मानसिक रूप से भी रहें फिट, कोरोना से करते रहें बचाव के उपाय
- कोविड-19 के कारण बढ़ रही मानसिक समस्याएं
- बच्चों और बुजुर्गो में सामने आ रहे इस तरह के केस केस-1 65 वर्षीय बुजुर्ग इन दिनों घर में अकेले रह जाते हैं। लॉकडाउन में उनके घर में उनकी पूरी फैमिली उनके साथ रहती थी। लेकिन, अब उनका बेटा काम पर दिल्ली लौट गया है। उनका दूसरा बेटा भी डेली सुबह अपनी ड्यूटी चला जाता है। अब वे घर पर अकेले रहते हैं और कोरोना की खबरें देखकर उन्हें मानसिक दबाव होने लगता है। केस-2 12 साल के एक बच्चे को ओसीडी (मनोग्रसित बाध्यता विकार)की शिकायत होने लगी है। कोविड-19 से बचाव के लिए पेरेंट्स ने उसे हाथ धोने के लिए बार-बार कहना शुरू किया। लेकिन, अब वो पूरे दिन हाथ धोते रहता है। तुरंत हाथ धोने के बाद उसे ऐसा लगता है कि उसके हाथ साफ नहीं हुए हैं, तो वो दोबारा हाथ धोने लगता है। ये सिलसिला बार-बार चलते रहता है।
आगरा। कोविड-19 ने आगरा में मार्च में दस्तक दी थी। इसके बाद मार्च में ही लॉकडाउन लगा दिया गया। अब पांच महीने हो गये हैं। लोग लगातार कोविड-19 से बचाव कर रहे हैं। पहले लोगों को लग रहा था कि थोड़े समय के बाद कोविड-19 खत्म हो जाएगा। अब लोगों पर कोविड-19 का मानसिक दबाव भी पड़ने लगा है। लेकिन, कोविड-19 से बचने के लिये मानसिक रूप से मजबूत रहना जरूरी है। तभी कोविड-19 से बचाव संभव है।
बढ़ रहा मानसिक दबाव कोविड-19 के कारण मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी तेजी से उभरकर आया है। कोविड-19 ने लोगों की आदतें तो जरूर बदल दी हैं, लेकिन एक बड़ा तबका तनाव के बीच जिंदगी जी रहा है। कोरोना काल में लोगों में अकेलेपन की भावना बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही मानसिक हेल्पलाइन सेवा में अपनी सेवा दे रही मनोवैज्ञानिक डॉ। अंशु चौहान बताती हैं कि कोरोना काल में जो लोग व्यस्त हैं, उन पर तो उतना मानसिक दबाव नहीं हो रहा है। लेकिन, घर में रहने वाले बच्चे और बुजुर्गो पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। अब उनमें घर पर रहने से अकेलापन महसूस होने लगा है। युवाओं में भी इन दिनों भविष्य की चिंता को लेकर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। दिक्कत होने पर कराएं काउंसलिंगजिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ। पीके शर्मा ने बताया कि कोविड-19 से बचाव के उपाय लगातार करने होंगे। कुछ लोगों में मानसिक दबाव की भी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानसिक काउंसलिंग के लिये हेल्पलाइन सेवा भी संचालित है। कोई परेशानी होने पर दिये गये हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
लोग खुद को रखें स्वस्थ मनोचिकित्सकों का कहना है कि कोरोना काल के इन हालात से निपटने के लिए समय का सही इस्तेमाल करना चाहिए। उनके मुताबिक जिन विषयों में रूचि हैं उन पर किताबें पढ़नी चाहिए, घर में पेड़ और पौधों से भी सकारात्मकता का अहसास हो सकता है। वे कहते हैं साथ ही सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर आने वाली नकारात्मक चीजों को नजरअंदाज कर सकारात्मक चीजों को ही अपनाना चाहिए। मनोचिकित्सकों का कहना है कि लोग शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखें। मानसिक तनाव को दूर रखने के लिये करें ये उपाय -खुद को बिजी रखें, - हॉबीज को टाइम दें, -हेल्दी फूड का सेवन करें, -नींद प्रॉपर लें -म्यूजिक सुनें - बुक्स पढ़े - शिड्यूल को मेंटेन करें ये हैं मानसिक तनाव के लक्षण मानसिक तनाव लगातार बने रहने से वो डिप्रेशन में तब्दील हो सकता है। इसलिये आपको इसके लक्षणों को पहचानना होगा। लक्षणों को पहचानकर आपको काउंसलर से संपर्क करना होगा या अपने किसी करीबी को अपनी समस्याओं के बारे में बताने की जरूरत है।मानसिक परेशानी के ये लक्षण भी हो सकते हैं
थकान नींद में गड़बड़ पीठ में दर्द चिड़चिड़ापन एकाग्रता की कमी गुस्सा खराब हाजमा