- दो दिसंबर को हुई थी शादी, लखनऊ से मथुरा में मंदिरों के दर्शन करने आया था दंपती

- फतेहाबाद क्षेत्र में बोनट से धुआं उठने पर पति कर रहा था चैक, कार में फैल गई आग

- पुलिस और दमकल कर्मियों के मौके पर पहुंचने पर मिला विवाहिता का कंकाल

आगरा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर गुरुवार देररात दर्दनाक हादसा हुआ। पति के सामने ही नवविवाहिता की कार में जिंदा जलकर मौत हो गई। पुलिस और दमकल जब तक मौके पर पहुंची, तब तक कार में फंसी महिला का कंकाल बन चुका था। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

मथुरा में मंदिरों के दर्शन करने आए थे

लखनऊ के मोहनलाल गंज निवासी मुन्नीलाल यादव के बेटे विकास की दो दिसंबर को कृष्णा नगर निवासी 26 वर्षीय रीमा पुत्री हरनाथ के साथ शादी हुई थी। विकास दवा सप्लाई का काम करते हैं। बुधवार को नवदंपती मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में दर्शन करने आए थे। गुरुवार रात स्विफ्ट डिजायर कार से लखनऊ लौट रहे थे। विकास के अनुसार, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 34.4 किमी पर पहुंचते ही उन्हें कार के बोनट से धुआं उठता दिखा। उन्होंने कार रोक दी। नीचे उतरकर इंजन चैक करने लगे। रीमा कार में ही बैठी थीं।

फेल हो गया सेंट्रल लॉक सिस्टम

अचानक कार में आग फैल गई, जिससे सेंट्रल लॉक सिस्टम फेल हो गया। उन्होंने पीछे का शीशा तोड़ पत्नी को निकालने की कोशिश की, लेकिन विकराल आग के चलते सफल नहीं हुए। कोहरे के कारण पुलिस करीब एक घंटे बाद पहुंची। दमकल ने पहुंच जब तक आग बुझाई, तब तक कार में रीमा का कंकाल ही बचा था। पुलिस ने विकास को बदहवास हालत में अस्पताल पहुंचाया, उनके परिजन को सूचना दी। शुक्रवार सुबह विकास और रीमा के परिजन थाना फतेहाबाद पहुंच गए। इस संबंध में दानों के ही परिजन ने कोई तहरीर नहीं दी है। पुलिस ने थाने की जीडी में तस्करा डाल दिया है।

हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी

रीमा के पिता का कहना था कि बेटी के हाथों की मेहंदी भी अभी नहीं छूटी थी, अचानक यह हादसा हो गया। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

ऐसे निकला जा सकता है बाहर

कार में आग लगने के बाद सेंट्रल लाक सिस्टम फेल हो जाता है। इसके बाद कार में बैठे लोगों को बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए कार में हेड रेस्ट में नुकीली कीलें दी जाती हैं। मगर, चालकों में इमरजेंसी रेस्क्यू स्किल के अभाव में लोगों की सेंट्रल ला¨कग सिस्टम के कारण ही जान चली जाती हैं। हेड रेस्ट में लगी नुकीली कीलों की मदद से शीशे तोड़कर बाहर निकला जा सकता है।

हाल ही में पांच लोग कार में जिंदा जले थे

यमुना एक्सप्रेस-वे पर 22 दिसंबर को कंटेनर से टक्कर के बाद स्विफ्ट डिजायर कार में आग लग गई थी। इसमें चालक समेत पांच लोगों की मौत हुई थी। सेंट्रल लाक सिस्टम फेल हो जाने के कारण इसमें सवार लोग बाहर नहीं निकल सके। इसलिए वे कार में ही ¨जदा जल गए।

कार लगने पर क्या होता है?

- आग लगने से वाय¨रग जलने से सबसे पहले कार के पावर ¨वडोज और सेंट्रल ला¨कग सिस्टम फेल हो जाते हैं। इसके बाद न ¨वडो खुलती है और न ही शीशे नीचे होते हैं। आपको कार से बाहर आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

- आग लगने पर कार्बन मोनो आक्साइड की वजह से कार में बैठे लोगों की जान चली जाती है।

आटो एक्सपर्ट की सलाह

- हर गाड़ी में हेड रेस्ट दो नुकीली कीलें सीट में फिट रहती हैं। बटन दबाने पर यह निकल आता है। सेंट्रल लाक सिस्टम फेल होने पर पीछे बैठे लोग इसे निकालकर साइड ¨वडो या पीछे के शीशे को तोड़कर बाहर निकल सकते हैं। यह इसीलिए नुकीले बनाए जाते हैं।

- सीट बेल्ट में लगे लोहे के कुंदे से भी शीशा तोड़ने का प्रयास किया जा सकता है।

- जिन गाडि़यों में हेड रेस्ट में नुकीली कील न हों, उनके चालक व्हील पाना या हथौड़ा सीट के नीचे रखें।

- कार में जब बच्चे हों तभी चाइल्ड लॉक का इस्तेमाल करें। हर समय गाड़ी में चाइल्ड लॉक न लगाएं।

- सेंट्रल ला¨कग सिस्टम वाली गाडि़यों में भी डिग्गी अंदर से मैन्युअली खोलने का सिस्टम होता है। इसे खोलकर कार के पीछे से बाहर निकला जा सकता है।

कार में अचानक धुआं निकला। जिसको चैक करने के लिए महिला के पति बाहर निकले। इसी दौरान कार में आग फैल गई। सेंट्रल लॉक सिस्टम फेल होने से महिला कार में फंस गई। कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

बीएस वीर कुमार, सीओ फतेहाबाद

Posted By: Inextlive