संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष को ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है. इसी के तहत भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स ईयर मनाया जा रहा है. इसके तहत जगह-जगह मिलेट्स के प्रति जागरुकता बढ़ाई जा रही है. इसके साथ ही मिलेट्स बेस्ड प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है.

आगरा(ब्यूरो)। अब बाजार में आपको मैदे के साथ-साथ रागी के कुकीज और बाजरे की आइसक्रीम जैसे उत्पाद देखने को मिलेंगे। यह आपको सेहतमंद बनाएंगे। आरबीएस कॉलेज में शुक्रवार को मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज और एसोचेम द्वारा आयोजित मिलेट्स मेला में मिलेट्स आधारित उत्पादों की झलक देखने को मिली।

यहां पर ऑर्गेनिक मिलेट्स समेत उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की स्टॉल्स लगाई गई। यहां पर नोएडा से आए हर्षवर्धन खंडूरी ने बताया कि उनकी कंपनी का नाम न्यूट्रेनिया है। वह मोटे अनाज से बने कुकीज सहित अन्य उत्पाद बनाते हैैं। उन्होंने बताया कि यह सेहत के लिए फायदेमंद होते हैैं। हमने बचपन से ही मोटा अनाज खाया है। लेकिन वक्त के साथ-साथ मोटे अनाज का चलन कम हो गया और यह बाजारों और घरों से गायब हो गया। एक दिन मेरी चार साल की नातिन को पेट में कब्ज की शिकायत होने लगी। डॉक्टर को दिखाया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। इसके बाद मेरी पत्नी ने उसके लिए बाजरे, रागी, गुड़, चना आदि को मिलाकर कुकीज बनाए और उसे खिलाना शुरू किया। बच्ची को फायदा हो गया और उसे कब्ज से राहत मिल गई। तभी से हमने इस स्टार्टअप को शुरू करने का सोचा। इसके लिए मैंने हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च (आईआईएमआर) से छह माह की ट्रेनिंग ली और हमने अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया। आज हम मिलेट्स को प्रमोट करने वाले उत्पाद (खासकर कुकीज) बनाते हैैं। इन कुकीज को रागी, ओट्स, शहद, नारियल, खजूर से बनाया जाता है। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैैं।

शुरू किया हेल्दी आइसक्रीम का स्टार्टअप
मिलेट्स मेला में स्टॉल लगाने वाले विवेक उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने इसी साल आइसक्रीम का स्टार्टअप शुरू किया है। उन्होंने बताया कि वह बाजरे की कुल्फी बना रहे हैैं। जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि उन्होंने दयालबाग शिक्षण संस्थान(डीईआई) से फूड प्रोसेसिंग की पढ़ाई की। इसके बाद मदर डेयरी जैसी कंपनियों में काम किया। अब उन्होंने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया है। इसमें वह लोगों को सेहतमंद प्रोडक्ट्स सर्व करना चाहते हैैं। जिससे कि लोगों को स्वाद के साथ बेहतर सेहत भी मिल सके। इसके लिए उन्होंने अपनी आइसक्रीम ब्रांड मिल्की स्कूपी में बाजरे की कुल्फी बनाई है। इसे हमने बाजरे को क्रश करके धोकर दूध में मिलाकर बनाया है। हमने फतेहाबाद में अपनी यूनिट लगाई है और गांव से ही दूध सहित अन्य चीजें खरीदकर आइसक्रीम बना रहे हैैं।

वैक्यूम पैकिंग में मिलेट्स
आरियाना वेलनेस कंपनी की वैशाली ने बताया कि ऑर्गेनिक मिलेट्स लोगों को सेल करती है। उन्होंने कहा कि हम रागी, बाजरा, समा सहित अन्य मोटे अनाज को वैक्यूम पैकिंग करके सेल करते हैैं। इससे अनाज लंबे समय तक खराब भी नहीं होता है और इसे स्टोर करके भी रख सकते हैैं।


हम मिलेट्स से बने कुकीज बनाते हैैं। ताकि लोग स्वाद-स्वाद में मोटे अनाज का सेवन करें और सेहतमंद रहें।
- हर्षवर्धन खंडूरी, ओनर, न्यूट्रिका

मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए हमने बाजरा कुल्फी बनाई है। यह काफी सेहतमंद है। जल्दी ही यह आगरा की सड़कों पर दिखेगी।
- विवेक उपाध्याय, ओनर, मिल्की स्कूपी

हम विशेष वैक्यूम पैकिंग में ऑर्गेनिक मिलेट्स को सेल कर रहे हैैं। इससे यह खराब भी नहीं होते और स्टोर भी किए जा सकते हैैं।
- वैशाली, एंप्लाई, आरियाना वेलनेस
कैल्शियम का रिच सोर्स है रागी
हर्षवर्धन खंडूरी ने बताया कि वह उत्तराखंड में पले-बढ़े हैैं। पहाड़ों में कई बार गर्भवती अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती थीं और बच्चे को जन्म देने के बाद उनकी मौत हो जाती थी। तब पहाड़ों में गाय का दूध भी उपलब्ध नहीं हो पाता था। तब हमारे यहां पर रागी को भिगाने के बाद उबाला जाता था और कपड़े में रागी को निचोड़कर उसका रस निकालकर नवजात को पिलाया जाता था। उससे बच्चा सेहतमंद रहता था। रागी मां के दूध जितना सेहतमंद और कैल्शियम का अच्छा सोर्स है।

Posted By: Inextlive