- जल्द होगा कंपनी का चयन, हादसों को रोकने की कवायद

- आईआईटी दिल्ली ने किया एक्सप्रेस-वे का सुरक्षा ऑडिट

- अब तक यमुना एक्सप्रेस-वे पर हो चुके हैं कई हादसे

आगरा। अब यमुना एक्सप्रेस-वे हादसे को रोकने के लिए मेटल बीम क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इससे होने वाले हादसों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। डिवाइडर के दोनों और मेटल बीम क्रैश बैरियर और गार्डर रेल्स लगाए जाएंगे। इनके लगने के बाद कोई भी हादसा होने पर वाहन एक्सप्रेस-वे से बाहर नहीं जा सकेगा। न ही दूसरी लेन में जा सकेगा।

टीम में ये एक्सप‌र्ट्स रहे शामिल

केन्द्र सरकार के निर्देश पर एक्सप्रेस-वे की संरक्षा का ऑडिट कराने के लिए आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर दिनेश मोहन के साथ पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता सत्य प्रकाश, परवेज अहमद, पीके जैन, योगेश पवार समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था। टीम ने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सुरक्षा का ऑडिट कर अपनी रिपोर्ट सौंपी हैं। एक्सप्रेस-वे की संरक्षा के लिए 4306 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था।

ये सुरक्षा बिंदु सुझाए गए

- डिवाइडर हटाकर थ्रार्ड पिलर लगाए जाने चाहिए।

- एक्सप्रेस थर्मो प्लास्टिक से प्रवेश

- हाईवे किनारे माìकग की जानी चाहिए।

- टोल प्लाजा पर ऑन द स्पॉट चालान किए जाएं, क्योंकि वहां डिसप्ले बोर्ड गति का उल्लघंन स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है।

- गति उल्लघंन करने वाले सभी वाहनों का पोस्टल व ई-चालान किया जाए।

- गति उल्लघंन करने वाले वाहनों का पूरा विवरण जेपी इंफ्राटेक द्वारा संबंधित थानों व येडा को उपलब्ध कराया जाए।

- यमुना एक्सप्रेस के प्रत्येक 5 किमी के दायरे में स्पीड अरेस्टर लगाया जाए।

- ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर की संख्या में इजाफा होना चाहिए।

- यमुना एक्सप्रेस-वे के प्रवेश व निकास स्थानों पर टायरों के एयर प्रेशर एवं घिसावट को चेक करने के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

- यमुना एक्सप्रेस-वे का एक्रीडेंट डाटा बेस मैनेजेमेंट सिस्टम भी जेपी द्वारा विकसित करना चाहिए। ताकि वहां हुई दुर्घटनाओं का विश्लेषण किया जा सके।

- जागरूकता अभियान चलाया जाए।

हादसे में 29 लोगों की हुई थी मौत

गत वर्ष जुलाई में बस एक्सीडेंट होने से 29 लोगों की मौत हो गई थी। एक्सप्रेस-वे पर हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इसी को देखते हुए सुरक्षा ऑडिट कराया गया।

वर्ष एक्सीडेंट

2015 919

2016 1193

2017 763

2018 341

नोट: ट्रैफिक निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार।

146 लोगों की मौत हुई 2017 में

1426 घायल हुए हादसे में 2017 में

47 लोगों की मौत हुई 2018 में

732 लोग घायल हुए 2018 में

फ्री में चाय-कॉफी भी फाइलों में

यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए टोल पर वाहन चालकों को मुफ्त में चाय कॉफी पिलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसका समय रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक निर्धारित किया गया था। इसका पूरा खर्च यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को उठाना था। लेकिन, ये प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं आ सका।

एक्सप्रेस-वे पर नजर

128.39 अरब खर्च कर निर्माण हुआ

165 किमी लंबा

2015 में फाइटर प्लेन की लैंडिंग

एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने कराया था ऑडिट

एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसों को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा आईआईटी दिल्ली से सुरक्षा ऑडिट कराया था। दिल्ली आईआईटी ने सुरक्षा ऑडिट की रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में सुझाए गए बिन्दुओं पर काम किया जा रहा है। बता दें, यमुना एक्सप्रेस-वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का भी सुरक्षा ऑडिट कराया गया है।

जल्द ही शुरू होगा काम

कोई भी वाहन मेटल बीम क्रैश बैरियर से टकराने के बाद दो फुट पीछे हट जाएगा। यमुना एक्सप्रेस-वे हायर अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही किसी कंपनी का चयन कर काम शुरू करा दिया जाएगा।

यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ एक्सप्रेस-वे, दोनों पर चालान बहुत कम किए जा रहे हैं। अन्य देशों में ड्राइवर के लिए एक लॉग बुक हर टोल पर मौजूद रहती है। इसमें वह कितने किमी का सफर तय कर चुका है। इसके बाद उसके रेस्ट की व्यवस्था भी होती है। यहां ऐसा नहीं होता है। ओवर स्पीड पर चालान होने चाहिए। टायरों की क्वालिटी देखकर ही अनुमति देनी चाहिए। पीक टाइम में हैवी व्हीकल्स को रोक देना चाहिए। अब दिल्ली आईआईटी द्वारा सुरक्षा ऑडिट कराया गया है। इन बिन्दुओं पर अमल होना चाहिए।

केसी जैन, सचिव, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन

Posted By: Inextlive