन का दोस्त

प्रभात ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह बचपन से फिरोजाबाद में पढ़ा लिखा है। मुठभेड़ में मारे गए निर्दोष का वह बचपन का दोस्त है। वह राजस्थान में सेनेटरी इंस्पेक्टर का कोर्स करने गया था। वहां इसकी दोस्ती मनीष पांडेय के छोटे भाई सतीश पांडेय से हुई। यहीं से वह मनीष पांडेय के संपर्क में आया। राजस्थान से लौटने के बाद प्रभात की मनीष और निर्दोष से मुलाकात होती रही।

नोएडा में इसलिए टाल दिया प्लान

एकबार मनीष पांडेय ने प्रभात को नोएडा बुलाया था। वहां नरेंद्र लाला और अन्य साथियों से मिला। तब इन लोगों ने नोएडा के सेक्टर 34 में मणप्पुरम फाइनेंस गोल्ड कंपनी की एक ब्रांच पर रेकी की। उसे दिन भी ये वारदात करने के पूरे प्लान में थे। गैंग में मनीष पांडेय, नरेंद्र लाला, रेनू पंडित उर्फ अवनीश मिश्रा, संतोष जाटव उर्फ चाचा, बबलू यादव उर्फ आशु थे। इनके पास पिस्टल भी थी और बैग भी थे। भीड़भाड़ अधिक होने के चलते ये वारदात को अंजाम नहीं दे सके। आखिरी समय पर वारदात के प्लान को टाल दिया गया।

करीब तीन महीने से प्लानिंग में जुटे थे

प्रभात ने बताया कि पिछले ढाई-तीन महीने से नरेंद्र लाला और मनीष पांडेय मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फाइनेंस की ब्रांच में लूट की प्लानिंग करने में जुटे थे। इन दोनों कंपनियों की ब्रांच बदमाशों के इसलिए निशाने पर थी क्योंकि यहां बड़ी मात्रा में गोल्ड और कैश रहता है। जिससे बदमाश मोटी रकम लूट सकें। इसके लिए इन्होंने नोएडा के बाद भगवान टॉकीज स्थित मणप्पुरम गोल्ड कंपनी की एक ब्रांच की रेकी की। उस रेकी में प्रभात, मनीष, अखिलेश और नरेंद्र शामिल रहे।

सभी अलग-अगल जगह से आए

इसके बाद कमलानगर स्थित ब्रांच की करीब 25 दिन पहले रेकी की। इस रेकी में पूरा गैंग था। इसमें मनीष, प्रभात, नरेंद्र उर्फ लाला, निर्दोष, लालू अंदर गए थे। एक-दो साथी इनके बाहर थे। इस ब्रांच को बदमाशों ने वारदात करने के लिए मुफीद माना। घटना वाले दिन निर्दोष आगरा में प्रभात के घर रुका था। प्रभात अपनी बहन के यहां टूंडला में था। घटना वाले दिन नरेंद्र, संतोष और लालू फिरोजाबाद से आए थे। मनीष नोएडा से आया था। चारों अलग-अगल जगह से आए।

घटना वाले दिन प्रभात ने की रेकी

कमलानगर स्थित ब्रांच के सामने एक पार्क है। वहां पर सभी इकट्ठे हुए। वहां से पहले प्रभात रेकी करने ब्रांच में गया। ब्रांच में अंदर घूम कर बाहर आने के बाद अपने साथियों को ग्रीन सिग्नल दिया। इसके बाद 20 मिनट में दो-दो करके ये लोग अंदर गए। छह लोग अंदर गए। पांच के पास पिस्टल थी। चार के पास बैग था। घटना करने के बाद बाहर निकले। तब तक प्रभात बाहर नीचे रुका हुआ था। दो लोग मनीष और निर्दोष कमलानगर मार्केट की ओर मुड़ गए। जबकि चार लोग पार्क की ओर होते हुए हाईवे की तरफ निकल गए।

टूंडला या फिरोजाबाद में होना था बंटवारा

प्रभात टूंडला वापस चला गया। मनीष और निर्दोष खंदौली रोड की ओर निकल गए। बदमाशों ने टूंडला या फिर फिरोजाबाद में मिलने का प्लान बनाया था। वहीं लूटी गई रकम का शेयर होना था। तय हुआ था कि जितनी बड़ी लूट होगी रकम का बंटवारा उसी हिसाब से होगा।

सभी बदमाशों की हुई पहचान

आईजी रेंज नवीन अरोड़ा ने बताया कि प्रभात से पूछताछ के बाद वारदात में शामिल बदमाशों की पूरी डिटेल सामने आ चुकी है। जो बदमाश कैप पहना था, उसकी पहचान का प्रयास किया जा रहा था। प्रभात ने बताया कि वह संतोष जाटव उर्फ चाचा है। नरेंद्र लाला ही अनिल भी है। मनीष, रेनू पंडित उर्फ अवनीश भी है।

किराये पर रह रहा था प्रभात

आईजी रेंज ने बताया कि प्रभात शर्मा ने खुद को शेयर नहीं मिलने की बात बताई है। वह यहां किराये पर रह रहा है। पिछले चार महीने से वह एक एड्रेस पर रह रहा है। इससे पहले दूसरी जगह रहता था। वह लोहामंडी और खंदौली में रहा है।

एक लाख का घोषित किया ईनाम

मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की कमलानगर शाखा में डाका डालने वाले फिरोजाबाद के हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। एडीजी राजीव कृष्ण ने उस पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया है। इससे पहले आईजी रेंज नवीन अरोरा ने 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था। उधर, पुलिस की छह टीम लगातार दबिश दे रही हैं। दो टीमों को दिल्ली एनसीआर में भी भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि नरेंद्र पुलिस से बचने में माहिर है। उसके दो भाई पूर्व में पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। एक भाई जेल में बंद है। उसकी बहन भी बदमाश है। वह जेल में बंद है। लाला अब दूसरे मुकदमे में जेल जाने की तैयारी कर रहा है, जिससे पुलिस की पकड़ से बच जाएं। इसके लिए आसपास के जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।

आईजी रेंज नवीन अरोड़ा ने कहा कि पुलिस के दबाव में आरोपी ने सरेंडर किया है।

आरोपियों पर शिकंजा कसने पुलिस का प्लान

- लगातार दबिश दी जा रहीं

- संदिग्धों से पूछताछ की रिपोर्ट तैयार हो रही

- क्रिमिनल्स हिस्ट्री खंगाली जा रही

- कोर्ट में मुकदमों की स्थिति देखी जा रही

- जमानतदारों के बारे में पता किया जा रहा

लगातार पुलिस कार्रवाई से बने दबाव के चलते प्रभात ने सरेंडर किया है। उससे पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

नवीन अरोड़ा, आईजी रेंज

Posted By: Inextlive