आगरा: देवाधिदेव महादेव की उपासना का माह सावन इस बार भी सूना ही जाएगा। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर शिवालयों में श्रद्धालुओं प्रवेश वर्जित रहेगा। मेले भी नहीं लगेंगे। मंदिरों का प्रबंधन और उपासक कोरोना गाइडलाइन का पालन कराएंगे।

नहीं लगेंगे मेले

सावन 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। उसका समापन 22 अगस्त को रक्षाबंधन पर होगा। यहां शिव पूजन का विशेष महत्व है। शहर के चारों कोनों पर शिवालय हैं। यह राजेश्वर महादेव मंदिर, बल्केश्वर महादेव मंदिर, कैलाश महादेव मंदिर और पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के नाम से वियात हैं। शहर के मध्य मन:कामेश्वर मंदिर और रावली महादेव मंदिर भी खास हैं। मान्यता है कि यह सभी शिवालय शहरवासियों को विपत्तियों से मुक्ति दिलाते हैं। सावन के चारों सोमवारों को शहर के चारों कोनों पर स्थापित शिवालयों पर मेले लगते हैं। दूसरे सोमवार को बल्केश्वर महादेव मंदिर पर मेला लगता है और उस दिन चारों शिवालयों की परिक्रमा लगाई जाती है। इस दिन पूरा शहर शिवमय हो जाता है। कोराना की गाइडलाइन के अनुसार इस बार भी पिछले साल की तरह सब प्रतिबंधित रहेगा। मंदिरों में श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर पाएंगे। प्रमुख शिवालयों के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।

प्रशासन के निर्देशों के अनुसार ही पूजा-अर्चना होगी। मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। आनलाइन दर्शन की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालु अपने घरों पर अथवा घर के समीप मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

योगेशपुरी, महंत, बल्केश्वर महादेव मंदिर

कोरोना का घातक प्रहार फिर से होने की संभावना व्यक्त की जा रही है, इसलिए भीड़ पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है। मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

निर्मल गिरी, महंत कैलाश महादेव मंदिर

नियमों के पालन में प्रशासन को निरंतरता बनाए रखनी चाहिए थी। हर क्षेत्र में कड़ाई होनी चाहिए। श्रद्धालुओं को भी नियमों का कठोरता से पालन करना होगा, तभी कोरोना की तीसरी लहर को हरा सकेंगे।

सुनील नागर, महंत, बल्केश्वर महादेव मंदिर

भगवान शंकर विपत्तियों को दूर करते हैं। सभी लोग भगवान शंकर के मंत्रों का जाप और शिवचालीसा का पाठ करें, ताकि कोरोना की तीसरी लहर किसी के लिए संकट पैदा न करे।

अजय राजौरिया, महंत, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर

मंदिर की चाहरदीवारी पर काम चल रहा है। प्रयास हैं कि कहीं से भी कोई श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर सके। कोरोना से बचाव का तरीका ही नियमों का पालन करना है। हम प्रशासन के साथ हैं।

पप्पू ठाकुर, उपसचिव, प्राचीन राजेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट

व्रत का विशेष फल

इस बार भी सावन में चार सोमवार होंगे। ज्योतिषाचार्य डा। अर¨वद मिश्र के अनुसार पहला सोमवार 26 जुलाई को है। इसके बाद दो अगस्त, नौ अगस्त और 16 अगस्त को सोमवार है। इन सोमवार को व्रत रखने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

Posted By: Inextlive