आगरा। नगर निगम की कर्मशाला में हर महीने वाहनों की मेंटीनेंस और फिटनेस पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। उसके बाद भी नगर निगम के वाहन अनफिट हैं। इस बारे में आरटीओ की ओर से नगर निगम को वाहनों की फिटनेस पूरी कराने को नोटिस भेजा है। नगर निगम में अनफिट वाहनों की संख्या 100 से ज्यादा है। अभी तक इनका फिटनेस नहीं किया जा सका है।

मेंटीनेंस के नाम औपचारिकताएं

नगर निगम में वाहनों के मेंटीनेंस के नाम पर औपचारिकताएं निभाई जाती हैं। नगर निगम में दो कर्मशाला हैं। इसमें एक पचकुइयां और दूसरी टीपी नगर नगर में हैं। दोनों कर्मशाला में वाहनों का मेंटीनेंस किया जाता है। नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे की ओर से गत दिनों औचक निरीक्षक में एक वाहन की पंक्चर जोड़ने के नाम पर की गई गड़बड़ी पकड़े जाने पर कर्मचारी को निलंबित कर दिया था। इसमें वाहनों की मेंटीनेंस के नाम पर उनकी तकनीकी जांच के साथ बॉडी, फर्श, स्पीड गर्वनर, वायरिंग, गेयर बॉक्स, व्हील के साथ अन्य कार्यो पर मोटा बजट खर्च किया जाता है।

दर्जनों वाहन हैं कंडम

ठीक से मेंटीनेंस न होने के कारण नगर निगम की कर्मशाला में खड़े-खड़े कई वाहन कंडम हो चुके हैं। इसमें एक मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन, चार नाला क्लीनिंग मशीन, तीन थर्मल फॉगिंग थ्री व्हीलर माउंटेड, दो थ्री व्हीलर माउंटेड थर्मल फॉगिंग मशीन, एक रोड रोलर, दो घन मी। क्षमता के टिपर वाहन, एक लोड़र, दो मिनी फोर व्हीलर, लाइटिंग लेडर वाहन, एक नौ मीटर हाइट का लाइटिंग लेडर वाहन, एक 13 मी। हाइट का लाइटिंग लेडर वाहन, तीन 16 मी। हाइट का लाइटिंग लेडर वाहन, एक एलसीवी ट्रक, चार इनोवा कार, एक एम्बेसडर कार, दो ट्रैक्टर मेंटीनेंस न होने के कारण कंडम हो चुके हैं।

नगर निगम के संसाधनों पर एक नजर

- कुल वार्ड 100

- कुल भवन संख्या 3.20 लाख

- 4 सीवेज मशीनें हैं, जिनके जेट खराब हैं

- 16 हाइवा और 10 ट्रैक्टर

- 23 चेन मशीन और 12 जेसीबी

- 20 डंपर प्रेशर मशीन

- 140 टेम्पो 50 मीडियम ट्रिपर

बॉक्स में

- अब कमर्शियल वाहनों में दो वर्ष में एक बार फिटनेस होता है।

- आरटीओ में रोजाना 70 से 80 कमर्शियल वाहनों की फिटनेस होती है।

- जिले में साढ़े तीन लाख से ज्यादा कमर्शियल वाहन हैं, जिनका हर वर्ष फिटनेस होता था।

- समय से फिटनेस न कराने पर प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये जुर्माना लगता है।

वर्जन

वाहनों की नियमित मेंटीनेंस की जाती है। ये रुटीन प्रक्रिया है। कोई दिक्कत आती है तो उसे सही कराया जाता है। तकनीकी फिटनेस चेक कर ही उनको निकाला जाता है।

संजय कटियार, चीफ इंजीनियर नगर निगम

Posted By: Inextlive